RE: Kamukta Kahani दामिनी
दामिनी--11
गतान्क से आगे…………………..
आज तो भैया चहक रहे थे नाश्ते के टेबल पर ....हम नाश्ते के टेबल पर बैठे मम्मी का इंतेज़ार कर रहे थे ...
पापा दीख नहीं रहे थे ....
मम्मी जैसे आईं नाश्ते का ट्रे हाथ में लिए ..भैया झट आगे बढ़ कर उन के हाथ से ट्रे ले लिए ...प्लेट में टोस्ट और फ्राइड एग्स थे ..भैया का फवर्ट ...
देखते ही भैया उछल पड़े " मम्मी जी तुस्सी ग्रेट हो...आह आज मेरी पसंद का नाश्ता ...." और उन्होने मम्मी के हाथ पकड़ कर उनके हाथ चूम लिया ..."ह्म्म्म ..पर मोम ..पापा कहाँ हैं .... अब तक सो रहे हैं क्या ..??"
मम्मी ने हाथ छुड़ाते हुए कहा .." वो तो मॉर्निंग फ्लाइट से गये ... तुम लोग सो रहे थे ,इसलिए जगाया नहीं ..चलो जल्दी दोनों नाश्ता करो ...कॉलेज का टाइम हो रहा है.."
भैया ने एक बीते ली टोस्ट और एग्स की ...फिर उन्होने मम्मी के हाथ चूम लिए ..
" वाह मों ..कितना राइट टोस्ट किया आप ने...इतना क्रिस्प ...ऊवू मोम यू आर दा ग्रेटेस्ट मोम .."" और उनका हाथ चूमते रहे ...
" अरे बाबा नाश्ता क्या मेरे हाथ का ही करेगा तू ..?? हाथ छोड़ और नाश्ता कर ..." उन्होने हंसते हुए कहा .
" सही में मम्मी ..मन करता है तुम्हारे हाथ ही खा जाऊं ..तुम्हारे हाथों में जादू है..."
" हाँ हाँ रहने दे रहने दे..जब तेरी बीबी आएगी ना ...फिर उसके हाथ ही थामे रहेगा तू..मेरी हाथ की याद भी ना आएगी तुझे..."
"अरे बीबी आएगी तब ना ..मेरी मोम के सामने दुनिया की किसी भी लड़की की कोई औकात नही ..हाँ दामिनी को छोड़ ..मेरी जिंदगी में बस तुम दोनों हो ..और कोई नहीं ..." और उन्होने मम्मी को गले लगा लिया ..और उनके गालों को चूमने लगे ...
" अरे बेवक़ूफ़ ..तू क्या बोल रहा है कुछ समझ में आती भी है ...तुझे ..? तुम दोनों भाई बहेन से भगवान ही बचाए ...वो है के बाप से लीपटि रहती है..और तू मेरे से ...छोड़ मुझे ..कितना काम पड़ा है ....जल्दी नाश्ता कर और कॉलेज जा.." उहोने हंसते हुए कहा ..और उनके गालों में चपत लगाते हुए अपने को छुड़ाते हुए किचन की ओर चली गयीं ..
"वाह भैया वाह ...बिल्कुल सही जा रहे हो ...लगे रहो ...मम्मी की चूत अब फ़तेह होनी ही वाली है ..." मैने उनके लौडे को टेबल के नीचे से दबाते हुए कहा ...पर उनका लौडा तो मम्मी ने पहले ही खड़ा कर दिया था ,,,पॅंट के अंदर तननया था ...
" दामिनी ..मैं सही में पागल हो जाऊँगा ..कितनी सॉफ्ट हैं मम्मी ... उनका पूरा बदन कितना खुश्बुदार है ...उनको दबाता हूँ तो ऐसा फील होता है मानों किसी सॉफ्ट स्पंजी गद्दे में धंसता जा रहा हूँ .."
" और मुझे दबाने से कैसा फील होता है मेरे भैया को ...? " मैने शरारत भरी मुस्कान अपने होंठों पे लाते हुए कहा ..
" तुम दोनों नायाब हो ...तुम्हें दबाने से फील होता है किसी सॉफ्ट रूई (कॉटन) के गद्दे का..सॉफ्ट भी ..हार्ड भी ...ऊवू दामिनी ... मेरी जिंदगी में तुम दोनों मेरे लिए नायाब तोहफा हो ... " और उन्होने मुझे अपने से चिपका लिया ...मैं आँखें बंद किए इस प्यार का मज़ा ले रही थी ...
तभी मम्मी के किचन से बाहर आने की आहट हुई..हम दोनों झट से अलग होते हुए अपनी अपनी जागेह बैठ ..नाश्ता करने लगे...
" ये लड़का तो बस सही में दीवाना है ..पागल है ..कहता है मेरे और दामिनी के सामने कोई लड़की ही नहीं ..." और फिर फ्रेश गरम और क्रिस्प टोस्ट्स मेरे और भैया के प्लेट्स में रखते हुए कहा " ओये ...मम्मी और बहेन के आशिक ..क्या जिंदगी भर कुँवारा ही रहने का ख़याल है ..??"
" हाँ मम्मी फिलहाल तो कुछ ऐसा ही है मेरे मन में ..." उन्होने मुस्कुराते हुए मम्मी की ओर एक तक देखते हुए कहा..
" ये लड़का सही में पागल है ... " पर अंदर ही अंदर उनके गुब्बारे फूट रहे थे ..ये भी हम महसूस कर रहे थे ..फिर उन्होने कहा " देख अभी आज शाम को ज़रा जल्दी आ जाना ..मुझे क्लब जाना है.."
ये सुनते ही भैया तो जैसे उछल पड़े ...उन्होने मुझे आँखें मारते हुए मम्मी से कहा " शुवर मोम ... बंदा हाज़िर हो जाएगा अपनी मोम के कदमों में..." और उनके कदमों में झूकते हुए उनको सलाम किया ...
मम्मी का हंसते हंसते बुरा हाल तहा " ये लड़का .....सुधरेगा नहीं ..लगता है अब कुछ तो करना ही पड़ेगा ... "
थोड़ी देर बाद हमारा नाश्ता हो गया ..मम्मी किचन में थी..
" भैया ...मान गये आपको ..आप का तीर निसाने पे लग गया .....आज तो बस आपका लंड होगा और मम्मी की चूत होगी.....ऊवू मज़ा आ जाएगा आज के शो में ..." मैने चहकते हुए कहा ...
" ओओह्ह्ह दामिनी तेरी मुँह में घी शक्कर ..." और ये कहते हुए उन्होने घी शक्कर तो नहीं ..पर अपनी जीभ ज़रूर डाल दी मेरे मुँह में और मेरी जीभ चूसने लगे ...
" आहह..भैया छोड़ो ना मुझे ....रात को मम्मी की जितनी चाहे चूसना ...." और मैं उन से अलग हुई..बड़ी मुश्किल से ...
और शाम को भैया कॉलेज से जब आए तो मम्मी को बस देखते ही रहे ..क्या सेक्सी लग रहीं थी ...उन्होने सारी नाभि से नीचे बाँध रखी थी ..ब्लाउस क्या था सिर्फ़ ब्रा ढकने भर ..उनके चूचियों की उभार ..लग रहा था अब उछल कर बाहर आई ... नाभि से ब्लाउस तक पेट बिल्कुल नंगा ..जैसे सफेद संगमरमर ....
भैया की मुँह से सीटी निकल गयी .... वो आँखें फाड़ फाड़ देखते रहे ...
" अरे आँखें फाड़ फाड़ क्या देख रहा है..कभी कोई लड़की नहीं देखी क्या ..??? जा जल्दी कार निकल ..मुझे देर हो रही है...और हाँ मुझे लाने की ज़रूरत नहीं ...म्र्स वेर्मा मुझे छोड़ देंगी...चल अब जल्दी कर .."
भैया मम्मी को क्लब ड्रॉप कर सीधे घर आ गये ..और हम दोनों बेसब्री से मम्मी के आने का इंतेज़ार कर रहे थे.....
मैं भैया के सीने में अपनी पीठ रखे और अपनी टाँगें उनकी जांघों पर रखे अपनी फॅवुरेट सीरियल टीवी पर देख रही ठेए ..और भैया मेरे बाल सहला रहे थे ओउर मेरी चुचियाँ भी मसल देते बीच बीच मैं ...हम दोनों को मम्मी के आने का बड़ी बेसब्री से इंतेज़ार था ..
तभी कार रूकने की आवाज़ आई..फिर कार का दरवाज़ा खुला ..हम बाहर आए ...मम्मी आ चूकी थी..पर जिस रूप में वो खड़ी थी ..हम बस आँखें फाडे देख रहे थे ...
उनका आँचल नीचे था ..उपर सिर्फ़ ब्लाउस ,उसके अंदर से झाँकति उनकी सुडौल चुचियाँ .. एक हाथ से आँचल उपर करने की नाकाम कोशिश कर रही थी..चाल में लड़कड़ाहट .. आँचल बार बार गिर जाता ..नंगा पेट ...नाभि की सुराख ...अयाया क्या सेक्सी लुक था मम्मी का ...पूरा का पूरा 5'6'' सेक्स , संगमरमर की मूर्ति सामने खड़ी थी ...उन्होने अंदर आने को अपने लड़खड़ाते कदम बढ़ाए ..पर इस से पहले की गिर पड़ती ..भैया ने उन्हें झट बढ़ उनको कमर से पकड़ लिया ...और मम्मी ने उनके कंधों पर अपना सर रखे उन्हें थाम लिया...भैया ने उन्हें और अपने करीब चिपका लिया .उनकी चुचियाँ उनके सीने से चिपकी थी ...
" अरे ...तुम लोग अभी तक जागे हो.." उनकी आवाज़ लड़खड़ा रही थी.." एयेए हह .ये मुझे किस ने थामा हुआ है...बेटा अभी ..तू है ...?? अरे तू तो पूरा मर्द लग रहा है रे..अपने बाप की तरह मुझे सीने से लगा रखा है....ऊऊओ ...हाँ बेटा तू बिल्कुल अभय की तरह लग रहा है आज ...हाां अयाया .." और उन्होने अपना सर उनके कंधे पर रख आँखें बंद कर लीं...और नशे में बड़बड़ाई जा रहीं थी ..
भैया ने उन्हें अपनी मजबूत बाहों से उठा लिया अपने कंधे पर और उन्हें उनके बेड रूम में ले जा कर बेड पर लीटा दीया ..
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