Kamukta Kahani दामिनी
11-17-2018, 12:46 AM,
#12
RE: Kamukta Kahani दामिनी
पापा सन्न थे ..उन्हें मानों लकवा मार गया..कुछ देर वो बिल्कुल चूप थे......

मैं उनके लौडे को जोरों से सहलाए जा रही थी दोनों हाथों से और कहती भी जा रही थी " मुझे बस ये चाहिए ..हाँ मुझे ये चाहिए ... "

"तू पागल है दामिनी ..पागल ..तू जानती है तू क्या कह रही है ?? ..क्या करने जा रही है ...तू मेरी बेटी है दामिनी ..मेरी इतनी प्यारी बेटी ....मैने कभी ऐसा सोचा नहीं ... ये ग़लत है ...बेटी ...ग़लत है ..""

"कुछ ग़लत नहीं पापा ..कुछ ग़लत नहीं..मैं एक जवान लड़की हूँ और आप एक मर्द ..बस और कुछ नहीं..मैं कब से आपकी प्यासी हूँ ..मैं आप से कितना प्यार करती हूँ ..क्या प्यार करना ग़लत है ..??" मेरा हाथ उनके लौडे से लगातार खेल रहा था ..उनका लौडा और सख़्त होता जा रहा था ..पापा ने मेरे हाथ हटाने की कोशिश की ..पर आज ना जाने मुझमें इतनी ताक़त कहाँ से आ गयी थी ..पापा मेरे हाथ हटा नहीं सके ...

"बेटी ..मेरी प्यारी ..मेरी अच्छी अच्छी बेटी ..मान जा ..मान जा ..ये सही नहीं .." वो जान गये थे गुस्से से मैं नहीं मान ने वाली ...

मैने अब और ज़्यादा देर करना ठीक नहीं समझा ..मैं एक हाथ से पापा का लंड थामी थी और दूसरे हाथ से झट अपने शॉर्ट्स उतार दी ...उसी हाथ से अपनी फुद्दि फैलते हुए पापा के लंड पर अपनी फुद्दि रख डी , मेरे दोनों पैरों के बीच पापा थे ...मेरी फुद्दि इतनी गीली हो गयी थी के मेरे बैठ ते ही मेरी फुद्दि उनके सुपाडे तक अंदर चली गयी ....ये सब इतनी जल्दी हुआ के पापा भौंचक्के थे ..उनकी आँखें फटी की फटी रह गयीं ... उन्हें मानों लकवा मार गया था...

मैने बिना समय गँवाए अपनी आँखें बंद कर सांस रोकते हुए अपना पूरा वेट अपनी फुद्दि पर डाल दिया ....मेरी गीली फुददी पापा के लंड में ऐसे धँस गयी जैसे किसी छुरी पर खरबूज़ ...

मैं दर्द के मारे चीख उठी , मेरी झील्ली फॅट गयी थी ...

"पपााअ...बहुत दर्द हो रहा है.....मैं मर गइईए ...." पर मैं जानती थी अगर मैं अभी रुक गयी तो फिर कभी भी नहीं मिलेगा मुझे पापा का लंड ..मैने अपने दाँत भींचते हुए अपनी फुद्दि उपर की और फिर आँखें बंद किए एक और जोरदार दबाब डाला अपनी फुद्दि पर और फिर मेरी फुद्दि फत्चाक से पापा के लंड की जड़ तक पहोन्च गयी ...इस बार मेरी जान निकल गयी ...मेरे आँखों से लगातार आँसू बह रहे थे दर्द के मारे और फुद्दि और लंड के बीच से खून .... पापा की जांघों में गिरते जा रहे थे ..मैं मन ही मन अपने आप को कहती जा रही थे "मत रुक मत रुक ..बस आज से ले , फिर बाज़ी तेरे हाथ है ..." मुझे लगा मैं दर्द से बेहोश हो जाऊंगी ... पर मैने अपने आप को संभाल रखा ...और फिर फुद्दि जो अब चूत बन चूकि थी ..झट उपर किया ..उपर करते ही और खून टपकने लगा ,मैं रोने लगी ..आँखों से आँसू निकल रहे थे ...

पर फिर जो मैने देखा .. मेरी जिंदगी का सब से रोमांचक और खुशी से भरा द्रिश्य था .......

पापा की आँखों में आँसू थे ...लगातार आँखों से उनके गाल पर बहते जा रहे थे ...मेरी ओर बड़ी प्यार से एक तक देखे जा रहे थे और मैं दर्द से सीसक रही थी ..मेरे आँखों में भी आँसू थे ..पर दर्द के ...मेरी चूत से खून रीस रहा था .. उनका लंड भी खून से लाल था ...

उन्होने मुझे मेरे कमर से थामते हुए अपनी ओर खींच लिया और अपने गले से लगाते हुए बार बार कहते जाते " ओओह ..ऊ बेटी , मेरी प्यारी प्यारी बेटी , बहुत दर्द हो रहा है ..??तू मुझे इतना प्यार करती है ...आइ टू लव यू ... बहुत ..बहुत प्यार करता हूँ..तुम्हें दर्द कैसे दे सकता हूँ , मेरी प्यारी बेटी ..कैसे ???"

औरे उन्होने मेरे गाल और आँखों में लगे आँसू अपनी जीभ से चाट ते हुए साफ कर दी , मैं खुशी से पागल हो उठी ....मैं अभी भी सिसक रही थी उनके सीने में सर रखे और फिर फूट पड़ी:

"हाँ ..हाआँ पापा ...आइ लव यू सो मच..मैं आपको पाने के लिए कुछ भी कर सकती थी..कुछ भी ..हाँ पापा ..कुछ भी..."

पापा ने मेरे चेहरे को अपने हाथों से थामते हुए अपने चेहरे की ओर खींच लिया और बेतहाशा चूमने लगे ..कभी गालों को , कभी होंठों को , कभी गले को ..मैं सिहर रही थी ..कांप रही थी उनके प्यार से... और वो कहते जाते " तुझे बहुत दर्द दिया ना मैने ..चल अब मैं तेरी सारी दर्द ख़त्म कर देता हूँ ..अब तुझे कोई दर्द नहीं होगा ..मुझे माफ़ कर दे बेटी ,,मैने तुम्हें ग़लत समझा ...सही में हमारा रिश्ता कुछ और ही है ..कुछ और ही ... "

और मुझे एक बच्ची की तरह अपनी गोद में उठाते हुए अपने बेड रूम की ओर चल पड़े ...मुझे बड़े प्यार से लिटा दिया ...और एक सॉफ्ट टवल से मेरी चूत में लगे खून साफ किया ...अपने लंड को भी साफ किया ...फिर अपनी उंगलियों में क्रीम लगाई और मेरी चूत के अंदर हल्के हल्के लगा दिया, उनके उंगली की स्पर्श से मेरी चूत में जलन हो रही थी ...

"पापा अंदर जलन हो रही है ..." मैने सिसकते हुए कहा ..

"बस बेटी ..तू ने असली दर्द तो सह लिया बस अब थोड़ा और सह ले मेरी स्वीटी ..."

और उन्होने अपने लौडे पर भी क्रीम लगाई ..मेरी टाँगें फैला दी और मेरी टाँगों के बीच आ गये ..

क्रमशः.…………….
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Kamukta Kahani दामिनी - by sexstories - 11-17-2018, 12:43 AM
RE: Kamukta Kahani दामिनी - by sexstories - 11-17-2018, 12:46 AM

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