RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
नीलम ने यह बात सुनते ही मनोहर के लंड को कस कर दबोच लिया और कहने लगी अरे मेरी किसी जवान लंड से चुदने की इच्छा होगी भी तो मैं कहाँ से ऐसा जवान लंड ढूंढू, तुम अगर कुछ मदद कर सको तो बताओ,
मनोहर मन में सोचता है कि अगर नीलम को पटा लिया जाए तो शायद सुधा को फसा कर चोदने में कुछ मदद हो
जाए या कहे तो नीलम सुधा को मुझसे चुदवाने मे मदद कर सकती है और यही सोच कर मनोहर सोचता है कि यह तभी हो सकता है जब मे नीलम को भी किसी जवान लंड से चुदने का लालच दूं तब तो वह ज़रूर अपनी चूत किसी जवान लोंडे से चुदवाने के चक्कर में सुधा को फसाने का कोई आइडिया दे सकती है,
मनोहर : सच नीलम मेरा तो मन करता है कि कोई 20-25 साल की लोंड़िया मुझे चोदने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए,
नीलम : अच्छा जी खुद जवान लड़कियों को चोदने का ख्वाब देख रहे हो फिर मेरा क्या होगा मुझे कौन चोदेगा
मनोहर : मुझे किसी जवान लोंड़िया की जवानी चखा दे मैं भी तेरे लिए कोई तगड़ा जवान लंड का बंदोबस्त कर देता हूँ,
नीलम : शरम करो बच्चे बड़े हो गये है और तुम्हे बुढ़ापे में जवान लोंड़िया चोदने को चाहिए, अब तो बेटी की शादी की फिकर करो
मनोहर : हाँ नीलम तुम सही कह रही हो सुधा भी अब पूरी जवान हो गई है, उसका जिस्म पूरा भर चुका है पूरी तुम पर गई है, नीलम ने मनोहर का लंड सहलाते हुए महसूस किया कि मनोहर का लंड सुधा की बात करते हुए बहुत कड़ा हो गया है, नीलम को अचानक यह सोच कर झटका लगा कि कहीं मनोहर का लंड सुधा की जवानी देख कर तो नही खड़ा हुआ है और उसने बड़े तरीके से मनोहर का लंड सहलाते हुए कहा यह बात तो तुम सही कह रहे हो मनोहर सुधा पूरी तरह जवान दिखाने लगी है ना उसका जिस्म अब पूरी तरह भर गया है, मनोहर का लंड सुधा की बात सुन कर और भी कड़क हो रहा था,
मनोहर : हाँ और उसके दूध और चुतड़ों का साइज़ भी बिल्कुल तुम्हारे जैसा हो गया है आज जब वह लेगी पहन कर दूसरी तरफ मूह करके खड़ी थी और मेरी नज़र जब सुधा के भरे हुए चुतड़ों पर गई तो एक पल के लिए तो ऐसा लगा जैसे तुम हो,
नीलम : मनोहर का लंड सहलाते हुए, कहने लगी क्या सचमुच सुधा के चूतड़ मेरे चुतड़ों के बराबर नज़र आने लगे है,
नीलम की बात सुन कर मनोहर का लंड लग रहा था कि फट जाएगा और वह नीलम की मोटी गान्ड को कस कर दबोचते हुए कहने लगा हाँ नीलम बहुत ही मोटी गान्ड है सुधा की,
नीलम को पक्का यकीन हो चला कि मनोहर के मन मे सुधा को पूरी नंगी करके चोदने का विचार आ चुका है, लेकिन फिर भी वह पूरी तसल्ली कर लेना चाहती थी और उसने बात को पलटते हुए कहा मनोहर यह बात तो तुम सही कह रहे हो सुधा के चुतड़ों ने तो बिना चुदे ही सोनू के चुतड़ों को भी पीछे छोड़ दिया है या यह कह लें कि सुधा के चूतड़ तो बिना चुदे ही सोनू के मोटे मोटे चुतड़ों के बराबर नज़र आने लगे है
नीलम की बात सुन कर मनोहर का लंड एक बार फिर झटके देने लगा, तभी नीलम ने एक हाथ से मनोहर के आंडो को सहलाते हुए उसके लंड के टोपे को चाटते हुए कहा अच्छा मनोहर सुधा और सोनू मे ज़्यादा चोदने लायक चूतड़ किसके लगते है
मनोहर : सुधा की चूत मे दो उंगलियो को पेलता हुआ कहता है मुझे तो दोनो के चूतड़ एक से बढ़ कर एक लगते है बस यह है कि सुधा की चूत फाड़ने में थोड़ी मेहनत लगेगी और सोनू की चूत में लंड बिना मेहनत के साथ से अंदर चला जाएगा
नीलम : टट्टो को दबोचते हुए कहती है लेकिन दोनो की कोरी गान्ड को फाड़ने के लिए तो बराबर मेहनत लगेगी ना
मनोहर : हाँ यह तुम ठीक कह रही हो गान्ड तो दोनो की जबरदस्त है फाड़ने में मज़ा आ जाएगा
नीलम ने यही मोका सही समझा और तपाक से पूछ लिया पहले तुम किसकी गान्ड फाड़ना चाहते हो और मनोहर के मूह से निकल गया सोनू की,
नीलम: और उसके बाद
मनोहर : सुधा की
नीलम : मुस्कुराते हुए, अच्छा तो तुम अपनी बेटी और बहू दोनो को चोदने का सपना मन मे सजाए हो तभी आज तुम्हारा यह लंड बिल्कुल मूसल बना हुआ है
मनोहर : सच नीलम एक बार अगर सोनू और सुधा की गान्ड मारने को मिल जाए तो तू जो कहेगी मैं वह करने को तैयार हूँ
नीलम : मुस्कुराते हुए, सोच लो बाद मे पलटने नही दूँगी
मनोहर : तेरी कसम रानी कभी अपनी बात से नही फिरँगा जो तू कहेगी वह करूँगा
नीलम : कुछ सोच कर सुधा का तो मैं अभी नही कह सकती पर हाँ सोनू की गान्ड ज़रूर दिला सकती हूँ क्योकि वह मुझसे काफ़ी खुल कर बाते करती है, इसलिए उसे मैं पटा सकती हूँ,
मनोहर कहने लगा प्लीज़ नीलम तुम अगर साथ दो तो सब हो जाएगा, तुम सोनू की ही दिलवा दो मैं तो तेरा गुलाम हो जाउन्गा
नीलम : ठीक है मैं कल से ही तुम्हारे लिए जुगाड़ करती हूँ लेकिन अब बहुत हुआ चलो आज मुझे कस कर चोद लो बड़ा पानी छोड़ रही है मेरी चूत, उसका इतना कहना था कि मनोहर ने सुधा और सोनू की मोटी मोटी गदराई गान्ड को याद करते हुए सटक से नीलम की चूत में लंड पेल कर तबाद तोड़ धक्के मारना शुरू कर दिया और नीलम को खूब कस कस कर ठोकते हुए ओह सुधा ओह सोनू जैसे शब्द निकलने लगा और फिर एक घमासान ठुकाई के बाद दोनो पास्ट होकर सो गये.
उधर सुधा अपने बेड पर पहले तो अपनी भाभी के किए हुए मज़ाक को सोच रही थी कि भाभी कितनी गंदी मज़ाक कर लेती है, और बार बार सिर्फ़ चूत और लंड की ही बाते करती है, और उन्हे यह कहते हुए भी शरम नही आती कि तेरे भैया मुझे खूब कस कस कर नंगी करके चोदते है उनका लंड बड़ा मस्त है,
यह सोच कर सुधा को एक दम शर्म के साथ हँसी भी आ जाती है, फिर वह सोचती है कि भाभी कह रही थी कि रोहित भैया मेरे चुतड़ों को देखते है क्या भाभी सच कह रही थी या वह मज़ाक था पता नही लेकिन यह तो मुझे पक्का यकीन हो गया था कि पापा आज जब मैं किताब लेने गई थी तब मेरे चुतड़ों को देख रहे थे, क्योकि जैसे ही मैं पलटने लगी तब पापा अपने लंड को लूँगी के उपर से मसल रहे थे और जैसे ही मैं पलटी उन्होने जल्दी से हाथ तो हटा लिया लेकिन उनकी नज़रे फिर से मेरी फूली हुई चूत और इन मोटे मोटे दूध पर आ टिकी थी, पर यह भी तो हो सकता है कि यह मेरा भरम मात्र हो नही नही पापा ऐसा तो नही कर सकते आख़िर मैं उनकी बेटी जो हूँ, पर मुझे यह सोच कर अच्छा क्यो लग रहा है कि पापा अपने लंड को मसल्ते हुए मेरे चुतड़ों और दूध को घूर रहे थे, आह मेरी चूत से तो पानी जैसा निकल रहा है, सुधा ने अपनी लेग्गी नीचे सर्काई और अपनी चूत को फैला कर देखा और मन ही मन बड़बड़ाने लगी हे रब्बा कितनी फूली हुई है और कितना पानी बह रहा है, सच भाभी ने मुझे बिगाड़ दिया है अब रोज मुझे चूत और लंड की बाते सुनने या सोचने का मन होने लगा है, और मे हूँ कि भाभी को बेकार मे यह सब बाते करने से रोकती हूँ जबकि अच्छा तो मुझे भी बहुत लगता है,
कल से मैं भाभी को नही रोकूंगी चाहे वह मुझे कितनी ही गंदी बाते कहे और चाहे मेरे कितने ही दूध दबाए, वैसे भाभी जब मेरे दूध को दबाती है तो अच्छा कितना लगता है, हाय चूत से फिर पानी आने लगा मैं यह सब क्या सोच रही हूँ, अब मुझे सो जाना चाहिए नही तो रात भर चूत पानी छोड़ती रहेगी. सुधा नींद की आगोश में चली जाती है लेकिन ...............
|