RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
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आज सनडे था तो रीत ने सोचा कि प्राची के साथ उनके खेतों में घूमने जाए और वो प्राची के घर पहुच गई. वहाँ पहुच कर रीत न्ड प्राची सन्नी के साथ उनके खेतों की तरफ चल पड़ी. खेतों में पहुच कर उन्होने देखा चारो तरफ हरियाली ही हरियाली थी फसले झूम रही थी जो कि मौसम को रोमॅंटिक ब्ना रही थी. वो तीनो खेतों के बीच बने रास्ते पे चल पड़े. सन्नी की नज़र तो रीत के उपर ही थी वो बस चलता हुआ भी एक तक रीत को ही देख रहा था. रीत ने रेड टॉप के साथ टाइट ब्लू जीन्स पहनी थी जिसमे से उसके बड़े बड़े चूतड़ एक दूसरे के साथ थिरक थिरक कर एक हॉट दृश्य पेश कर रहे थे. वो चलते चलते आम के बाग तक आ पहुचे थे. प्राची तो भाग कर एक आम पे चढ़ गई थी और आम तोड़ने लगी. रीत न्ड सन्नी नीचे खड़े उसे देख रहे थे. कुछ देर जब उनमे कोई बात नही हुई तो सन्नी ने कहा.
सन्नी-अब तो ये जल्दी नीचे नही उतरेगी रीत चलो हम आगे चलते हैं.
रीत उसकी बात सुनकर उसके साथ चलती हुई प्राची को बोली.
रीत-कूटी हम थोड़ा आगे तक घूम कर आते हैं तू तब तक आम खाती रह.
प्राची-ओके दीदी.
वो दोनो आगे चल पड़े. सन्नी ने बात शुरू की.
सन्नी-कैसी चल रही है आप दोनो की स्टडी रीत.
रीत-बहुत अच्छी चल रही है सन्नी.
सन्नी-ओके कोई प्रॉब्लम तो नही है ना आपको वहाँ पे.
रीत-नही नही प्रॉब्लम कैसी.
फिर कुछ देर तक वो खामोश रहे और फिरसे सन्नी ने कुछ सोचते हुए बात शुरू की.
सन्नी-रीत मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ.
रीत-अरे तो क्या पर्मिशन लेनी पड़ेगी तुम्हे.
सन्नी-असल मैं बात ही कुछ ऐसी है रीत.
रीत थोड़ी गंभीर होकर.
रीत-ऐसी क्या बात है.
सन्नी-ऐक्चुलि रीत मैं बहुत देर से तुमसे ये बात करनी चाहता था मगर आज तक कर नही पाया लेकिन आज सोच रहा हूँ कि अगर आज भी ना कह पाया तो शायद कभी नही कह पाउन्गा.
रीत सन्नी की बात सुनकर थोड़ा परेशान हो गई और उसके आगे बोलने का इंतेज़ार करने लगी.
सन्नी-रीत मैं बचपन से ही तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और ये बात तुम अच्छे से जानती हो और मेरी ये पसंद कब प्यार में बदल गई मुझे पता ही नही चला. और ये बात तुमसे कहने की मैने बहुत दफ़ा कोशिश की मगर आज तक नही कह पाया मगर आज ज़रूर कहूँगा....
रीत मैं तुमसे प्यार करता हूँ और तुम्हारे साथ शादी करना चाहता हूँ.
'विल यू मॅरी मी'
रीत का दिल उसकी बात सुनकर तेज़ी से धड़कने लगा उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या करे.
उसे खामोश देखकर सन्नी ने कहा.
सन्नी-प्लीज़ रीत कुछ तो जवाब दो.
रीत ने थोड़ी हिम्मत जुटाते हुए कहा.
रीत-देखो सन्नी तुम बहुत अच्छे इंसान हो. हम एक साथ जवान हुए बचपन में एक साथ खेले मगर सन्नी मैने कभी तुम्हारे साथ प्यार करने के बारे में नही सोचा. मेरी लाइफ में तुम्हारी जगह एक अच्छे और सच्चे दोस्त की है और रही बात प्यार की तो पहले से ही मेरी लाइफ में कोई है.
इसलिए प्लीज़ ये सब भूल जाओ सन्नी.
रीत की बात सुनकर सन्नी का कलेजा उसके गले को आ गया. और उसकी आँखो से भी थोड़ा पानी बाहर आ गया.
रीत ने वापिस मुड़ते हुए कहा
रीत-अब हमे वापिस चलना चाहिए सन्नी कूटी हमारा इंतेज़ार कर रही होगी.
रीत पलट का वापिस जाने लगी तो सन्नी को ऐसा लगा कि रीत उस से अब हमेशा के लिए दूर जा रही है. उसकी आँखें ये सब सोच कर लाल होने लगी वो अपने होश गवाँ बैठा और तेज़ी से रीत की तरफ बढ़ा और उसका हाथ पकड़ कर उसे पास वाले गन्ने के खेत की तरफ खीचने लगा.
रीत को इस बात का अंदाज़ा तक नही था वो सन्नी की इस हरकत पे हैरान थी और वो अपना हाथ छुड़ाते हुए कहने लगी.
रीत-ये क्या कर रहे हो सन्नी छोड़ो मेरा हाथ.
मगर सन्नी उसे खीचता हुया खेत में ले गया और उसे बाहों में भर कर अपने होंठ रीत के गुलाबी होंठो पर टिका दिए. रीत को सन्नी की इस हरकत से बहुत गुस्सा आ रहा था वो अपने होठ छुड़ाने की कोशिश कर रही थी मगर सन्नी की पकड़ बहुत मजबूत थी. रीत अपने हाथों से सन्नी को अपने से दूर धकेल रही थी मगर वो सफल नही हो पा रही थी. सन्नी के हाथ अब रीत के चुतड़ों को मसल्ने लगे थे. सन्नी इतनी ज़ोर ज़ोर से उसके होंठ चूस रहा था और चूतड़ मसल रहा था कि रीत के होंठ और चुतड़ों पे दर्द होने लगा था. रीत ने पूरी ताक़त लगाकर सन्नी को अपने से दूर कर ही दिया और उस से दूर होते ही एक जोरदार तमाचा सन्नी के गाल पे दे मारा. और लगभग रोती हुई बोली.
रीत-सन्नी तुम इतने गिर सकते हो मैने कभी सोचा भी नही था आइ हेट यू. आज के बाद मुझे कभी बुलाने की कोशिश भी मत करना.
और इतना कहकर वो खेत से बाहर निकल गई और तेज़ तेज़ कदमो से चलती हुई प्राची के पास पहुच गई. रीत को थोड़ा परेशान देख प्राची ने पूछा.
प्राची-क्या हुआ दीदी.
रीत ने अपने आप को संभालते हुए कहा.
रीत-कुछ नही कूटी चल अब घर चलें.
प्राची-भैया कहाँ है उन्हे तो आने दो.
रीत-वो बाद में आएँगे जल्दी चल.
रीत न्ड प्राची घर की तरफ चल पड़ी. उधर सन्नी को तमाचा खाने के बाद थोड़ा होश आया तो उसे खुद पर ही गुस्सा आने लगा क्योंकि उसने ये सब करके अब रीत को हमेशा के लिए खो दिया था.
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