RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
24
दूसरे दिन रीत न्ड प्राची अपने गाओं जाने के लिए हॉस्टिल से निकल पड़ी. रीत ने रेहान को फोन करके बता दिया कि वो 2 दिन के लिए अपने घर जा रही हैं. वो दोनो स्टेशन पे पहुच गई और ट्रेन में बैठ गई. कोई 4 घंटे के सफ़र के बाद वो अपने गाओं के पास वाले स्टेशन पे उतरी तो उनको लेने के लिए पहले से ही प्राची के भैया सन्नी पहुच चुके थे क्योंकि प्राची ने पहले ही अपने आने की खबर घर पे दे दी थी. प्राची अपने भैया को देखते ही उसकी तरफ भागी और उस से लिपट गई. उसके भैया ने भी प्राची को कस कर हग किया और उसका माथा चूमते हुए पूछा.
सन्नी-कैसी है मेरी गुड़िया.
सन्नी उसे हमेशा गुड़िया ही बुलाता था.
प्राची-मैं ठीक हूँ भैया आप बताओ.
इतने में रीत भी चलती हुई उनके पास आ गई. रीत ने आज एक ब्लॅक टी-शर्ट और टाइट जीन्स पहनी थी और सन्नी रीत को पहली दफ़ा जीन्स में देख रहा था इसलिए उसे देखने में ही खो गया था. जब काफ़ी देर तक प्राची की बात का जवाब सन्नी ने नही दिया तो प्राची ने उसे हिलाते हुए कहा.
प्राची-भैया मैने आपसे पूछा है कि कैसे हो आप.
सन्नी ने रीत की तरफ देखते हुए जवाब दिया.
सन्नी-अभी तक तो हाल बुरा ही था लेकिन अब इस क़यमत के हुस्न को देखकर मैं एकदम तंदुरुस्त हो गया.
रीत नीचे चेहरा किए मुस्कुराती रही क्योंकि वो सन्नी को अच्छी तरह से जानती थी अक्सर वो रीत को ऐसे ही छेड़ता रहता था. और सच बात तो यह थी कि वो रीत को बहुत चाहता था लेकिन कभी खुल कर उस के साथ अपने दिल की बात शेअर नही कर पाया था. और दूसरी तरफ रीत उसकी बातों से हमेशा मुस्कुरा देती थी और उसने कभी सन्नी के बारे में कुछ नही सोचा था. वो सोचती थी कि सन्नी उसके साथ हसी मज़ाक करता है. वो दोनो बचपन के दोस्त थे इसलिए रीत ने कभी उसकी बातों का बुरा नही माना था.
रीत को नज़रें झुकाए खड़ी देख प्राची से रहा ना गया और वो बोली.
प्राची-अरे रीत दीदी अब आप नयी नवेली दुल्हन की तरह शरमा क्यू रही है. ये मेरे भैया है सन्नी और आपके दोस्त भी इनसे नही मिलना क्या.
सन्नी-अरे रहने दो गुड़िया लगता है मॅम शहर में जाकर पुराने दोस्त को भूल गई हैं.
अब रीत से रहा ना गया और उसने अपनी नज़रे उपर उठाई और सन्नी की तरफ देखते हुए मुस्कुरा कर कहा.
रीत-ऐसा भी कभी हो सकता है कि मैं आपको भूल जाउ. आप दोनो एक दूसरे से मिल रहे थे इसलिए मैं चुप चाप खड़ी थी.
सन्नी-लेकिन अब तो हम मिल चुके हैं जी.
रीत ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा.
रीत-ओके तो अब बताओ कैसे हो आप.
सन्नी ने रीत का कोमल हाथ अपने हाथों में लेकर कहा.
सन्नी-अभी तक तो ठीक है मगर अगर ऐसे ही आपका ये हुस्न हम पर बिज़लियाँ गिराता रहा फिर तो हमारा हाल बुरा हो जाएगा. वैसे एक बात तो है शहर में जाकर आप और भी खूबसूरत हो गई हो.
रीत अपना हाथ खीचते हुए.
रीत-ओह कम ऑन सन्नी अब तारीफ करना बंद करो और घर चलो मैं मम्मी पापा से मिलने के लिए मरी जा रही हूँ.
सन्नी-चलो जी गाड़ी त्यार है और आपका ये ड्राइवर भी त्यार है.
सन्नी ने उनका समान उठाया और गाड़ी में रख दिया और वो दोनो भी गाड़ी में बैठ गई. प्राची ड्राइवर के साथ वाली सीट पे बैठ गई और रीत पीछे बैठ गई.
सन्नी ने गाड़ी स्टार्ट की और गाड़ी घर की तरफ चल पड़ी. सन्नी शीशे में से बार बार रीत को देख रहा था क्यूंकी सच में रीत मे शहर में जाकर बहुत बदलाव आ गया था. सच में वो और सुंदर हो गई थी. उसने कुछ सोचते हुए कहा.
सन्नी-तो कितने दिन के लिए आई हो आप दोनो.
प्राची-बस मंडे को वापिस जाना है भैया.
सन्नी उसकी बात सुनकर उदास सा होकर बोला.
सन्नी-बस 2 दिन ही रहोगी आप.
प्राची-जी भैया.
सन्नी ने अब सोच लिया था कि कुछ भी हो अब वो रीत को अपने दिल की बात ज़रूर बता कर रहेगा मगर ये सब बहुत मुश्किल था क्यूकी उसके पास बस 2 दिन का ही टाइम था.
गाड़ी अब रीत के घर में पहुच चुकी थी. रीत न्ड प्राची गाड़ी से उतरी और घर के अंदर चली गई. रीत अपने मम्मी और पापा से लिपट कर मिली और काफ़ी देर तक उन्होने एकदुसरे को नही छोड़ा क्योंकि एक बेटी के लिए उसके मा बाप का प्यार ही ऐसा होता है कि वो उनकी जुदाई बहुत मुश्किल से बर्दाश्त कर पाती है. रीत को मिलने के बाद उसके मम्मी पापा प्राची को मिले क्योंकि प्राची को भी वो अपनी बेटी की तरह ही मानते थे. प्राची उनसे मिलने के बाद सन्नी के साथ अपने घर की तरफ चल पड़ी और घर जाकर अपने मम्मी पापा से मिली और उसके पापा ने भी उसे जी भरके प्यार किया. क्योंकि वो तो उनके घर की सबसे लाडली बेटी थी.
रात को रीत अपने मम्मी पापा के साथ खाना खा रही थी.
पापा-तो कैसी चल रही है स्टडी बेटा.
रीत-बहुत अच्छी पापा.
पापा-कोई प्रॉब्लम तो नही आ रही.
रीत-नही पापा और तो कोई प्रॉब्लम नही है मगर एक सिफारिस ज़रूर लेकर आई हूँ आपके पास.
पापा-अरे तो बताओ ना जल्दी क्या चाहिए मेरी नवु(नवरीत) को.
रीत के मम्मी पापा हमेशा रीत को नवु ही बुलाते थे.
रीत-पापा हम 4 गर्ल्स है और हम बहुत अछी फरन्डज़ है और हम हॉस्टिल में ना रहकर अपने फ्लॅट में रहना चाहती है आप प्लीज़ हमारे लिए फ्लॅट का इंतज़ाम कर दीजिए ना.
पापा-अरे ये भी कोई बड़ी बात है मैं मंडे तक ही आपके लिए फ्लॅट का इंतज़ाम कर देता हूँ.
मोम-अरे आप ना इसे बिगाड़ के रहोगे फ्लॅट में रहकर आवारा घूमेगी ये.
पापा-अरे ये मेरी बेटी है मुझे भरोसा है इसके उपर क्यों नवु.
रीत खुश होती हुई बोली.
रीत-यस. आइ लव यू पापा.
|