RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
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सुबह सभी वोही पुराने अड्डे यानी के कॅंटीन में बैठे थे और आपस में बातें कर रहे थे.
करुणा-जनाब आपने रात फोन नही उठाया क्या बात है.
हॅरी-अरे यार करुणा मैं जल्दी सो गया था.
प्राची-हॅरी जीजू अब देर से सोने की आदत डाल लो ऐसे नही चलेगा.
हॅरी-ओके मेरी साली जी लेकिन आप भी कोई ढूंड लो देर रात तक जगाने वाला.
प्राची-जी बिल्कुल नही हम तो अकेले ही खुश हैं.
नीतू-कूटी वो मोटू तुम्हे बहुत घूरता रहता है.
प्राची-नीतू की बच्ची तू बस यही सब देखती रहती है क्या कि कौन किसे घूर रहा है. करण जीजू ज़रा संभालो इसे.
करण-नीतू मेडम अब हमारी साली ने कहा है कि संभालो इसे अब तो आपको संभालना ही पड़ेगा.
रीत-अरे एक बात और सुनो कूटी तुम्हारे रेहान जीजू भी रात शराब पीने के बाद बहुत रोमॅंटिक हो रहे थे.
प्राची-अरे रीत दीदी रेहान जीजू तो हमेशा रोमॅंटिक रहते है आप ही बोरिंग सी हो.
रेहान-बिल्कुल सही कहा तूने कूटी बिल्कुल बोरिंग है तुम्हारी रीत दीदी.
रीत-अच्छा जी ये बात है तो कोई और ढूंड लीजिए.
रेहान-अरे अब कहाँ ढूँढे यार ऐसा मौका एक बार ही मिलता है जिंदगी में.
करुणा-वैसे जीजू एक बात बताऊ हमारी रीत से ज़्यादा रोमॅंटिक आपको नही मिलेगी. लगता है आपको ढंग से प्यार ही नही करना आता.
रेहान-हम तो प्यार करने के लिए उत्तावले हो रहे हैं मगर कोई करने दे तो बात बने.
हॅरी-अरे रेहान भाई ये तो अपनी अपनी हिम्मत होती है कोई करने नही देता थोड़ा ज़बरदस्ती करना पड़ता है.
करुणा-ओह हो हो लगता है आप को बहुत एक्षपीरियंस. है प्यार करने का.
हॅरी-अरे यार ये तो एक जनरल नॉलेज की बात है.
प्राची-ये जनरल नॉलेज भी कहीं बाहर जाकर मूह मारने से ही आती है जीजू.
हॅरी-अरे यार मैने तो जस्ट सलाह दी थी आप तो पीछे ही पड़ गये.
करुणा-सलाह भी तभी दी जाती है जब हमे उस बात का एक्षपीरियंस. हो.
रीत-अरे करू यार क्यू बेचारे हॅरी जीजू को परेशान कर रही है एक वो ही तो है इन तीनो में से जिनमे थोड़ी बहुत अच्छाई नज़र आती है.
प्राची-अरे वाह बड़ी साइड ली जा रही है. रेहान जीजू ध्यान रखिएगा.
रीत प्राची को थप्पड़ दिखाते हुए.
रीत-मैं ना तेरे कान के नीचे बजाउन्गि एक.
ऐसे ही वो लोग काफ़ी देर बातें करते रहे.
दिन बीत ते गये और उनका प्यार और दोस्ती भी बढ़ती गई वो अब एकदुसरे से पूरी तरह घुल मिल गये. बहुत से राज़ जो अपने दिल में छुपा रखे थे वो एक दूसरे से शेअर किए. एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान लिया. वैसे भी प्यार में एक दूसरे को अच्छी तरह से जान पहचान लेना बहुत ज़रूरी होता है ऐसा करने से ही तो प्यार बढ़ता है. ऐसा ही उन लोगो के बीच भी हुआ धीरे धीरे वो एक दूसरे के करीब आ रहे थे. प्राची की शरारतें बद्सतूर जारी थी रोज़ ही उसका कोई ना कोई नया ड्रामा सब के सामने होता था. और नीतू के साथ उसका रोज़ का झगड़ा अब आम बात हो चुकी थी. मगर ये झगड़ा सिर्फ़ उपर उपर से था अंदर से वो चारो एक दूसरे को बहुत चाहती थी. ऐसे ही वो तीनो भी एकदुसरे को अच्छी तरह जान गये थे. रेहान तो नयी से नयी तितलियों का शिकारी था लेकिन अभी तक रीत उसके हाथ नही आई थी. करण दिल का बहुत अछा इंसान था मगर लड़की को देखकर उसकी ज़ुबान फिसल ही जाती थी यही कारण था कि उसे पहली मुलाक़ात में सब एक फ्लर्ट करने वाला ही समझ जाते थे. मगर जिसने उसके दिल में उतर कर देखा था वोही जानता था कि वो कितना अच्छा इंसान है. हॅरी उन सब से अलग शांत स्वाभाव का मालिक था बस मतलब की बात ही करता था उसके दिल में बस सिर्फ़ और सिर्फ़ करुणा ही थी जबसे उनकी दोस्ती हुई थी तब से उसने किसी लड़की को ग़लत नज़र से नही देखा था. हॅरी जैसा पार्ट्नर पा कर करुणा भी बहुत खुश थी क्यूंकी ऐसा प्यार करने वाला इंसान हर एक की किस्मत में नही होता. अब उनको कॉलेज में 2मंत्स बीत चुके थे. करण न्ड नीतू न्ड करुणा और हॅरी अब एक दूसरे के बहुत करीब आ चुके थे.
एक रात रीत एंड पार्टी हॉस्टिल रूम में बैठी थी और वहाँ नीतू और प्राची किसी बात को लेकर झगड़ रही थी.
प्राची और नीतू ने तकिया उठा रखा था और एक दूसरे को मार रही थी. जैसे ही करुणा और रीत रूम में पहुचि तो उन्होने उन दोनो को पकड़कर शांत किया और रीत ने पूछा.
रीत-क्या हुया कूटी तुम झगड़ क्यू रही हो बच्चो की तरह.
प्राची-दीदी मुझे इस बेड पे सोना है आज.
नीतू-दीदी ये तो बेवजह ज़िद कर रही है मुझे रात को पढ़ना होता है और इसी लिए मैं दीवार के साथ वाले बेड पे सोती हूँ ताकि दीवार से टेक लगाकर पढ़ा जा सके. इसने पढ़ना तो है नही मुझे ऐसे ही तंग कर रही है और यहाँ से उठा रही है.
करुणा-कूटी ये अच्छी बात नही है तुम रीत वाले बेड पे सो जाओ देखो वो भी तो दीवार के साथ लगा हुआ है.
रीत-यस सही कहा करू ने चल आज मैं और मेरी कूटी एक साथ सोएंगी.
प्राची उनकी बात सुनकर सिर पे हाथ रख कर और जीभ निकाल कर नीतू को चिड़ाते हुए बोली.
प्राची-अब मैं अपनी रीत दीदी के साथ सोउंगी.
नीतू मुस्कुराते हुए.
नीतू-जा जा बड़ी आई रीत दीदी की चमची.
उसकी बात सुनकर सभी हँसने लगे.
प्राची रीत के साथ लिपट कर उसके बेड पे ही सो गई. जब रीत ने देखा कि प्राची सो चुकी है तो वो धीरे से उठी और प्राची के बेड पे जाकर सो गई.
रात के 12 बजने को थे और एक साया हॉस्टिल की बॅक साइड पे दिखाई दे रहा था. वो साया अब टीचर'स के बने हुए रूम्स के पास था. जोत मॅम के रूम की खिड़की खुली थी उसने अंदर देखा तो हैरान रह गया.
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