RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
रात के 10 बज रहे थे और रीत एंड पार्टी बैठी बातें कर रही थी. तभी रीत का मोबाइल रिंग करने लगा.
प्राची-लो आ गया जीजू का फोन.
रीत ने प्राची की पीठ पे थप्पड़ मारा और फोन उठा कर पिछले दरवाज़े से बाहर निकल गई और फोन रिसेव किया.
रीत-हेलो.
रेहान-हेलो डार्लिंग.
रीत-फोन क्यूँ किया.
रेहान-अरे आपसे प्यार करते है यार क्या फोन भी नही कर सकते.
रीत-फोन तो कर सकते हो मगर आज जो तुमने करने की कोशिश की वो नही कर सकते.
रेहान-ओह हो तो मेरी डार्लिंग उसी बात को लेकर खफा है. अरे सॉरी जानू दुबारा आपकी मर्ज़ी के बिना कुछ नही होगा.
रीत-ओके ये हुई ना बात और बताओ क्या कर रहे थे.
रेहान-बस होटेल में तुम्हारे साथ हुए रोमॅन्स को सोच कर एग्ज़ाइटेड हो रहा था.
रीत-बस बस अब ज़्यादा रोमॅंटिक मत बनो और बताओ करण और हॅरी क्या कर रहे हैं.
रेहान-अरे हां यार उनके नाम से याद आया मुझे उनकी सिफारिश डालनी थी आपके पास.
रीत-सिफारिश वो किस बात के लिए.
रेहान-अरे यार सीधी सी बात है अपना करण नीतू के पीछे पागल है और हॅरी करुणा को चाहता है तो तुम मुझे नीतू और करूणा से बात करके बताना कि उनके दिल में क्या है.
रीत-अरे वह दोनो भी मजनू बने फिरते हैं.
रेहान-अरे जब आपके जैसी हसीना मटक मटक कर सामने चलती हो तो बूढ़ा भी मजनू बन जाए.
रीत-शट अप. एडियट कही के.
रेहान-जब तुम गुस्से में बोलती हो तो बहुत कातिल लगती हो जानेमन.
रीत-बस बस ज़्यादा होशियार मत बना करो.
रेहान-अरे आपके सामने कहा चलती है हमारी होशियारी.
रीत-तो मेरे सामने क्या चलता है.
रेहान-तुम्हारे सामने तो बस मेरा लंड ही चलता है बस वो ही एक है जो तुम्हारे सामने खड़ा रहता है हमे तो तुम घायल कर के गिरा देती हो.
रीत-मैने तुम्हारी बकवास सुन ने के लिए नही आपका फोन उठाया समझ गये ना ओके बाइ अब मैं रख रही हूँ.
और रीत ने मुस्कुराते हुए कॉल डिसकनेक्ट कर दी और अंदर करुणा, नीतू न्ड प्राची के पास आकर बैठ गई.
प्राची-रीत दीदी क्या कहा जीजू ने.
रीत-एक खुश खबरी है.
प्राची- खुश खबरी. कहीं आप प्रेगनेंट तो नही हो गई दीदी.
रीत ने ज़ोर से एक मुक्का प्राची की पीठ पे मारा.
रीत-प्रेगनेंट तो तभी हूँगी ना जब कोई प्रेगनेंट करेगा. बेबकूफ़.
करुणा-तो दीदी क्या बात है बताओ ना.
रीत ने झूठ बोलते हुए कहा.
रीत-रेहान ने मुझे कहा है कि करण करुणा को न्ड हॅरी नीतू को पसंद करता है. और वो तुम्हारे साथ फ्रेंड्शिप करना चाहते हैं.
नीतू हैरान होकर बोली.
नीतू-क्या वो बुद्दु हॅरी मुझे पसंद करता है मुझे नही करनी उस घोन्चु से फ्रेंड्शिप.
करुणा नीतू को थप्पड़ दिखाते हुए.
करुणा-एक बजाउन्गि कान के नीचे अगर हॅरी को कुछ बोला.
नीतू-अरे दीदी पर मुझे करण पसंद है.
करुणा-हॅरी को घोन्चु बोलती है ये करण तो जैसे बहुत सलमान ख़ान है.
रीत उनकी बातें सुनकर हँसती रहती है जब वो दोनो एक दूसरे के साथ झगड़ने से नही रुकती तो वो उन्हे टोकते हुए बोलती है.
रीत-अरे बाबा मुझसे बताने में ग़लती हो गई करण नीतू और हॅरी करुणा के साथ फ्रेंड्शिप करना चाहता है.
उसकी बात सुनकर दोनो का चेहरा खिल उठता है.
करुणा-तुम भी ना रीत बहुत चालू हो जान बुझ कर पहले ग़लत बोल दिया.
प्राची को तो जैसे बस मौका चाहिए था रीत की खिचाई करने का करुणा के मूह से जैसे ही उसने रीत को कहा चालू शब्द सुना तो वो बोली.
प्राची-अरे करुणा दीदी रीत दीदी तो इतनी चालू है कि एक बार.
उसने बात बीच में ही छोड़ दी क्यूंकी उसने देखा कि रीत उसकी तरफ ऐसे घूर रही थी जैसे उसे खा ही जाएगी.
रीत-तू बहुत बदमाश हो गई है कूटी यहाँ आकर.
प्राची-दीदी आप मेरी बात छोड़ो ये बताओ कि अब करुणा दीदी न्ड नीतू को वो दोनो प्रपोज कब कर रहे हैं.
रीत-ये तो उसने कुछ नही बताया.
प्राची-तो फिर कुछ इंतेज़ाम करो ना. वैसे भी कल सनडे है कही घूमने का प्लान बनाते है. वहीं इनके प्यार का इज़हार भी हो जाएगा.
रीत-वैसे आइडिया अच्छा है.
प्राची-तो फिर जल्दी जीजू को फोन मिलाओ और घूमने का प्लान पक्का करदो.
रीत कुछ सोच कर रेहान का नंबर. डाइयल करती है.
रेहान-हाई जानेमन पहले तो बहुत गुस्से में फोन कट किया था इतनी जल्दी याद आ गई मेरी.
रीत-बकवास बंद करो और काम की बात सुनो.
रेहान-अरे सूनाओ जी.
रीत-कल सनडे है तो कल हम सब घूमने जाना चाहते है.
रेहान-प्लान तो अच्छा है मगर ऐसा करते है हम सब की जगह सिर्फ़ हम चलते हैं डार्लिंग.
रीत-हम सब मतलब हम सब. आई समझ.
रेहान-ओक डार्लिंग बताओ कब आउ गाड़ी लेकर.
रीत-गाड़ी में हम सब कैसे जाएँगे. बस से चलेंगे.
रेहान-अरे डार्लिंग में बड़ी गाड़ी ले आउन्गा अपने एक दोस्त की.
रीत-ओके फिर ठीक है. तुम सुबह 10 वजे उन दोनो का साथ लेकर आ जाना.
रेहान-ओके डार्लिंग और कुछ.
रीत-बस और कुछ नही. बाइ.
रेहान-बाइ.
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