RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
होटेल में रेहान एक प्राइवेट कॅबिन में रीत को ले जाता है और वो दोनो आमने सामने बैठ जाते है.
रेहान लंच ऑर्डर करता है और रीत से कहता है.
रेहान-कुछ और चाहिए तो वो भी ऑर्डर कर दो डार्लिंग.
रीत-बस रेहान और कुछ नही.
इतने में वेटर खाना लेकर आता है और उन्हे खाना सर्व करके वहाँ से चल देता है. दोनो खाना खाने लगते हैं.
खाना खाने के बाद रीत रेहान को चलने के लिए बोलती है. रेहान उसे बैठे रहने को कहता है और उसका हाथ पकड़ कर एक रिंग अपनी जेब से निकालकर रीत की उंगली मे डाल देता है और कहता है.
रेहान-लो डार्लिंग ये हमारे प्यार की पहली निशानी अब बताओ आपका गिफ्ट कहाँ है.
रीत अपना सिर खुजाति हुई बोलती है.
रीत-मैं तो कुछ लेकर ही नही आई. कल ले आउन्गि.
रेहान-नो नो ये सब नही चलेगा. अगर गिफ्ट नही लाई तो कोई बात नही आप ही हमारे लिए गिफ्ट से कम नही.
और रेहान रीत को उसकी चेर पे से उठाता है और अपनी बाहों में थाम लेता है. उसकी बाहें रीत के दोनो तरफ से होती हुई उसकी पीठ पे कस जाती है और रीत रेहान की इस हरकत के लिए तैयार नही होती है और उसे दूर धकेलने की कोशिश करती हुई कहती है.
रीत-ये क्या कर रहे हो रेहान छोड़ो मुझे.
रेहान-अरे डार्लिंग अब गिफ्ट तो चाहिए ही मुझे.
और इतना कहते हुए रेहान ने रीत के होंठों पे अपने होंठ टिका दिए और उन्हे अपने होंठों में लेकर चूसने लगा. रीत कुछ देर अपना चेहरा उस से दूर हटाने की कोशिश करती रही लेकिन रेहान ने अपने होंठों के बीच रीत के होंठों को जाकड़ रखा था इस लिए रीत अपने होंठ उसके होंठों में से अपने होंठ छुड़ा नही पा रही थी. रेहान तो रीत के नरम नरम होंठ चूसने में मस्त था. रीत का विरोध भी अब कम हो चुका था और वो रेहान का साथ देने लगी थी. रेहान को जब लगा कि रीत अब मस्त हो चुकी है तो उसने अपने हाथ धीरे से नीचे किए और रीत के चुतडो को अपने हाथों में लेकर ज़ोर से मसल दिया. जैसे ही रेहान ने रीत के चूतड़ ज़ोर से मसले तो रीत के पैर रेहान के ज़ोर से मसल्ने की वजह से हवा में उठ गये. जब उसे रेहान के हाथों का एहसास अपने चुतडो पे महसूस हुया तो रीत छटपटाने लगी और रेहान को अपने से दूर धकेलने लगी. मगर वो अपने आप को रेहान की गिरफ़्त में से छुड़ा नही पा रही थी. रीत के नरम नरम चुतड़ों को मसल्ते हुए रेहान का लंड पूरा अकड़ चुका था और उसके लंड में से पानी टपकने लगा था. रीत ने अपने होंठ रेहान के होंठों में से आज़ाद किए और रेहान की छाती में मुक्के मारती हुई बोली.
रीत-रेहान प्लीज़ छोड़ो मुझे वरना मैं तुम्हे कभी नही बुलाउन्गि.
रेहान ने देखा कि रीत की आँखों में अब गुस्सा आ चुका था. उसने रीत को छोड़ना ही बेहतर समझा. रेहान की बाहों में से आज़ाद होकर रीत चेर पे बैठ गई और अपनी साँसें कंट्रोल करने लगी और बोली.
रीत-रेहान आपकी ये हरकत मुझे अच्छी नही लगी.
रेहान-माइ डार्लिंग सॉरी मगर तुम हो ही इतनी खूबसूरत मैं खुद को कंट्रोल नही कर पाया.
रीत-ओके अब हमे चलना चाहिए.
रेहान-ओके डार्लिंग चलो अब.
वो दोनो वहाँ से निकले और गाड़ी में बैठ गये और गाड़ी चल पड़ी.
रेहान-डार्लिंग बताओ अब कॉलेज चले क्या.
रीत-यस पता नही वो लोग क्या सोच रहे होंगे.
रेहान-अरे यार तुम उनकी चिंता क्यूँ करती हो.
वो दोनो कॉलेज में पहुचे तो कॅंटीन की तरफ चल पड़े. जब कॅंटीन में पहुचे तो सभी मंडली वही बैठी थी. जैसे ही वो दोनो उनके पास पहुचे तो प्राची सबसे पहले बोली.
प्राची-अरे मेडम कहाँ गई थी आप.
वो दोनो कुछ नही बोले और उनके साथ बैठ गये.
प्राची ने रीत को पकड़कर हिलाया और फिरसे बोली.
प्राची-मेडम मैं आपसे कुछ पूछ रही हूँ.
रेहान रीत को चुप बैठी देख बोला.
रेहान-अरे यार कुछ नही बस हम लंच करने गये थे.
करुणा-अकेले अकेले.
रेहान-अरे यार अब आप सब से क्या छुपाना. असल में बात ये है कि मैं तो रीत को प्यार करता ही था आज रीत ने भी मेरा प्यार स्वीकार कर लिया और इसी खुशी में हम सेलेब्रेट कर रहे थे.
कारण-अरे वाह फिर तो पार्टी हो गई रेहान मिया.
रेहान-बिल्कुल जी पार्टी तो करेंगे ही हम.
फिर वो ऐसे ही बातें करते रहे और फिर उठ कर एक दूसरे को बाइ बोलते हुए अपने अपने ठिकाने की ओर चल पड़े. रीत जानती थी कि आज उसकी पूरी खिचाई होने वाली थी हॉस्टिल रूम में और वो अपने आप को उस होने वाली खिचाई के लिए रेडी कर रही थी.
|