RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
रेहान अब करण और हॅरी के साथ उनके फ्लॅट पे शिफ्ट हो चुका था. और अब उन्हे एक साथ रहते हुए 1 वीक हो चुका था इसलिए वो अच्छे दोस्त बन चुके थे. रीत आंड पार्टी पे उनकी ट्राइ अभी तक चालू थी पर किसी की भी बात आगे नही बढ़ पाई थी.
उधर रीत, करुणा, प्राची न्ड नीतू भी आपस में काफ़ी घुल मिल गई थी. प्राची की हरकतें उसी तरह से चालू थी. उसने उन तीनो के नाक में दम कर रखा था. लेकिन वो तीनो भी परेशान होने की बजाए प्राची की क्यूट बातों का मज़ा लेती थी. अब वो भी सब भी समझ चुकी थी कि कोनसा लड़का किस पे ट्राइ मार रहा है. उनके ग्रूप में भी अब उनके बारे में चर्चा होने लगी थी.
आज फिरसे वो चारो कॅंटीन में एक टेबल के इर्द-गिर्द बैठी थी. लेकिन रेहान पार्टी उन्हे कहीं दिखाई नही दे रही थी.
उन तीनो को अपने आस पास ना पाकर प्राची बोली.
प्राची-अरे आज तो मेरे तीनो जीजू कही दिखाई नही दे रहे.
रीत-चुप कर आई बड़ी जीजू वाली.
प्राची-अरे दीदी अब आपके आशिक़ मिया को मैं जीजू नही तो और क्या कहु.
रीत-कोन किसका आशिक़.
प्राची आँखें नचाती हुई बोली.
प्राची-बड़ी भोली बन रही हो आप मैं सब जानती हूँ वो रेहान कैसे आपके पीछे लार टपकाता फिर रहा है और वो करण का बच्चा तो इस चालू नीतू के पीछे पड़ा है और बाकी बचा हॅरी वो तो बस करुणा दीदी को ही घूरता रहता है. मैने देखा है क्लास में तीनो की नज़र बस आप के उपर ही रहती है और अब तो आप की तरफ से भी ग्रीन सिग्नल मिलने लगा है उन्हे.
नीतू-ज़्यादा बक बक मत कर प्राची की बच्ची मुझे चालू बोलती है खुद तो तू बड़ी सती सावित्री है.
प्राची-देखा जलन हुई ना मुझे तो लगता है ये नीतू की बच्ची उस करण के साथ कुछ कर भी चुकी होगी.
नीतू थोड़ा गुस्से से.
नीतू-देखो ना रीत दीदी ये क्या आनाप शनाप बक रही है.
रीत-कूटी बस अब चुप कर जिस दिन तेरे दिल में कोई उतर गया ना फिर देखूँगी तुम्हे.
प्राची-अरे दीदी हमने तो अच्छे से ताला लगा रखा है दिल के दरवाज़े को.
नीतू-मगर दिल चुराने वाले चोर दरवाज़े से नही दीवार से कूद कर चुरा ले जाते हैं.
प्राची-तो चालू नीतू मैने दीवार पे भी काँच लगा रखा है.
नीतू-तुमसे बातों में कोई नही जीत सकता.
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उधर रेहान एंड पार्टी आज कुछ कर गुज़रने के मूड में थी. रेहान ने सोच रखा था कि वो आज उनके पास जाकर बैठेगा और दोस्ती का हाथ उनकी तरफ बढ़ाएगा.
इसी प्लान के चलते वो कॅंटीन में गया और रीत एंड पार्टी यहाँ पे बैठी थी उस तरफ चल पड़ा.
उसे अपनी तरफ आता देख प्राची बोली.
प्राची-लो रीत दीदी के सैयाँ और मेरे जीजू तो आ रहे हैं सामने.
रीत-तू आज मार खाएगी मुझसे.
इतने में रेहान उनके पास आकर बोला.
रेहान-हाई गर्ल्स.
प्राची-हेलो रेहान.
रेहान-क्या मैं यहाँ आप के साथ बैठ सकता हूँ.
रीत-या शुवर.
रेहान ने साथ वेल टेबल के पास से एक कुर्सी उठाई और रीत न्ड प्राची के बीच रखकर उसपे बैठ गया.
करुणा-बोलो रेहान आज हमारे पास कैसे.
रेहान-अरे यार मैने सोचा हम एक ही क्लास में है तो जान पहचान तो होनी चाहिए.
रीत-यस बिल्कुल सही कहा आपने.
रेहान-में तो हमेशा सही ही कहता हूँ रीत जी बस लोग अंदाज़ा ग़लत लगा लेते हैं.
प्राची-ओह अच्छा जी. मगर इतना ओवर-कॉन्फिडेन्स भी भारी पड़ता है इंसान के उपर.
रेहान-अरे यार मैं ओवर-कॉन्फिडेंट थोड़े ही हूँ. ये तो भरोसा है मुझे खुद पे कि मैं हमेशा सही ही बोलता हूँ.
रीत-ओके चलो छोड़ो अब आते ही बोरिंग टॉपिक शुरू कर दिया.
प्राची रीत की तरफ आँख नचाते हुए.
प्राची-तो दीदी आप कोन्से टॉपिक पे बात करना चाहती हैं.
रीत गुस्से से प्राची को देखते हुए.
रीत-मेरा मतलब है कुछ और बात करो ना स्टडी के बारे में.
प्राची-अरे दीदी रेहान जी कोई टीचर थोड़े है जो इनके साथ स्टडी की बातें की जायें.
रेहान-बात तो ठीक है प्राची की.
इतने में करण और हॅरी भी वहाँ पे पहुच जाते हैं. रेहान उनकी इंट्रो उन चारो के साथ करवाता है और वो दोनो भी वहीं पे उनके साथ बैठ जाते हैं.
रेहान-मेरा तो आज दिल लगा है इस कॉलेज में 1 हफ़्ता तो बहुत बोरिंग गुज़रा.
प्राची-आज तो आपका दिल लगना ही था रीत दीदी जो आपके पास......मेरा मतलब हैं हम 4 लड़कियाँ जो आपके पास बैठी हैं.
रीत तो जैसे काँप उठी प्राची की बात सुनकर उसका दिल कर रहा था कि अभी प्राची को पकड़ कर पीटे मगर प्राची रीत को देख कर जानबूझ कर मुस्कुरा रही थी.
करण-अरे लड़कियाँ पास बैठने से क्या होता है प्राची.
प्राची-अब ये बात तो या फिर आप तीनो जानते होगे या फिर ये तीनो जानती होंगी.
सब उस की बात सुनकर सकपका गये.
रीत बात को बदलते हुए.
रीत-ओके तो आप लोग क्या पीना चाहोगे.
लेकिन प्राची तो आज उनकी अच्छी क्लास लेने के मूड में थी वो अपने होंठों पे जीभ फिराते हुए बोली.
प्राची-अरे दीदी पीना तो ये कुछ और चाहते हैं मगर अब आपकी मर्ज़ी आप चाहे कुछ भी पिला दो.
प्राची तो उन सबको झटके पे झटका दिए जा रही थी.
रेहान-कुछ भी हो प्राची बातें बहुत प्यारी करती है.
प्राची रीत, करुणा न्ड नीतू की तरफ इशारा करते हुए बोली.
प्राची-आपको तो प्यारी लगेगी ही आपके हक में जो हो रही हैं बातें ज़रा इनको पूछ कर देखो कि कैसी लग रही है मेरी बातें इन्हे.
रीत, करुणा न्ड नीतू तीनो गुस्से से प्राची को देख रही थी जैसे आज उसे खा ही जाएँगी मगर प्राची उन्हे आँखों ही आँखों में इशारे करती हुई और जला रही थी.
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