RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
रीत-तू लाइन मरवा ही क्यू रही है अगर तू उन्हे कोई ग्रीन सिग्नल देगी तो वो तो गाड़ी इस तरफ लाएँगे ही.
प्राची-अरे दीदी वो कब के हमारी तरफ देख कर बातें कर रहे हैं.
करुणा-तो करने दे ना प्राची अक्सर मजनू सुंदर लड़कियों की तारीफ में बातें करते ही रहते है.
करुणा की बात सुनकर वो 4रो हँसने लगी.
नीतू-वाह करुणा दीदी आपको बड़ा एक्सपीरियन्स है कितनो से तारीफ करवा चुकी हो.
करुणा-अरे कहाँ यार मैं तो अभी तक इन अकेले सुनसान रास्तों में भटक रही हूँ.
प्राची-दीदी किसी के साथ टांका फिट कर्लो देखना इन सुनसान रास्तों में कैसे घमासान होता है.
करुणा-हां कूटी अब तो कुछ ना कुछ होगा ही. वैसे तू बता तेरी इस कभी ना रुकने वाली जीभ को किसी ने अपने होंठों में क़ैद कर के चुप करवाया या नही.
प्राची-ना ना ना दीदी हम तो ऐसी बातों से दूर ही रहते हैं. हमें नही लड़ाना किसी के साथ इश्क़-विश्क़. मैं तो कहती हूँ आप सब भी इस झमेले में ना ही पडो तो अच्छा है क्यूंकी अक्सर यहाँ के ख़ुदग़र्ज़ लोग दिल तोड़ दिया करते हैं. बस फिर टूटा दिल लेकर बैठे रहो देवदास की तरह.
रीत-कूटी सभी उंगलियाँ एक समान नही होती. कुछ अच्छे लोग भी है जो अपने प्यार के लिए जान की बाज़ी तक लगा देते हैं.
नीतू-बिल्कुल सही कहा रीत दीदी. ये कूटी क्या जाने इस इश्क़ के नशे को.
प्राची-ह्म्म्म लगता है तू खूब अच्छे से जानती है.
नीतू-इतने अच्छे से भी नही यार. स्कूल में मेरा एक बॉय फ़्रेंड था जो रोज़ाना सुबह क्लास रूम में मेरे इन गुलाबी होंठों का रस चूस्ता था. एक दिन हम पकड़े गये बस उस दिन के बाद वो कम्बख़्त मुझसे दूर ही रहने लगा.
प्राची-मतलब तेरा श्री गणेश कर दिया उसने.
नीतू-अरे नही बस उपर उपर से ही चूमता-चाट ता था. नीचे का द्वार तो मैने दिखाया तक नही था उसे.
रीत-मतलब तुम तीनो अभी तक वर्जिन हो.
प्राची रीत की तरफ आँखें निकालते हुए.
प्राची-तुम तीनो का क्या मतलब क्या दीदी तुम वर्जिन नही हो. कहीं मुझसे चोरी चोरी मेरे भैया को साईयाँ तो नही बना रखा था आपने.
रीत-एक कान के नीचे लगाउन्गि खीच कर. मेरा ये मतलब नही था. आइ आम ऑल्सो वर्जिन.
प्राची-अरे दीदी मुझे तो इसलिए शक़ हुआ क्योंकि मेरे भैया तो आपके उपर लार टपकाते है. एक आप ही हो जो उन्हे घास तक नही डालती थी.
रीत-चुप कर बड़ी आई भैया की तरफदार.
प्राची-हम तो चुप ही हैं अब मेरे भैया का आपको ख्याल कैसे आएगा यहाँ तो और बहुत मिल जाएँगे.
और वो सब ऐसे ही हसी मज़ाक करती रही.
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दूसरे टेबल पर जहाँ रेहान, करण और हॅरी बैठे थे वो भी अपनी बातों में मस्त थे.
करण-अरे रेहान यार तू रहता कहाँ है.
रेहान-हॉस्टिल में रहता हूँ यार. साली हॉस्टिल में भी कोई ज़िंदगी है क्या.
करण-अरे तो ऐसा कर हमारे साथ ही आ जा हम यही शहर एक फ्लॅट रेंट पे लेकर रह रहे हैं.
हॅरी-हां रेहान बात करण की ठीक है. हम दोनो ही रहते हैं फ्लॅट में तू आ जाएगा तो हमे भी कंपनी मिल जाएगी.
रेहान-पर यार मैने अब हॉस्टिल की फीस भर दी है.
हॅरी-अरे यार तू उसकी टेंशन मत ले हॉस्टिल वॉर्डन सर मेरे पापा के अच्छे दोस्त हैं मैं पापा से कहकर तुम्हारी फीस वापिस करवा दूँगा.
रेहान-अरे वो थर्कि तुम्हारे पापा का दोस्त है.
हॅरी-हां यार मेरे पापा के साथ उसका काफ़ी उठना बैठना है.
रेहान-ओके यार ऐसा हो जाए फिर तो मज़ा आ जाए.
करण-हां यार तीनो मिलकर मस्ती करेंगे.
हॅरी-पर मस्ती करने के लिए कोई आइटम भी तो चाहिए.
रेहान जहाँ पे रीत न्ड पार्टी बैठी थी उस तरफ इशारा करता हुआ बोला.
रेहान-हां यार इनमे से पता कर्लो अगर कोई चालू हुई तो उसी की फाड़ डालेंगे.
हॅरी-नही यार ये तो सभी शरीफ लगती हैं.
रेहान-बाकी का तो मैं कह नही सकता लेकिन ये प्राची ज़रूर मुझे चालू लगती है. जब से हम यहाँ बैठे हैं तब से इधर ही देख रही है.
कारण-नही यार असल में कुछ लड़कियों की आदत होती है हर लड़के की तरफ देखना मगर वैसे फँसती किसी के साथ भी नही.
रेहान-हो सकता है मगर ऐसी चूत अगर मिल जाए तो मज़ा बहुत देती है. देख तो कितना गोरा चेहरा है मैं तो चूस चूस कर लाल कर्दुन्गा.
हॅरी उनकी बातों के सिलसिले को रोकता हुआ.
हॅरी-सालो चलो अब उस थर्कि के पास जाकर रेहान की फीस की बात करते है. लड़कियाँ बाद में ताड़ लेना.
वो तीनो विकी सर के कॅबिन की तरफ चल देते हैं. और वहाँ जाकर हॅरी अपने पापा के बारे में उन्हे बताता है तो विकी रेहान की फीस वापिस करने को तयार हो जाता है और अपनी फीस वापिस लेकर रेहान अपना समान हॉस्टिल में से उठाता है और अपनी गाड़ी में रख कर करण और हॅरी को साथ लेकर उनके फ्लॅट की ओर चल देता है.
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