RE: Incest Porn Kahani अनौखा रिश्ता
रीत और प्राची हॉस्टिल में पहुच गई. बाहर लगे नोटीस बोर्ड पे वो अपने रूम की लोकेशन ढूँडने लगी.
प्राची को रूम नंबर. 202 लिखा दिखाई दिया और उसके सामने 4 नाम लिखे थे उन्हे देखते ही प्राची बोली.
प्राची-रीत दीदी हमारे साथ 2 और लड़कियाँ भी हमारी रूम मेट्स होंगी.
रीत-तो क्या हुआ हॉस्टिल में ऐसे ही अड्जस्ट करना पड़ता है.
उन्होने बाहर खड़े गार्ड से रूम की चाबी ली और रूम की तरफ चल पड़ी.
वो दोनो रूम में पहुचि और उसके अंदर एंटर किया. कमरा ना तो ज़्यादा बड़ा था और ना ही छोटा. लेकिन 4 लोग आसानी से रह सकते थे उसमे.
प्राची-दीदी क्या इतने से कमरे में हम 4 गर्ल्स रहेंगी.
रीत-बिल्कुल.
प्राची-धत्त तेरे की.
रीत-ज़्यादा बक बक मत कर ये हमारा घर नही है जो तू एक रूम में अकेली सोएगी. मैने पहले भी कहा था यहाँ पे अड्जस्ट करना पड़ेगा. में वॉशरूम में जा रही हूँ फ्रेश होने अगर वो दोनो लड़कियाँ आयें तो उनके साथ कोई शरारत मत करना.
प्राची-ओके दीदी आप जाओ मैं उतनी देर आराम करती हूँ इस बेड पे.
और वो धडाम से बेड के उपर गिर गई.
रीत ने कपड़े लिए और वॉशरूम में घुस गई.
रीत को नहाने गये हुए कुछ ही वक़्त बीता होगा कि दरवाज़े पे किसी ने नॉक किया. प्राची एकदम बेड पे से उठी और उसने सोचा कि ज़रूर ये उनकी रूम मेट्स होंगी. उसके दिमाग़ में एक शरारत सूझी. अक्सर उसका दिमाग़ ऐसी हरकतों के लिए तेज़ चलता था.
उसने उन्दोनो की हालत भी पतली करने की सोची.
वो आगे बढ़ी और दरवाज़ा खोला तो सामने 2 लड़कियाँ बॅग लेकर खड़ी थी. दोनो ने सलवार कमीज़ पहना था और दोनो रीत और प्राची की तरह खूबसूरत थी. प्राची ने उन्हे एक बार उपर से नीचे तक देखा और फिर झुक कर उन्हे आदाब करती हुई बोली.
प्राची-आइए मेडम आप का ही इंतेज़ार हो रहा था.
वो दोनो अंदर आई और उनमे से एक बोली.
'जी हमारा इंतेज़ार वो क्यूँ'
प्राची डरावनी सी हँसी हँसी और बोली.
प्राची-मेडम जी सीनियर'स को अपने जूनियर'स का इंतेज़ार नही होगा तो किसका होगा.
उनके चेहरे के भाव थोड़े बदल गये और फिर से वोही लड़की बोली 'पर आप हमारा इंतेज़ार क्यूँ करेंगी'
प्राची सामने रखी एक चेर पे बैठ गई और बोली.
प्राची-अरे यार मैं तो बे-सबरी से इंतेज़ार कर रही थी कि आप आओ और हम आप की रॅगिंग कर सके.
रॅगिंग का नाम सुनते ही उनके होश उड़ गये.
प्राची-तो सबसे पहले अपना नाम बताओ.
उनमे से एक लड़की जो की थोड़ी लंबे कद की थी वो बोली 'जी मेरा नाम करुणा है'
प्राची-अरे मेडम पूरा नाम नही रखा मा बाप ने.
करुणा-जी करुणा गुप्ता.
प्राची-ओके और मेडम आपका.
'जी मेरा नाम नीतू वेर्मा है'
प्राची-गुड और ये बॅग में क्या है.
नीतू-जी हमारे कपड़े हैं.
प्राची-चेक कर्वाओ. वैसे भी तुम्हारे जैसी भोली शकल की लड़कियाँ आज कल बॅग में बॉम्ब लिए फिरती होती है.
नीतू ने बॅग प्राची की तरफ बढ़ा दिया और प्राची उसे खोल कर उसके कपड़े देखने लगी और उनमे से एक रेड कलर की ब्रा और पैंटी निकाल ली.
प्राची-लो मेडम इन्हे पकडो और अपने कपड़ो के उपर से इन्हे पहनो.
नीतू की हालत तो बिल्कुल पतली हो गई.
नीतू-ये आप क्या बोल रही हैं.
प्राची-नहाते वक़्त कान सॉफ नही करती क्या जो तुम्हे समझ नही आई मेरी बात.
नीतू का चेहरा देखने लायक था और तो और उसकी आँखों में से आँसू तक निकल आए.
नीतू की आँखों में आँसू देखकर एक दफ़ा तो प्राची ने सोचा कि अब रहने दूं पर फिर उसने सोचा रीत दीदी के आने तक तो मज़ा किया जाए.
नीतू ने एक एक करके अपनी दोनो टाँगें उठाई और पैंटी अपनी सलवार के उपर से ही पहन ली. उसने सफेद सलवार कमीज़ पहना था और उसके उपर रेड पैंटी देखकर प्राची को तो हसी आ रही थी मगर वो उसे रोके हुए थी. फिर नीतू ने अपनी चुनी उतारी और ब्रा भी पहन ली और करुणा को ब्रा के हुक लगाने को कहा. करुणा ने हुक लगा दिए और सहमी सी खड़ी हो गई वो सोच रही थी कि अब मेरे साथ क्या होगा.
नीतू को ऐसी हालत में देख प्राची ज़ोर से हँसने लगी और बोली.
प्राची-वाह आप तो एक दम मस्त लग रही हो ऐसे ही ब्रा और पैंटी लगाकर जाया करो कहीं भी. एक अलग फॅशन चल पड़ेगा देखना और उसका सारा क्रेडिट तुम्हे ही जाएगा.
प्राची ने अपना मोबाइल. उठाया और उसकी एक फोटो ले ली.
तभी रीत वॉशरूम से निकली और सामने नीतू के पहने हुए कपड़े देखकर हँसने लगी और बोली.
रीत-अरे ये कैसी ड्रेस पहनी है आपने.
नीतू-जी इन्होने बोला पहन ने को.
रीत की हसी एकदम से गायब हो गई और वो सारी बात समझ गई और प्राची की तरफ गुस्से से देखते हुए बोली.
रीत-ये सब क्या है कुत्ति.
प्राची अपना सिर खूज़ाती हुई बोली.
प्राची-वो दीदी......बस ऐसे ही.......मैं तो....
रीत-चुप कर मैं तो की बच्ची चल उठ और सॉरी बोल इनको.
प्राची उठी और नीतू और करुणा के सामने जाकर खड़ी हो गई और कान पकड़ कर बोली.
प्राची-सॉरी करुणा दीदी और सॉरी नीतू दीदी मैं तो आपसे मज़ाक कर रही थी मुझे माफ़ कर दो प्लीज़ मैं तो खुद जूनियर हूँ. और उसने पहले नीतू को गले लगाया और उसकी गाल पे किस की और फिर करुणा के. जब वो ऐसे ही किस करने के लिए रीत की तरफ मूडी तो रीत ने उसे थप्पड़ दिखाया और प्राची मुस्कुराती हुई जाकर अपने बॅग में से कपड़े निकालने लगी और तेज़ कदमो के साथ वॉशरूम में घुस गई.
उसके जाने के बाद रीत बोली.
रीत-प्लीज़ इसे माफ़ कर देना ये बस ऐसी ही है हर वक़्त इसे शरारत सूझती रहती है.
करुणा और नीतू को अब थोड़ा सकून मिला.
|