RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
फिर अभी ने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. मेने अपनी आँखों को बंद कर लिया. तभी अचानक मेरे मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी. क्योंकि अभी ने मेरे चुतड़ों को फैला कर अपनी जीभ मेरी चूत के छेद पर लगा दी थी. और जीभ से मेरी चूत के छेद को चाट रहा था.
मे: अहह ओह बाबू जीईए नहिी रुक्क जाऊ मुझे बहुत शरम एयाया रही है आह ओह माआअर डाला बाबू जीईईई ओह रुक जाओ मे अपपकीए अग्गे हाथ श अहह उंघह उंघह हाथ जोड़ती हुन्न्ञन् अहह बाबू जीई.
मेरे पूरी बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. मेरे हाथ पैर उतेज्ना के मारे काँपने लगे. चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया. और बाबू जी का लंड लेने के लिए मचलने लगी.
अभी: बोल चूत मे लंड चाहिए.
मे: (कांपति हुई धीमी आवाज़ मे) नही बाबू जी छोड़ दूओ आह
अभी ने मेरे चुतड़ों को छोड़ दिया. और फिर नेहा के पीछे आ गया. जैसे ही अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ा नेहा एक दम से कांप उठी. और दीवार पर अपने नाख़ून को गढ़ाने लगी. अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ दोनो तरफ से फैला दिया. और अपनी जीभ को बाहर निकाल कर उसके फेले हुए चुतड़ों के बीच मे अपना मुँह लगा दिया.
जैसे ही अभी की जीभ नेहा की चूत से लगी. नेहा एक दम से तिलमिला उठी. उसका पूरा बदन तेज़ी काँपते हुए हिलने लगा. नेहा ने अपने दाँतों को होंटो मे भींच लिया. और अपनी सिसकारियो को रोकने की कॉसिश करने लगी. नेहा के गोरे गाल ऐसे लाल हो चुके थे. जैसे उसके गाल्लों मे खून उतर आया हो. नीचे अभी नेहा की चूत को अपनी जीभ से बिना रुके चाते जा रहा था. आख़िर नेहा कब तक अभी की जीभ को अपनी चूत के छेद पर बर्दास्त करती. नेहा लगभग चिल्लाते हुए सिसकारिया भरने लगी.
नेहा: नही बाबू जीईई बुसस्स कारूव ह ऑश ओह बाबू जीईए कुचह हो रहा है. आह आह उंह सीईईईईई बाबू जीईई हट जाओ नाअ ह बाबू जीई बहुतटत्त गुड गुदगुदी हो रही हाईईइ अहह
अभी: (नेहा की चूत से मुँह हटाते हुए) बोल फिर मेरा लंड चूत मे लेगी.
पर नेहा ने अभी की बात जवाब नही दिया. और तेज़ी से साँसे लेते हुए. दीवार से सटी रही.
नेहा को कुछ ना बोलता देख अभी खड़ा हो गया. और मेरे पैरो से सलवार निकाल कर एक तरफ फेंक दी. मे और नेहा दोनो साथ-2 खड़े थे. नेहा का हाथ मेरी बाजू पर टच हो रहा था. मेरे पैरो से सलवार निकालने के बाद अभी ने मेरी जाँघो को अपने हाथों से फैला दिया. और अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ कर झुक गया. और अपने लंड के मोटे सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर पीछे से लगा दिया. जैसे ही मेरी चूत के छेद पर अभी के लंड का गरम सुपाड़ा लगा. मेरी चूत मे सरसरहट होने लगी.
और चूत की फाँकें अभी के लंड के सुपाडे पर कस्के लंड को अंदर की तरफ तरफ धकेलने की कॉसिश कर रही थी. अभी ने मुझे कंधों से पकड़ कर आगे से झुका दिया. जिससे मेरी गांद पीछे से बाहर आ गयी. और चूत खुल कर बाहर आ गयी. अभी ने मेरी चुचियो को पकड़ कर ज़ोर दार धक्का मारा. लंड का सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों को फेलाता हुआ अंदर घुस्स गया. जैसे ही अभी के लंड के सुपाडे को मेरी चूत की दीवारों ने कसा. मेरी चूत को थोड़ी ठंडक मिल गयी. और जैसे कोई प्यासा पानी मिलने के बाद ठंडी आह भरता है. वैसे ही अहह मेरे मुँह से निकल गयी.
मेने अपने हाथों को दीवार पर सटा दिया. अभी ने फिर से एक और जोरदार धक्का मारा अभी का लंड पूरा का पूरा मेरी चूत मे समा गया. और मेरी बच्चे दानी से जा टकराया.
अभी: बोल चोदु कि नही जल्दी बोल नही तो अभी लंड बाहर निकाल लूँगा.
मे: (बहुत ही धीमी आवाज़ मे) हां बाबू जीईए ह
अभी: क्या बोला ज़ोर से बोल.
मुझे पता था कि अभी ये सब जान बुझ कर रहा है. और वो मेरे मुँह से हां निकलवा कर नेहा को सुनाना चाहता है.
मे: (इस बार उँची आवाज़ मे) ह बाबू जीई चोदो मुझे
बाबू जी ने मेरी चुचियो से हाथों को हटा लिया. और नेहा को खींच कर मुझसे एक दम सटा दिया.. नेहा की नाइटी उसकी कमर तक चढ़ि हुई थी. अभी ने अपना एक हाथ नेहा के चुतड़ों के नीचे से लेजा कर नेहा की चूत पर रख दिया. और धीरे-2 नेहा की चूत को सहलाने लगा..
नेहा भी तेज़ी से साँसे लेते हुए धीरे-2 सिसकारिया भरने लगी. और अभी ने अपने लंड को सुपाडे तक मेरी चूत से बाहर निकाल लिया. और वहीं रुक गया.
अभी: चल अब अपनी चूत को मेरे लंड पर पटक.
मे किसी बेशरम रंडी की तरहा नेहा के सामने अपनी चूत को कमर आगे पीछे करके बाबू जी के लंड पर पटकने लगी. दूसरी तरफ अभी नेहा की चूत मे अपनी उंगली आगे पीछे करके अंदर बाहर कर रहा था. नेहा की सिसकारिया उँची होती जा रही थी.
क्रमशः.................
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