RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे: नही बाबू जीए इसे ना उतारो. वैसे ही कर लो. नेहा आ जाएगी.
अभी: चुप साली बेहन की लोदी. मुझसे ज़ुबान ना लड़ा. चल अपने हाथ ऊपेर कर.
मेने ना चाहते हुए भी अपने हाथों को ऊपेर कर दिया. और अभी ने मेरी कमीज़ को निकाल कर नीचे फेंक दिया. और मुझे मेरे बालों से पकड़ कर मुझे खड़ा कर दिया.
मे: अहह बाबू जीए क्या कर रहे हो. दर्द हो रहा है.
अभी ने मुझे खड़ा करके मुझे घुमा दिया. अब मेरी पीठ अभी की तरफ थी. अभी ने मेरी ब्रा के हुक्स खोल दिए. और ब्रा को निकाल कर कमीज़ के ऊपेर फेंक दिया. और फिर से मुझे घुमा कर सीधा करके दीवार से सटा दिया.
अभी मेरी तरफ देख कर मुस्करा रहा था. मेरी साँसें बहुत तेज़ी से चल रही थी. उतेज्ना के मारे मेरे निपल तन कर कड़े हो चुके थे. और मेरी चुचिया मेरी तेज़ी से साँस लेने के कारण फूल कर ऊपेर नीचे हो रही थी.
अभी किसी भूखे जानवर की तरहा मुझ पर टूट पढ़ा. और मेरी चुचियो को अपने दोनो हाथों से मसलते हुए. एक चुचि को मुँह मे लेकर चूसने लगा. और मेरे निपल को अपने दाँतों से धीरे-2 काटने लगा.
मे: अहह बाबू जीए दर्द्द्द कर रहा हाीइ. ह माआ ओह सीईईईईईईईई ससिईईईईईई अहह बाबू जीईई
मेरी चूत मे आग बढ़ती जा रही थी. और चूत पानी छोड़-2 कर सलवार को गीला कर रही थी. मेरा दिल कर रहा था. कि बाबू जी मुझे अभी पटक कर चोद दे. पर बाबू जी के दिमाग़ मे शायद कुछ और ही चल रहा था. बाबू जी ने मेरी चुचियो को छोड़ कर मेरे नाडे को पकड़ लिया. और एक दम से खींच दिया. जिससे मेरी सलवार का नाडा जबरन से बाहर आ गया. और मेरी सलवार खिसक कर मेरे जाँघो पर आ गयी.
बाबू जी ने हाथ मे नाडे को लिए हुए. अपने अंडर वेर को ऊपेर कर लिया. और झुक कर मेरी सलवार ब्रा और बेड शीट को उठा लया. और बाहर के तरफ जाने लगे. मे तेज़ी से हन्फते हुए बाबू जी को देख रही थी. बाबू जी मेरी चूत की आग को बढ़का कर मुझे बिना चोदे ही जा रहे थे.
मे: क्या हुआ बाबू जी कहाँ जा रहे हो. मुझे कपड़े तो दे दो.
अभी: (पीछे मूड कर) रुक ज़रा अभी आता हूँ नेहा को लेकर.
मे बाबू जी की बात को सुन कर एक दम से घबरा गयी. मे ऊपेर से बिल्कुल नंगी थी. और मेरी सलवार मे नाडा नही था. मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था. कि मे क्या करूँ. मे ऐसी हालत मे बाहर भी नही जा सकती थी. मेने जल्दी से बाथरूम का डोर बंद कर दिया. पर शायद अभी को पता था. डोर को मे बंद तो कर सकती थी पर. डोर को मे कोई लॉक या चितकिनी नही थी.
अब मे पूरी तरहा से मजबूर हो चुकी थी. मेरा दिल बहुत तेज़ी से धड़क रहा था. और ये सोच रही थी. कि अब आगे क्या करूँ. फिर थोड़ी देर बाद मुझे कदमों के आहट सुनाई दी. मे एक दम से घबरा गयी. और दीवार की तरफ मूह कर एक हाथ से अपनी बिना नाडे की सलवार को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से अपनी 38 साइज़ की चुचियो को छुपाने की कॉसिश करने लगी. फिर डोर खुला और मेरे दिल की धड़कन थम गयी.
मेने कनखियो से पीछे देखा. अभी नेहा को अपनी बाहों मे उठाए हुआ था. नेहा उसकी चेस्ट मे अपने फेस को छुपाए हुए कसमसा रही थी. अभी ने नेहा को नीचे उतारा और एक पल के लिए मेरी तरफ देखा. नेहा भी मेरे तरहा घबराई हुई थी. अभी ने एक पल के लिए मेरी तरफ देखा. मेरी पीठ अभी और नेहा की तरफ थी.फिर अभी ने नेहा को हाथ से पकड़ कर मेरे साथ खड़ा कर दिया. नेहा का बदन एक साइड से मुझसे टच हो रहा था. नेहा भी मेरी तरहा तेज़ी से साँसें ले रही थी. और उसकी पीठ भी मेरी तरहा अभी की तरफ थी.
मे अपने दिल की धड़कनो को रोके हुए आने वाले पलों का इंतजार कर रही थी. कि अब अभी क्या करने वाला है. फिर अभी बिल्कुल हम दोनो के पीछे आ कर खड़ा हो गया. और मेरे और नेहा के चुतड़ों पर अपना एक-2 हाथ रख कर मसलने लगा. मेरी सलवार के ऊपेर से और नेहा की नाइटी के ऊपेर से. मेने नेहा की तरफ देखा. नेहा मेरी तरफ देख रही थी. जैसे ही मेरी नज़रें नेहा से मिली. नेहा ने अपनी आँखों को बंद कर लिया. नेहा के होन्ट कांप रहे थे.
अभी ने हम दोनो के चुतड़ों को मसलते हुए. नेहा की नाइटी को ऊपेर उठा दिया. और उसकी वशेप पॅंटी के अंदर से हाथ डाल कर उसके चुतड़ों को मसल दिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. और उसके मुँह से घुटि हुई ह सीईइ की आवाज़ निकल गयी. नेहा ने अपने होंटो को दाँतों मे भीच लिया. फिर अभी ने मेरी सलवार को अपनी मुथि मे पकड़ कर नीचे की तरफ ज़ोर से खींच दिया.
सलवार मेरे हाथ से छूट गयी. और मेरे पैरो मे आकर फर्श पर धूल चाटने लगी. अब मे अपनी गांद को बाहर निकाले अभी के सामने खड़ी थी. अभी ने अपना हाथ मेरे से हटा लिया. और नेहा की पॅंटी को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे करना चालू कर दिया. नेहा कुछ नही बोल रही थी. उसका पूरा बदन कांप रहा था. नेहा की पॅंटी को अभी ने निकाल कर फेंक दिया. और मेरी तरफ देखने लगा.
मेरी हालत भी नेहा के जैसी थी. मेरे हाथ पैर भी कांप रहे थे. अभी बिल्कुल मेरे पीछे आ गया. और नीचे चादर को रख कर उस पर घुटनो के बल बैठ गया. मे अपनी साँसों को रोके हुए. अभी की अगली हरकत का इंतजार कर रही थी. ना चाहते हुए भी मे गरम होती जा रही थी.
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