RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
अभी: (मेरे चुतड़ों को मेरी सलवार के ऊपेर से मसलते हुए) कहे तो अभी तेरी चूत की खुजली मिटा दूं.
मे: (मुँह बनाते हुए) रहने दो बाबू जी. अब उसकी चूत के खुजली मिटाते रहना.
अभी: ( मेरे होंटो को अपने दाँतों से काटते हुए) साली क्यों जल रही है. नखरे तो ऐसे कर रही है. जैसे बिना लंड के जिंदगी गुजर लेगी.
मे: आह बाबू जी कात्त्त्त क्यों रही हो उस बेचारी के फूल जैसे होंटो को कितनी बेदर्दी से चबाया है आप ने. निशान पर गया है उसके होंटो पर.
अभी: तू किया हुआ. ऐसे ही एक निशान तेरे होंटो पर भी बना देता हूँ. (मेरे चुतड़ों को ज़ोर से मसलते हुए)
मे: उईमा क्या कर्र रहूऊ बाबू जीए. नेहा आ गयी तो.
अभी: अच्छा आ गये तो क्या हो जाए गा.
मे: छोड़ो ना बाबू जी अभी नहा कर आई हूँ . फिर से इतनी सर्दी मे नहाना पड़ेगा.
और अभी ने मुझे छोड़ दिया. और उठ कर अपना अंडरवेर और शॉर्ट्स पहन कर बाथरूम मे चला गया.
अभी: (बाथरूम से आवाज़ लगाते हुए) रचना चाइ वापिस ले जाओ. मे नहा लेता हूँ. बाद मे नाश्ते के साथ ही पीएँगे.
मेने चाइ की ट्रे उठा ली. और किचन मे आ गयी. और नाश्ते को डिन्निंग टेबल पर लगाने लगी15- 20 मिंट मे नेहा और अभी भी नहा कर बाहर आ गये. अभी डिन्निंग टेबल पर बैठ कर नाश्ता करने लगा. और मे और नेहा अपने रूम मे बैठ कर नाश्ता करने लगी. नेहा मुझसे नज़रें नही मिला रही थी. नाश्ता करने के बाद अभी घर से बाहर चला गया. शायद उसे कोई काम था.
अभी दोपहर को आने के लिए बोल गया था. इस लिए मे और नेहा 12 बजे तक काम निपटा कर सो गये.इस दौरान नेहा ने मुझेसे कोई बात नही की. शायद वो झीजक रही थी. 2 घंटे सोने के बाद मे और नेहा उठ कर दोपहर के खाने की तैयारी करने लगी. करीब 2:30 पर डोर बेल बजी. मेने गेट खोला तो सामने अभी खड़ा था. उसके हाथ मे आज भी बहुत से कॅरी बॅग्स थे. शायद वो आज फिर से शॉपिंग करके आया था.
अभी अंदर आ गया. मेने गेट बंद कर दिया. और किचन मे चली गयी. थोड़ी देर बाद अभी किचन मे आया.
अभी: खाना बन गया क्या. बहुत जोरों से भूक लगी है.
मे: हां बाबू जी बस 10 मिनट मे तैयार हो जाएगा.
किचन मे दोनो तरफ सेलफ्स थी. नेहा मेरे पीछे वाली सेल्फ़ पर सलाद काट रही थी. अभी नेहा के पीछे जाकर उससे सॅट कर खड़ा हो गया. मे अपने फेस को पीछे करके चोर नज़रों से अभी और नेहा को देख रही थी.
अभी ने नेहा के चुतड़ों को पकड़ कर मसल दिया. नेहा एक दम से कसमसा गयी. और इधर उधर होने लगी. फिर नेहा ने इशारे से अभी को मेरे माजूदगी होने का बताया. पर अभी ने सर झटक दिया. जैसे कह रहा हो मुझे कोई परवाह नही. और अभी नेहा के चुतड़ों को अपने दोनो हाथों मे थमने मसलने लगा. नेहा अभी के आगे खड़ी कसमसा रही थी.
पर अभी बिना किसी बात के परवाह किए बिना नेहा के चुतड़ों को उसकी सलवार के ऊपेर से मसले जा रहा था. मेने अपने फेस को घुमा लिया. और कुक्कर मे सब्जी को देखने लगी. तभी अचनाक नेहा के मुँह से आह निकल गयी. मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा. जैसे ही मेने दोबारा पीछे मूड कर देखा तो.अभी ने अपना एक हाथ आगे लेजा कर उसकी सलवार के अंदर घुसाया हुआ था. और सलवार के अंदर से उसकी चूत को मसल रहा था.
ये सब देख कर मेरी चूत मे भी कुलबुलाहट होने लगी. अब खाना तैयार हो चुका था. मेने गॅस स्टोव बंद किया. और बाहर आ गयी. और अपने रूम मे जाकर पर्दे के पीछे से अंदर झाँकने लगी.
नेहा: (कसमसाते हुए) बाबू जी मा देख लेगी.
अभी: देखने दो साली को. तू कहे तो उसे तेरे सामने लाकर यहीं चोद दूं.
नेहा: नही बाबू जी. रहने दो. छोड़ो ना.
अभी: अच्छा ठीक चल मेरे रूम मे चल. देख मे बाजार से तेरे ले किया क्या लाया हूँ. और तेरे मा के लिए भी. जा उसे भी बुला ला.
और ये कह कर अभी अपने रूम मे चला गया. अभी के जाने के बाद नेहा ने अपने सलवार के ढीले हो चुके नाडे को कमीज़ को ऊपेर करके खोला और उसे ठीक से बंद करने लगी. फिर थोड़ी देर बाद नेहा बाहर आ गयी. मे जल्दी से पलंग पर बैठ गयी.
नेहा: (रूम के अंदर आते हुए) मा बाबू जी बुला रहे हैं.
मे : (उठाते हुए) चलो.
मे और नेहा अभी के रूम मे आ गये. हम को देख कर अभी मुस्कुराते हुए बोला.
अभी: देखो मे तुम दोनो के लिए क्या लाया हूँ.
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