RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................
अभी ने नेहा के हाथों को छोड़ दिया. और नेहा की टीशर्ट को ऊपेर करने लगा. नेहा ने तेज़ी से साँसे लेते हुए. अपनी आँखों को बंद कर लिया. अभी ने नेहा की टीशर्ट को ऊपेर करके उसके बदन से निकाल दिया. नेहा अपनी आँखों को बंद किए. तेज़ी से साँसे ली रही थी.
अभी ने नेहा की कमर को दोनो हाथों से पकड़ कर घुमा दिया. अब नेहा की पीठ अभी की तरफ थी. और अभी ने नेहा के ब्रा के हुक्स को बिना देर किए खोल दिया. जैसे ही नेहा के ब्रा के हुक्स खुले. नेहा ने अपनी ब्रा को अपने हाथों से थाम लिया.
अभी नेहा की ब्रा के स्ट्रॅप्स को कंधों से सरका कर नीचे करने लगा. और नेहा के हाथों को ब्रा से हटा कर ब्रा को निकाल कर फेंक दिया. और अपने हाथों को आगे लेजा कर नेहा की चुचियो को अपने हाथों मे पकड़ लिया.
जैसे ही नेहा ने अपने नंगी चुचियो पर अभी के हाथों को महसूस किया. नेहा एक दम से कसमसाने लगी. और उसके मुँह से अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह बाबू जीईई निकलने लगा.
नेहा: अहह बाबू जीईई क्या कार रहीईई हैं अप्प्प्प ओह्ह्ह मुझे कुछ हू रहा हाईईईईईईई अहह अहह बाबू जीईए दर्द्द्द हूऊ रहाआ हाईईइ धीरी करूऊओ आह उईमाआअ सीईईईई
अभी ने नेहा की चुचियो को मसलते हुए अपने होंटो को नेहा की नंगी पीठ पर रख कर रगड़ना चालू कर दिया. नेहा एक दम से तिल मिला उठी. और दीवार पर अपने हाथों के नाख़ून से कुरदेन लगी. वो लगातार सिसकारिया भर रही थी. अभी ने अपना एक हाथ नेहा की चुचि से हटा कर उसके स्कर्ट को ऊपेर कर दिया. मोटे नरम चुतड़ों पर रख कर धीरे -2 सहलाने लगा.
नेहा: अहह बाबू जीईई उंह बुसस्स्सस्स करूऊ नाआअ उफफफफफ्फ़ उिंाआअ बुसस्स्स ह बुसस्स्स कारूव उंह
अभी नेहा की बातों पर ध्यान दिए बिना नेहा की पीठ को चूम रहा था. अभी ने नेहा की चुचि से दूसरा हाथ भी हटा लिया. और अब दोनो हाथों से नेहा के चुतड़ों को दोबच कर धीरे-2 मसलने लगा. नेहा ह उईईइमाआ अहह बाबू जीईई करते हुए कसमसा रही थी.
अब आगे की कहानी नेहा की ज़ुबानी… शुरू करती हूँ.
बाबू जी मेरी पीठ को चूमते हुए नीचे मेरे चुतड़ों की तरफ बढ़ रहे थे. मेरी साँसें तेज़ी से चल रही थी. अपने कुंवारे बदन पर पहली बार मर्दाना होंटो का सपर्श पा कर. मेरा बुरा हाल हो चुका था. मेरी साँसे उखड़ रही थी. और हाथ पैर मस्ती और रोमांच के मारे कांप रहे थे. चूत से पानी निकल कर फांकों तक पहुच गया था.
मे अपनी आवाज़ को दबाने की पूरी कॉसिश कर रही थी. पर मेरे मुँह सेसिसकारियाँ बदस्तूर निकल रही थी. अभी मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों से मसलते हुए. नीचे की ओर झुका जा रहा था. कुछ ही पलों मे अभी मेरे पीछे घुटनो के बल बैठा था. मेने पीछे फेस करके अपनी वासना से भरी आँखों से देखा.
अभी की आँखों मे अजीब सी चमक थी. अभी ने मेरी पॅंटी को जो कि जाँघो मे अटकी हुई थी. को पकड़ कर नीचे करना चालू कर दिया. जैसे ही मेरी पॅंटी मेरे पैरों मे आई. अभी ने मेरे दोनो पैरो को बारी-2 उठा कर पॅंटी को निकाल कर एक तरफ फेंक दिया. और फिर मेरी स्कर्ट के हुक्स को खोलने लगा. मेरा दिल अब जोरों से धड़क रहा था.
अभी ने मेरी स्कर्ट के हुक्स खोल दिए. जिससे स्कर्ट मेरी कमर पर ढीली हो गयी. और कमर से सरक कर मेरे पैरो मे आ गिरी. मेरा पूरा बदन कांप रहा था. अभी ने घुटनो के बल बैठे-2 अपने अंडरवेर को निकाल दिया. मेरी आँखें अभी के मोटे लंड पर गढ़ गयी. दिल ने धड़कना बंद कर दिया. आज पहली बार मेने अभी के लंड को इतने करीब और गोर से देखा था. अभी के मोटे लंड को देख मेरी चूत मे सरसारहात होने लगी. अंडर वेर निकाल कर अभी ने अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को पकड़ कर फैला दिया. मे शरम के मारे मरी जा रही थी.
मेरी गांद का छेद बाबूजी की आँखों के सामने था. जिसे देख कर उनकी आँखों की चमक बढ़ गयी. फिर बाबू जी ने अपना एक हाथ हटा लिया. और अपने लंड को तेज़ी से हिलाते हुए खड़े हो गये. और एक हाथ से मेरे दोनो चुतड़ों को फैला कर अपने लंड के मोटे सुपाडे को मेरी गांद के छेद पर टिका दिया.
मोटे लंड के गरम सुपाडे को अपनी गांद के छेद पर महसूस करके मेरे बदन मे करेंट दौड़ गया. मेरी आँखें बंद हो गयी. और मेरा पूरा बदन झटके खाने लगा. लंड के सुपाडे ने गांद के छेद मे अजीब सी सिहरन पैदा कर दी थी.
बाबू जी ने अपने लंड के सुपाडे को मेरी गांद के छेद पर टिका कर अपने दोनो हाथों को हटा लिया. और मुझे अपनी बाहों मे भर लिया. और मेरे फेस को पीछे मोड़ कर मेरे गालो को चूमने लगी. बाबू जी के होंटो को अपने गालो मे महसूस करते ही. मेरे बदन मे अजीब सी सिहरन और मस्ती दौड़ गयी. बाबू जी के लंड का सुपाड़ा मेरी गांद के छेद पर लगा हुआ था. जो मुझे बहुत ही मज़ा दे रहा था.
मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीए क्या कार्ररर रह हूऊओ. अहह
अभी: क्यों क्या हुआ अच्छा नही लग रहा.
मे: अहह अच्छा लग रहा है. बहुत अच्छा….
बाबूजी ने अचानक पीछे होकर मुझे अपनी ओर घुमा लिया. और मेरे गोरे बदन को देखने लगे. उनकी नज़र मेरे तेज़ी से साँस लेने के कारण ऊपेर नीचे हो रही चुचियो से लेकर मेरी जाँघो के बीच मे कसी हुई चूत तक का मुआयना कर रही थी.
बाबू जी जिस तरह मुझे देख रहे थे. मे उनसे नज़रें नही मिला पा रही थी. मे शरम के मारे उनके सामने सर झुका कर खड़ी थी.अभी ने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा. पर मे शरम के कारण उनकी तरफ नही बढ़ी. उन्होने ने फिर से मुझे ज़ोर लगा कर अपनी तरफ खींचा. और इस बार मेरा नंगा बदन अभी के बदन से चिपक गया.
मेरी तनी हुई ठोस चुचिया बाबू जी की चौड़ी छाती मे धँस गयी. बाबू जी के बदन का स्परश मुझे अंदर तक हिला रहा था. मे अपने हाथों को बाबू जी केकंधों पर रख कर उनसे थोड़ा सा फासला बनाने की कॉसिश कर रही थी.
अभी: (मेरी आँखों मे देखते हुए) अब तो अपनी बाहों का हार मेरे गले मे डाल दो रानी क्यों शरमा रही हो. आ मेरी छाती से लग जा.
मेने शरमाते हुए ना मे सर हिला दिया.
अभी: क्या हुआ अब भी शरमा रही है. क्यों तडपा रही है मुझे. एक बार मेरे बदन से चिपक जा. फिर देखना मे तुझे जन्नत की सैर कराता हूँ.
मे अभी भी शर्मा रही थी. आख़िर ये सब मेरे लिए बिल्कुल नया था. आज तक मा ने भी मुझे बड़ा होने के बाद नंगा नही देखा था. और आज मे किसी अंजान लड़के के सामने बिना कपड़ो के खड़ी थी. और वो मुझे अपनी बाहों मे आने के लिए कह रहा था. बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को कस के पकड़ लिया. मेने फिर से शर्मा कर ना मे सर हिला दिया.
अभी: नही ?
मे फिर से शरमाते ना मे सर हिलाने लगी बाबू जी फिर से बोले देख लो मेने बड़ी-2 औरतों को अपने वश मे किया है. खुद लगो गी या मे लगाऊ. मे वैसे ही ना मे सर हिलाती रही. बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को पकड़ कर दोनो तरफ फैला दिया. मे एक दम से कसमसा उठी. बाबू जी फिर से पूछने लगे…
मे: ह बाबू जीए नही…..
अभी: (मेरे चुतड़ों को फैला कर मसलते हुए) नही देख ले…
मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीईए छोडर्र्र्र डूऊ नाअ.
अभी: तूँ ऐसे नही मानेगी.
और बाबू जी ने मेरे चुतड़ों को फेला कर अपनी एक उंगली को मेरी गांद के छेद पर लगा दिया. मे एक दम से मचल उठी. मेरे हाथ पैर काँपने लगे. बाबू जी धीरे -2 अपनी एक उंगली को मेरी गांद के छेद मे घुसाने लगे. मुझ पर वासना का भूत सवार हो चुका था. मे बाबू जी से एक दम चिपक गयी. और अपनी बाहों मे बाबू जी के सर को कस्के लप्पेट लिया. बाबू जी मुझे अपने से चिपकाए हुए. मेरी गांद के छेद को उंगली से कुरेद रहे थे.
मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ रही थी. मेरा पूरा बदन मस्ती और सर्दी दोनो के मारे काँप रहा था. बाबू जी के आगोश मे आकर मुझे बहुत सकुन और सुख की अनुभूती हो रही थी. मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था. और मेरी चुचियाँ बाबू जी की छाती मे धँसी हुई थी.
बाबू जी: अभी भी नही.
मे: अहह सीईईईईईईई बाबू जीईई उंह मा ओह उफफफफफफ्फ़ बाबू जीईई नही
मेरे मुँह से अभी भी ना ही निकल रहा था. पर मे बाबू जी से एक दम नंगी होकर चिपकी हुई थी. और मेरे हाथ बाबू जी की पीठ पर कसे हुए थे. बाबू जी मेरे कानो और गालो को अपने मुँह मे लेकर चूस रहे थे. और बाबू जी का मोटा लंड मेरी नाभि के नीचे रगड़ खा रहा था.
फिर बाबू जी ने मेरे चुतड़ों से अपने हाथों को हटा कर मेरी जाँघो को पकड़ लिया. और मुझे खड़े-2 ऊपेर उठा लिया. जैसे ही बाबू जी ने मुझे ऊपेर उठाया. मेरे पैर बाबू जी की कमर मे लिपट गये. और मे किसी छोटे बच्चे के तरहा बाबू जी की गोद मे उनकी छाती से चिपकी हुई थी. बाबू जी का लंड खिसक कर मेरे चुतड़ों की दर्रार मे से होता हुआ. लंड का सुपाड़ा मेरी गांद के छेद पर सॅट गया था. और सुपाडे से नीचे का हिस्सा पर मेरी चूत की फांकों को फैला कर मेरी चूत के छेद पर लगा हुआ था.
और जैसे ही मेरी चूत और गांद के छेद दोनो पर मेने बाबू जी के लंड को महसूस किया. मेरे बदन मस्ती मे अकड़ने लगा. और कमर अपने आप ही झटके खाने लगी. जिससे मेरी चूत बाबू जी के मोटे लंड पर रगड़ खाने लगी. मे मस्ती मे इस कदर चूर हो चुकी थी. मुझे किसी बात का ध्यान नही रहा. और मे मस्ती मे आकर धीरे-2 अपनी कमर को हिला कर लंड और गांद दोनो को बाबू जी के लंड पर रगड़ने लगी.
अभी: बोल मेरे रानी कैसा लग रहा है.
मे: अहह ओह बाबू जीए बहुत्त्त्त मज्जा एयेए रहा हाीइ नीचे बहुट्त गुदगुदी हो रही हाईईईई अहह ऑश ओह उईमाआअ उंह सीईईईईई बाबू जीईई ह
अभी: नीचे कहाँ.
मे: अहह बाबू जीई नीचे मेरी मुनिया पर्र अहह
अभी: और क्या कहते हैं. उसे मुझे ठीक से नाम लेकर बताओ.
मे: बाबू जीए मुझे शरम आआ रही हाईईइ.
अभी: अब मुझसे क्या शरमाना मेरी जान.
और अभी मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों मे थामें अपनी कमर हिला कर अपने लंड को मेरी चूत और गांद की दर्रार मे रगड़ने लगा. मेरे पूरे बदन मे सरसारहात होने लगी. और मे बाबू जी और कस के चिपक गये.
अभी: बोल ना साली क्यों शरमा रही है.
मे: अजहह आह आह बाबू जीए धीरीई चूत्त्त्त पर्रर और्र्ररर
अभी: और कहाँ पर
मे: हन्न्न्न्न्न अहह और गाआअंड्ड़ पर्र ओह्ह्ह्ह बाबू जीईई.
मे अब ज़ोर-2 से सिसकारिया भर रही थी. बाबू जी ने अपनी कमर को हिलाना बंद कर दिया. और मुझे वैसे उठाए-2 ही बेड पर बैठ गये. और मेरे होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूसने लगे. सुबह बाबू जी ने जैसे बताया था. मेने अपने होंटो को वैसे ही खोल दिया. और बाबू जी मेरे होंटो को चूसने लगी. उनके हाथ लगातार मेरे चुतड़ों को मसल रहे थी. और उन्होने ने मेरे चुतड़ों को मसल-2 कर लाल कर दिया था.
बाबूजी ने मेरे मुँह मे अपनी जीभ घुसा दी. और मे बाबू जी की जीभ को चूसने लगी. मुझे अब इस सब मे बहुत मज़ा आ रहा था. तभी अचानक बाबू जी ने मेरे मुँह मे अपना थूक उगल दिया. जैसे ही मेरे मुँह मे बाबू जी का थूक आया. मुझ पर वासना का नशा सा छा गया. और मे बाबू जी के होंटो को पागलों के तरहा चूसने लगी. और बाबू जी मेरे चुतड़ों को थामे मज़े ले रहे थे.
बाबू जी और मे करीब 10 मिनट तक ऐसे बैठे-2 एक दूसरे के होंटो को चूस्ते रहे. जब मे एक दम थक गयी. तो मेने अपने होंटो को हटा लिया. और तेज़ी से साँस लेने लगी. मेरे साँस उखड़ चुकी थी.इस पहले के मे अपनी साँसों को संभाल पाती. बाबू ने ने झुक कर मेरी एक चुचि को मुँह मे ले लिया.
जैसे ही बाबू जी ने मेरी चुचि को मुँह मे ले लिया. मेरी साँसें वहीं अटक गयी. बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी. और पूरा का पूरा बदन जबरदस्त झटका खा गया. और अभी मेरी चुचि को मुँह मे लेकर मेरे निपल को चूसने लगा.
मे; आह बाबू जीईए ओह बहुट्त्त गुदगुदी हो रही हाई अहह बाबू जीईए और चूसो. ह ओह बाबू जीए जैसीई माआ की चुस्तीए हूऊ वैसी हीई अहह ओह्ह्ह्ह ओह्ह्ह उंह
मे इतनी मस्त हो चुकी थी. के मे अपनी आवाज़ को दबाने के लिए बाबू जी के कंधों पर अपने होंटो को रगड़ने लगी. मेरे होंटो की रगड़ को अपने बदन पर महसूस करके बाबू जी मेरी चुचि को और ज़ोर- 2 चूसने लगे. और मेरे चुतड़ों को ज़ोर-2 से मसलने लगे. मे बाबू जी की बाहों मे मस्ती मे आकर छटपटाने लगी. अब मुझेसे बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था. नीचे बाबू जी का लंड मेरी चूत के छेद पर रगड़ खा रहा था. मे तेज़ी से अपनी कमर हिलाने लगी. बाबू जी का लोहे जैसा सख़्त लंड मेरी चूत पर रगड़ खाने लगा. और मेरी चूत मे कुलबुलाहट होने लगी.
मे बाबू जी के बालों को अपनी उंगलियो से सहलाने लगी. अब मेरी चूत से पानी निकल कर बाबू जी के लंड पर गिरने लगा था. लंड की रगड़ चूत के छेद पर बहुत ज़्यादा बढ़ चुकी थी.
बाबू जी ने मेरी चुचि को मुँह से निकाल कर दूसरी चुचि को मुँह मे ले लिया. मेरे मुँह से फिर से ह ओहजहह बाबू जीए अहह बहुतत्तत्त मज्जा आआआअ रहा हाईईइ अहह और ज़ोर से चुसूओ ह ऐसे बेशर्मी से भरी हुई आवाज़े निकलने लगी. और मेरा बदन एंथने लगा. पूरा बदन अकड़ गया. जैसे मुझे कुछ हो रहा हो. मुझे समझ मे नही आ रहा था.
मुझे ऐसे लग रहा था. जैसे मेरा पेशाब निकलने वाला है.
मे: आह बाबू जीई छोड़ डूऊ अहह छोडर्र दूओ नाअ मेरीए पेशाब निकलेने वाला है,,
अभी मेरे बात को ध्यान दिए बिना और ज़ोर-2 से मेरे निपल को चूसने लगा. अभी ने मुझे मेरे चुतड़ों से पकड़ कर मेरी गांद को थोडा सा ऊपेर उठा दिया. और अपने लंड को अड्जस्ट करके लंड के सुपाडे को मेरी चूत के छेद पर लगा दिया. जैसे ही लंड का गरम सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा. मेरे बदन मे और मस्ती छाने लगी. और मे अभी के लंड के सुपाडे को और तेज़ी से अपनी चूत को रगड़ने लगी.
मे: अह्ह्ह्ह बाबू जीईए अहह मेरा मूत निकलने वाला है.
अभी: (चुचि को मुँह से निकलते हुए) तो कर ले ना. मूत नही निकले गा. तू कर ले.
और मे और तेज़ी से अपनी कमर को हिला कर अभी के लंड के सुपाडे पर अपनी चूत को रगड़ने लगी. मेरा बदन एक दम से अकड़ गया. और मेरी चूत से पानी निकलने लगा.
मस्ती के कारण मेरी आँखें बंद हो गयी, मे पहली बार झाड़ रही थी. मे अपने दाँतों से अपने होंटो को काटने लगी. और चूत पानी छोड़ते हुए कमर झटके खाने लगी.
मे: ह बबुए जीईए मेरीए मूत्ततत निकल गय्ाआअ ह बाबू जीई ओह्ह्ह्ह ओह उंह सीईईईईई बाबू जीए
मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया था. मे झाड़ कर शांत पड़ चुकी थी. और मुझे चरम सुख की अनुभूती हो चुकी थी. मे अपनी आँखों को बंद किए हुए अपने झड़ने का मज़ा ले रही थी.मेरे होंटो पर सन्तुस्ति से भरी मुस्कान आ गयी. अभी मुझे वैसे ही अपनी गोद मे लिए हुए घूम गया. और अब अभी मेरे ऊपेर आ गया. अभी मेरे ऊपेर से उठ कर बगल मे लेट गया.
अभी: (अपने लंड को सहलाते हुए) ये देख क्या कर दिया तूने.
मे अभी की बात सुन कर एक दम से घबरा गयी. जैसे ही मे उठ कर बैठी तो मेरी नज़र अभी के तने हुए लंड पर पड़ी. वो मेरी चूत के रस से एक दम भीगा हुआ था. मुझे समझ आ चुका था. कि ये मेरी चूत का रस है.
क्रमशः.................
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