RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................
अंदर नेहा बेड के पास खड़ी थी. अभी के बदन पर सिर्फ़ एक चादर थी. जो उसकी कमर तक धकि हुई थी. बाकी अभी का ऊपेर का बदन सॉफ दिख रहा था. नेहा ने अभी की तरफ देखा. और कांपती हुई आवाज़ मे अभी को आवाज़ लगाई.
नेहा: बाबू जी चाइ.
अभी अपनी आँखों को मालता हुआ तकिये का सहारा लेकर बेड पर बैठ गया. जैसे ही अभी बेड पर बैठा. अभी की एक जाँघ चादर से बाहर आ गयी. नेहा ने अपने नज़रें झुका ली. और अपनी तिरछी निगाहो से अभी की मांसल जाँघ को देखने लगी.
अभी: एक मिनट यहाँ बैठों मे ज़रा मूत कर आता हूँ.
नेहा: कांपती हुई आवाज़ मे) बाबू जी चाइ यहाँ पर रख दूं.
अभी: क्यों कोई काम है.
नेहा: जी नही वो मा बाहर है.
अभी: तो क्या हुआ. बस एक मिनिट बैठ. मे अभी मूत कर आता हूँ.
जैसे ही अभी उठने को हुआ. तो शायद उसे अहसास हो गया. कि उसने नीचे कुछ पहना नही है.
अभी: एक मिनिट अपनी आँखों को बंद करो.
नेहा: (घबराते हुए) क्या बाबू जी.
अभी: अर्रे कुछ नही. मेने नीचे कुछ नही पहना है. मे नंगा हूँ. तो ज़रा आँखें बंद कर ले. मे बाथरूम मे जाता हूँ.
नेहा: मे बाहर जा रही हूँ बाबू जी.
अभी: मेने कहा ना यहीं बैठ मुझे तुम से कुछ बात करनी है.
नेहा बेड पर बैठ गयी.और अपनी आँखों को बंद कर लिया.
अभी: आँखें बंद कर ली.
नेहा: जी.
अभी ने चादर को अपने ऊपेर से उठाया. और बेड से नीचे उतर कर नीचे गिरा हुआ अंडरवेर पहन लिया. मुझे यकीन है नेहा ने ज़रूर अभी के झूल रहे लंड को देखा होगा.
अभी: अच्छा अपनी आँखें खोल लो. मेने अंडरवेर पहन लिया है.
नेहा ने अपनी आँखें खोली और एक झलक अभी की तरफ देखा. और फिर से नज़रें झुका ली. नेहा के गाल एक दम लाल सुर्ख हो चुके थे. नेहा मुझसे भी कहीं ज़्यादा गोरी थी. अभी बाथरूम मे चला गया. जब वो बाथरूम से बाहर आया तो. वो फिर से नेहा के पास आकर बैठ गया. और नेहा के हाथ से चाइ का कप ले लिया.
नेहा: जी बाबू जी मे अब जाऊ. (नेहा के आवाज़ लड़खड़ा रही थी)
अभी: मेने कहा था ना तुमसे कुछ बात करनी है.
नेहा: जी.
अभी: क्या तुम आज मेरी मालिश कर दोगी. सच मे तुम्हारे मुलायम हाथों मे कमाल का जादू है. सारी थकान मिट जाती है.
नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे) वो मा दाँटेगी.
अभी: क्यों कल क्या तुम्हारी मा ने डांटा था.
नेहा: जी नही
अभी: तो फिर.
नेहा: पर मा
अभी: (नेहा को बीच मे टोकते हुए) मे उसे बोल दूँगा. और आज छत पर चल कर मालिश करना. आज धूप बहुत अच्छी खिली है. अछा अब तुम जाओ और मा के साथ नाश्ता बनाओ.
मे जल्दी से किचन मे वापिस आ गयी. और छाई पीने के बाद मे नहाने चली गयी. जब मे नहा कर बाहर आई तो मुझे किचन से कुछ आवाज़ आई. अंदर अभी नेहा के साथ कुछ बात कर रहा था. और नेहा शरमाते हुए ना मे सर हिला रही थी.
अभी: अच्छा ठीक है मे रचना को बोल देता हूँ कुछ नही कहेगी वो.
और अभी बाहर आ गया और अपने रूम मे जाते हुए मुझे आवाज़ दी.
मे अभी के रूम मे चली गयी.
मे: क्या हुआ बाबू जी.
अभी: वो मेने आज का प्रोग्राम सेट कर लिया है. नेहा और मे आज ऊपेर छत पर जाएँगे. नाश्ते के बाद उसे जो मे ड्रेस उसके लिए लाया था. उसे दे देना. और उसे पहनने के लिए बोल देना.
मे: जी ठीक है बाबू जी.
और मे बाहर आ गयी और नाश्ता बनाने लगी. मेने किचन मे से देखा. नेहा नहाने जा रही थी. मेने नेहा को आवाज़ लगाई. नेहा मेरी आवाज़ सुन कर किचन मे आ गयी.
मे: नेहा जो ड्रेस तुझे बाबू जी ने दी थी ना. आज तूँ वो पहन कर मुझे दिखा. बाबू जी तेरे लिए कितने प्यार से लाए हैं.
नेहा ने अपने सर को झुका लिया. वो कुछ नही बोल रही थी. मेने प्यार से नेहा के गालो पर हाथ फेरा. और उसके फेस को ऊपेर उठा कर उसके माथे को चूमते हुए बोली.
मे: तुम उन कपड़ो मे बहुत सुंदर लगो गी. मे भी तो देखू मेरे राजकुमारी शहरी लिबास मे कैसी लगती है.
मे नेहा का हाथ पकड़ रूम मे ले गयी. और उसे वो ड्रेस पकड़ा दी. और फिर उस बॅग को खोला जिसमे अभी मेरे और नेहा के लिए ब्रा और पॅंटी के सेट लेकर आया था. उसमें से मेने नेहा को एक ब्लू कलर की ब्रा और पॅंटी निकाल कर दे दी. ब्रा और पनटी दोनो नय्लोन की थी. पॅंटी और ब्रा पर नेट के ट्रणस्परेंट का नेट लगा हुआ था.
मे: ये ले ये भी बाबू जी तुम्हारे लिए लाएँ थे.
नेहा ने मेरे हाथ से ब्रा और पॅंटी ले ली. और बाथरूम मे चली गयी. मेरे होंटो पर मुस्कान फेल गयी. आख़िर मे भी यही चाहती थी. कि नेहा भी हमारे खेल मे शामिल हो जाए. और हम तीनो चुदाई का आनंद खुल कर ले सकें. मे नाश्ता तैयार किया और अभी को नाश्ता दे आई. नेहा नहा कर रूम मे आ गयी. ब्लॅक कलर का स्कर्ट उसके घुटनो तक मुस्किल से पहुच रहा था. जब वो चलती तो उसकी गोरी चिकनी जांघे सॉफ-2 दिखाई देती. पिंक कलर के टॉप मे उसकी चुचियो एक दम कसी हुई लग रही थी. पिंक कलर का टॉप नेहा के गोरे रंग पर और खिल रहा था.
नाश्ते करने के बाद अभी अपने रूम मे जाकर सो गया. अभी के ऐसे सो जाने पर मे थोड़ा हैरान ज़रूर थी. मे भी अपने रूम मे आकर लेट गयी. नेहा पहले से पलंग पर लेटी हुई थी. मुझे कब नींद आ गयी. मुझे पता नही चला.
दोपहर के करीब 1 बजे मुझे अभी ने उठाया. मे अभी को अपने रूम मे देख कर थोड़ा सा सकपका गयी. मेने पलंग के दूसरी तरफ नज़र डाली. नेहा वहाँ नही थी.
अभी: (मुस्कराते हुए) वो ऊपेर गयी है. मेने उसे ऊपेर जाने के लिए कहा है. अब मे भी ऊपेर जा रहा हूँ. तुम्हें बताने आया था, कि तुम कही मुझे और नेहा को ढूँढते हुए ऊपेर ना आ जाओ. और सारा काम बिगाड़ दो.
अभी ये बोल कर ऊपेर चला गया. पर मुझे देखना था, कि अभी और नेहा ऊपेर जाकर क्या करेंगे. मे थोड़ी देर बाद ऊपेर जाने लगी. और छत पर पहुचने के बाद मे सीडयों पर ही रुक कर देखने लगी. अभी का घर दो मंज़िला था. नयी कॉलोनी मे होने के कारण आस पास कोई घर नही था. चारो तरफ 5-5 फुट उँची दीवारें थी. इस लिए कोई देख नही सकता था.
अभी एक पुराने से गद्दे पर लेटा हुआ था. ऊपेर आने के बाद उसने अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स उतार दिया था. और सिर्फ़ अंडरवेर मे लेटा हुआ था. नेहा उसकी जाँघो के पास एक तरफ बैठी हुई थी.
अभी: चल अब क्या सोच रही है. जल्दी से मालिश कर दे. मुझे नहाना भी है. सुबह से नहाया नही हूँ.
नेहा: वो मा जाग गयी तो,
अभी: मे उसे बोल कर आया हूँ. वो ऊपेर नही आएगी. चल अब जल्दी से मालिश शुरू कर. ज़्यादा टाइम लगाएगी तो फिर ज़रूर ऊपेर आ जाएगी.
नेहा ने सर को झुकाए हुए बॉटल मे से थोडा सा तेल अपने हथेली मे लिया. और कांपती आवाज़ मे बोली
नेहा: बाबू जी पहले कहाँ (वो घबराई हुई लग रही थी. शायद मेरी वजह से या फिर अभी की हरकतों से)
अभी: पहले मेरे सीने से शुरू करो.
नेहा अभी के ऊपेर थोड़ा सा झुक गयी. और अपने काँपते हाथों से अभी के चेस्ट की मालिश करने लगी. वो शर्मा कर अपनी नज़रें झुकाए हुए थी. अभी ने अपना एक हाथ थोड़ी देर बाद उसकी कमर मे रख दिया. जैसे ही अभी का हाथ नेहा की कमर पर पड़ा. नेहा एक पल के लिए रुक गयी.
उसका बदन थोड़ा सा काँप रहा था. नेहा ने एक बार अभी की तरफ देखा. अभी ने मुस्कुराते हुए. उसे मालिश करने को कहा. नेहा अभी की जाँघो से सॅट कर बैठी थी. उसका मुँह अभी की तरफ था. और अभी का हाथ उसकी कमर को धीरे-2 सहलाता ऊपेर नीचे हो रहा था.
अभी का हाथ नेहा की कमर को सहलाता हुआ. धीरे-2 नेहा की स्कर्ट के ऊपेर से उसके चुतड़ों की तरफ बढ़ रहा था. जैसे-2 अभी का हाथ नेहा के चुतड़ों की तरफ बढ़ रहा था. नेहा कसमासाए जा रही थी. और बार- 2 अपनी कमर की तरफ देख कर अभी के हाथ को देख रही थी.
थोड़ी देर मे ही अभी के हाथ नेहा के टॉप और स्कर्ट के बीच मे था. अभी ने नेहा के टॉप को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया. और अपने हाथों को उसकी नंगी कमर पर रख दिया. नेहा एक दम से काँप गयी.
नेहा: लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) बाबू जी मा वो माआ तो ऊपर नही आएगी ना.
अभी: (नेहा के घबराहट को समझते हुए) नही आएगी. मेने पहली मंज़िल की सीडयों का डोर लॉक कर दिया है. वो ऊपेर नही आ सकती. तुम बस अपने फूल जैसे मुलायम हाथों से मेरी मालिश करके मुझे खुस कर दो.
और अभी ने अपने पूरे हाथ को नेहा के टॉप के अंदर करके उसकी पीठ को सहलाना चालू कर दिया. ये सब देख कर मेरी चूत मे कुलबुलाहट होने लगी. नेहा सर झुकाए अभी के चेस्ट की मालिश कर रही थी.
अभी: (नेहा के टॉप के अंदर से उसकी कमर और पीठ को सहलाते हुए) एक बात कहूँ तुमसे.
नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे उसकी आवाज़ मे मस्ती से भरी हुई मदहोशी सॉफ पता चल रही थी) जी बाबू जी
अभी: उस दिन तुम्हारे होंटो के शहद जैसे रस को चूस कर बहुत मज़ा आया. तुम्हारे होंटो के रस की मिठास अभी भी मेरे मुँह मे हैं. प्लीज़ एक बार और अपने होंटो का रस पीला दो. (और अभी ने नेहा की कमर को अपने हाथों से मसल दिया.)
नेहा: ( थोड़ा सा घबराते हुए) आह बाबू जी. नही मुझे शरम आती है. अगर मा मा को पता चल गया तो.
अभी: ( नेहा की कमर को दूसरी तरफ से अपने हाथ मे थामते हुए उसको अपने ऊपेर झुका लिया) तुम रचना से क्यों डरती हो. कुछ नही कहेगी. मेरे होते हुए. बस एक बार अपने होंटो का रस पिला दो.
नेहा अभी के ऊपेर झुक गयी थी. और अभी के होंट नेहा के होंटो की तरफ बढ़ रहे थे. नेहा ने शरम के मारे अपने फेस को दूसरी तरफ घुमा लिया. जैसे ही नेहा ने साइड को फेस घुमाया. मुझे उसके होंटो पर अल्हड़ पन वाली स्माइल दिखाई दी. वो शर्मा कर मुस्करा रही थी.
अभी: (अपने एक हाथ को नेहा की कमर से हटा कर उसके फेस पर रख कर फेस को अपनी तरफ घूमाते हुए) प्लीज़ एक बार अपने होंटो को और चूसने दो ना.
अभी उठ कर बैठ गया. और उसकी कमर को अपनी बाहों मे कस लिया. अभी थोड़ा घूम गया.जिससे मुझे अभी की साइड वाला हिसा नज़र आ रहा था. अभी ने नेहा को अपनी बाहों मे कसे हुए. उसे अपनी गोद मे खींच लिया. अभी अपनी टाँगों को सीधा करके बैठा था. जैसे ही नेहा अभी की गोद मे आई. नेहा के पैर अभी की जाँघो के दोनो तरफ हो गये.
नेहा: (कसमसाते हुए) उईइ माआ क्या कर रहे हो बाबू जी कोई देख लेगा छत पर.
अभी: (मुस्कराते हुए) किसी की नज़र नही पड़ेगी.
और अभी ने नेहा की कमर से हाथों को हटा कर उसके स्कर्ट के ऊपेर से उसके चुतड़ों पर रख कर दबोच लिया. नेहा आह करती हुई उसके बाहों मे छटपटा गयी. नेहा को गोद मे लेने से नेहा के होन्ट अभी के होंटो की बिकुल सीध मे आ गये थे. नेहा के होन्ट कांप रहे थे. नेहा के हाथ अभी के कंधों पर थे.
अभी: अब तो दे दो. कितना तडपाओगी अपने दीवाने को.
नेहा: (घबराते हुए)बाबू जी मुझे छोड़ दो. कोई देख लेगा अह्ह्ह्ह
अभी: (नेहा के चुतड़ों को मसलता हुआ) फिर जल्दी से किस दे दो ना. नही तो ऐसे ही बैठी रहो. और अगर सच मे किसी ने देख लिया तो मुझे बाद मे ना कहना.
नेहा: (लड़खड़ाती आवाज़ मे) बाबू जी आप किसी को आप बताओ गे तो नही.
अभी: नही ये भी कोई बताने वाली बात है.
क्रमशः.................
|