RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मामी के बाल बिखर चुके थे…और मे मामी की चुचि को लगतार किसी बच्चे की तरहा चूसे जा रहा था…मेने करीब 5 मिनट तक मामी की एक चुचि को चूस-2 कर लाल कर दिया था…मेने मामी की चुचि को मुँह से निकाल कर, मामी की दूसरी चुचि को मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया…
और पहले वाली चुचि को अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा…मामी के आँखें अभी भी बंद थी…वो शायद अपनी आँखें खोल कर मेरा सामना नही करना चाहती थी.. मे भी मामी को बिना कुछ बोले, मामी की चुचि को चूस रहा था…करीब 15 तक मामी के दोनो चुचियो को चूसने और मसलने के बाद मे धीरे-2 अपने होंटो को मामी के बदन पर रगड़ता हुआ, नीचे आने लगा….
मे मामी की चुचियो को अपने मुँह से निकाल कर, मामी के बदन को चूमता हुआ, नीचे की ओर आने लगा…मेरे होन्ट मामी के बदन के हर इंच को रगड़ रहे थे, और मे मामी के बदन पर अपनी जीभ फेर कर चाट रहा था…
मे अपनी आँखों को ऊपेर करके, मामी के फेस को देख रहा था…उनके फेस पर पसीना आ चुका था…होन्ट थरथरा रहे थी….और बालों की लते माथे और फेस पर बिखरी हुई थी… और वो तेज़ी से साँस ले रही थी…
मे मामी के बदन को अपने होंटो और जीभ से चूमता हुआ, मामी की नाभि पर आ गया…और अपनी जीभ निकाल कर मामी की नाभि के चारों तरफ गोल-2 घुमा कर चाटने लगा.मामी बुरी तराहा कसमसा गयी…और अपने हाथों को एक झटके मे ऊपेर करके तकिये को दोनो साइड से अपने हाथों मे कस कर पकड़ लिया….
मामी के पेट मे कंपन के कारण हल्की -2 लहरे उठ रही थी…मामी का पेट की हल्की चर्बी कंपन के कारण थरथरा रही थी….और वो अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हल्की आवाज़ मे उंह उंघ कर रही थी….
मे अपनी जीभ निकाल कर मामी की नाभि मे डाल कर चाटने लगा…मामी एक दम से मस्त हो गयी…उनकी कमर झटके खाने लगी….उनका पेटिकॉट सरक कर उनकी कमर पर आ चुका था…और वशेप पॅंटी चूत के छेद की जगह से एक दम गीली हो चुकी थी…
मे मामी की नाभि को 5 मिनट तक चाटता रहा…और फिर नाभि को छोड़ कर नीचे की तरफ आने लगा…जैसे-2 मे नीचे की ओर आ रहा था…मामी के साँस लेने की आवाज़ और तेज होती जा रही थी…
मे मामी के बदन के हर एक इंच को चूमता हुआ, मामी की पॅंटी के ऊपेर आ गया…और मामी की पॅंटी के ऊपेर अपने होंटो को रगड़ने लगा…मामी मेरी इस हरकत से और कसमसाने लगी….
मे मामी की चूत को मामी की पॅंटी के ऊपेर से चाटने लगा…मामी की जांघे मेरे सर पर कसने लगी…जब मुझे थोड़ी दिक्कत होने लगी…मेने मामी की जाँघो को दोनो हाथों से पकड़ कर फैला दिया….और घुटनो से मोड़ कर ऊपेर उठ दिया… और मामी की चूत के छेद के ठीक ऊपेर पॅंटी के ऊपेर से चाटने लगा….
मामी की जाँघो को ऊपेर करने के बाद, मेने अपने हाथों को मामी की टाँगों से हटा दिया…और मामी की पॅंटी के ऊपेर लाकर, मामी की पॅंटी को चाटते हुए, उनकी चूत को धीरे-2 मसलने लगा….मामी के पैर फिर से धीरे-2 नीचे की ओर आने लगे…
मे समझ गया था, कि मामी से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा है…मे सीधा होकर उनकी जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ गया….और उनकी पॅंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे सरकाने लगा….
इस बार मामी ने बिना कोई देर किए….अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपेर उठा दिया…मेरे होंटो पर मुस्कान फेल गयी…आज मुझे हसीन चूत जो मिलने वाली थी…मेने पॅंटी को धीरे-2 नीचे सरकाना चालू कर दिया…जैसे-2 मामी की चूत मेरी आँखों के सामने आ रही थी…वैसे-2 मेरा लंड हवा मे झटके खा रहा था…
मेने पॅंटी को मामी की टाँगों से निकाल कर बेड के एक साइड मे रख दिया…और मामी की जाँघो को पूरी तरहा फैला कर ऊपेर कर दिया…जैसे ही मामी की घुटनो से मूडी हुई टाँगें ऊपेर हुई…मामी के फूली हुई चूत, जो मामी की चूत के गाढ़े पानी से लबालब थी… मेरी आँखों के सामने थी…
मामी की चूत की फाँकें आपस मे सटी हुई थी…और वासना के कारण थोड़ी खुल और बंद हो रही थी…मेने मामी घुटनो से पकड़ कर मामी की टाँगों को और ऊपेर करके फैला दिया…जिससे मामी की चूत की फाँकें थोड़ा सा फेल गयी…और उनकी चूत का गुलाबी छेद जो उनके काम रस से भीगा हुआ था, मुझे थोड़ा-2 दिखाई देने लगा….
मे नीचे झुक गया…और उनकी चूत की फांकों को दोनो हाथों की उंगलयों से फैला दिया…मामी की चूत का गुलाबी छेद उनके काम रस से भीगा हुआ था…और उसमे उतेजना के मारे संकुचन हो रहा था…
मेने बिना टाइम वेस्ट किए, मामी की चूत के पानी से लबलबा रहे छेद पर, अपने मुँह को रख दिया…और अपनी जीभ निकाल कर मामी की चूत के छेद को चाटने लगा… मामी बुरी तरहा छटपटाने लगी…मामी की कमर नीचे से झटके खाने लगी…और उन्होने तकिये को कस कर दोनो हाथों से पकड़ लिया….
मे अपनी आँखों को ऊपेर करके मामी को देखने लगा…मामी अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए…अपने सर को इधर से उधर पटक रही थी…और मामी के मुँह से सीईइ अहह सीयी अहह के धीमी-2 आवाज़ आ रही थी…
मे मामी की चूत की फांकों को फैला कर उनकी चूत के गुलाबी छेद को जीभ से अंदर तक चाट रहा था….बीच-2 मे में मामी की चूत की फांकों को अपने होंटो मे भींच कर खींच देता…मामी और कसमसाने लग जाती….करीब 5 मिनट चूत को चाटने के बाद…मेने मामी के क्लिट जो उतेजना के मारे काफ़ी फूल चुका था…उसे मुँह मे ले लिया…
जैसे ही मेने मामी के क्लिट को मुँह मे लिया…मामी की कमर झटके खाने लगी… और वो और ज़ोर से अपने सर को इधर से उधर पटकने लगी…पर अभी तक उनके मुँह से सिसकारियो के एलवा एक शब्द नही निकला था….
मे मामी की चूत के क्लिट को पागलों के तरहा चूस रहा था…मे मामी के क्लिट को मुँह मे भर कर अपनी जीभ से कुरेदने लग जाता…मामी पूरी तराहा गरम हो कर सीयी अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह करते हुए, अपनी गांद को हिला रही थी…मामी की चूत उनके काम रस से भीग चुकी थी….
मेने मामी की चूत पर से अपना मुँह हटा लिया…और सीधा होकर घुटनो के बल बैठ कर उनकी टाँगों को घुटनो से मोड़ कर उनकी जाँघो को फैला दिया…. और अपने लंड के सुपाडे को मामी की चूत पर लगा दिया….
जैसे ही मेरे लंड का सुपाड़ा उनकी दहकती चूत के छेद पर लगा…मामी के बदन ने एक झटका खाया…और उनके होंटो पर एक हल्की से मुस्कान फेल गयी…जिससे सॉफ पता चल रहा था, कि वो चुदाई के इस खेल का पूरा मज्जा ले रही हैं….
मामी की चूत उनके कामरस से एक दम भीगी हुई थी…इसलिए जैसे ही मेने हल्का सा झटका दिया…मेरे लंड का सुपाड़ा सरकता हुआ,उनकी चूत के छेद मे समा गया…मामी ने दो बच्चो को जनम दिया हुआ था…इसलिए उनकी चूत बहुत ज़्यादा टाइट नही थी…पर लग रहा था, कि वो काफ़ी दिनो से चुदी नही है….
दो बच्चो को जनम देने के बावजूद भी उनकी चूत की दीवारें मुझे अपने लंड पर कसी हुई महसूस हो रही थी….और उनकी चूत की दीवारें मेरे लंड के सुपाडे को कस और छोड़ रही थी….मे अपने लंड के सुपाडे पर मामी के चूत के दीवारों के संकुचन को सॉफ-2 महसूस कर पा रहा था…
मामी की चूत एक दम गरम और गीली हो चुकी थी…मे बिना कोई देर किए, एक और झटका मारा…मेरा आधा लंड मामी की चूत मे समा गया…और मामी के मुँह से एक और दबी हुई आहह निकल गयी…
जैसे ही मेरा आधा लंड मामी की चूत मे घुस्सा…मे मामी के ऊपेर झुक गया…मामी के तने हुए एक निपल को मुँह मे लेकर चूसने लगा…और दूसरा हाथ नीचे लेजा कर मामी के क्लिट को अपने हाथ के उंगुठे से मसलने लगा. जैसे-2 मे मामी की चूत के क्लिट को अपने उंगुठे से रगड़ रहा था…वैसे-2 मामी अपनी कमर को नीचे से हिला रही थी…
मामी की चुचियो को मे पागलों की तरहा चूस रहा था…फिर थोड़ी देर बाद मेने नीचे से हाथ हटा लिया…और अपने दोनो हाथों से मामी के चुचियो को चूस्ते हुए मसलने लगा…
अब मामी बहुत गरम हो चुकी थी…उसकी साँसे बहुत तेज़ी से चल रही थी…मामी ने नीचे अपनी चूत को धीरे-2 ऊपेर मेरे लंड पर दाबना चालू कर दिया…मामी की गीली चूत मे मेरा लंड उनकी चूत के दीवारों को फेलता हुआ अंदर घुसने लगा…और कुछ ही पलों मे मेरा पूरा का पूरा लंड मामी की चूत मे समा गया…और उनकी बच्चेदानी से जाकर सॅट गया….
मेने मामी के फेस की तरफ देखा…मामी की आँखें अभी भी बंद थी…साँसें तेज़ी से चल रही थी…और वो अपने होंटो को दाँतों मे दबाए हुए थी…
मे: मामी आप की चूत बहुत गरम और टाइट है…देखों ना मेरा लंड कैसे आपके काम रस से भीगा हुआ है…
पर ये बात सुनते ही, मामी ने अपने होंटो को दाँतों से निकाल लिया….और मेरी बात को सुनते ही उनके होंटो पर एक कातिल से मुस्कान आ गयी…पर ना तो उन्होने अपनी आँखों को खोला और ना ही वो कुछ बोली….शायद वो बोलना ही नही चाहती थी….
मे अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करने लगा…लंड मामी की चूत से बह रहे काम रस से चिकना हो कर धीरे-2 अंदर बाहर हो रहा था…मामी ने एक बार फिर से अपने होंटो को दाँतों से काटना शुरू कर दिया था….
मे मामी की चुचियो को चूस्ते हुए अपने लंड को बाहर निकाल कर अंदर पेल रहा था… लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर हो रहा था…मामी ने अपने टाँगों को घुटनो से मोड़ कर मेरी कमर के ऊपेर रख लिया था… ताकि वो मेरे लंड को अपनी चूत की गहराईयो मे महसूस कर सकें….
मे: अहह मामी आपकी चूत सच मे बहुत टाइट हैई….मेरे लंड को अपने अंदर लेकर मसल रही हैं….
मे मामी के फेस की तरफ देखते हुए…अपने लंड को उनकी चूत के अंदर बाहर कर रहा था…पर मामी बिना कुछ बोले अपनी आँखों को बंद किए लेटी रही…मे मामी को बुलवाना चाहता था….चाहे एक वर्ड ही सही….
मे सीधा हो कर घुटनो के बल बैठ गया….और मामी की टाँगों को घुटनो से पकड़ कर धीरे-2 अपने लंड को उनकी चूत से बाहर निकालने लगा…मेरे लंड का सुपाड़ा मामी की गीली और गरम चूत के दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आने लगा….
जैसे ही मेरा लंड सुपाडे तक मामी की चूत से बाहर निकाला…मेने एक गहरी साँस ली... और अपनी पूरी ताक़त लगाकर एक जोरदार धक्का मारा…लंड का सुपाड़ा पूरी तेज़ी से मामी की चूत की दीवारों को फैलाता हुआ. अंदर घुस्स गया…धक्का इतना ज़बरदस्त था, कि मामी के मुँह से अहह की हल्की से चीख निकल गयी…
अब मेने ये मान लिया था…कि मे चाहे जितनी भी कॉसिश करूँ…मामी नही बोले गी.. मे वापिस मामी के ऊपेर झुक गया, और मामी की चुचियो को चूस्ते हुए अपने लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा…
लंड फतच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा…मेरे हर धक्के के साथ मामी के मुँह से हल्की से उंघ के आवाज़ निकल जाती…और कभी आह सीईइ के आवाज़ सुन जाती…. लंड अब आसानी से मामी की चूत के अंदर बाहर हो रहा था…
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