Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
11-15-2018, 12:22 PM,
#41
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

मेरे जांघे चूत सब अभी के वीर्ये और मेरे पेशाब से सनी हुई थी…मेने मुँह बनाते हुए अभी को कहा

मे: देखे ना बाबू जी आप ने क्या कर दिया….

और मे उठ कर नल को चला कर अपने चूत और जाँघो को सॉफ करने लगी…अभी मेरे पीछे खड़ा अपने लंड को हाथ मे थामें मूत रहा था…मे अपने आप को सॉफ करके बाहर आ गयी….थोड़ी देर बाद अभी भी अपने आप के बदन को सॉफ करके मेरी बगल मे आकर लेट गया….

मे: बाबू जी आज तो आप ने हद कर दी…

अभी: क्यों क्या हुआ….

मे: ऐसे भी कोई करता है….

अभी: क्यों नही करते…इससे चुदाई का मज़ा और बढ़ जाता है…

मे: पर मुझे तो मज़ा नही आया (जान बुझ कर अभी को चिड़ाते हुए)

अभी: तो फिर से तेरी भोसड़ी की ठुकाई करूँ…

मे: नही अभी नही….पहले ये बताओ कमला के बाद आप ने किस की चूत को चोदा…

अभी: किसी को बताओगि तो नही…..

मे: नही बताउन्गि…बताओ ना….

अभी: बता तो रहा हूँ ज़रा सबर करो…..

अभी ये तब की बात है…जब मे 12थ के एग्ज़ॅम देने के बाद अपने एंट्रेन्स एग्ज़ॅम के तैयारी कर रहा था…मेरे एंट्रेन्स एग्ज़ॅम का सेंटर अमृतसर मे आया था…मुझे वहाँ एग्ज़ॅम देने जाना था…मेरे तीन एग्ज़ॅम होने थे…इसलिए मुझे वहाँ 5 दिन रुकना था… और वहाँ पर मेरे मामा जी रहते थे.

पापा ने मोहन मामा जी से फोन पर बात करके बता दिया था…और मोहन मामा ने पापा से कहा…कि अभी हमारे घर पर रुक सकता हैं… मोहन मामा जी मेरे सगे मामा नही थे. वो मेरी मा के कज़िन थे. दूर की रिस्तेदारी मे. इसलिए मे पहली बार उनके घर जा रहा था. बस एक दो बार सिर्फ़ मोहन मामा जी को ही फॅमिली फंक्षन्स मे देखा था. ना तो उनकी वाइफ को मेने देखा था. और ना ही बच्चो को

दो दिन बाद मेरा पहला एग्ज़ॅम था…मे दोपहर को ट्रेन से अमृतसर पहुच गया…मोहन मामा बेसिकली कलकत्ता से थे..जब मे अमृतसर पहुचा…तो वो मुझे लेने स्टेशन पर आए हुए थे…मे उनको पहले भी देख चुका था…इसलिए उन्हे पहचानने मे कोई दिक्कत नही हुई…

मेने सबसे पहले उन्हे विश किया…और हम स्टेशन से बाहर आ गये…और मामा के स्कूटर पर उनके घर आ गये…मामा ने डोर बेल बजाई…थोड़ी देर बाद उनकी पत्नी (मामी) नीलम ने डोर खोला…नीलम बिल्कुल टिपिकल बिंगाली औरत की तरहा थी…बड़ी-2 आँखें पतली कमर लंबे बाल. उसने येल्लो कलर के प्रिंटेड सारी पहनी हुई थी…नीलम तब 30 साल की थी…और दो बच्चो की मा थी…

मोहन: बेटा ये मेरी वाइफ है नीलम…अंदर आओ मे तुम्हें अपने बच्चो से मिलाता हूँ…

मे: नमस्ते मामी…

नीलम: नमस्ते…

मे मामा के साथ अंदर आ गया…उनके एक बेटा था…जो १२ का साल था…और एक बेटी जो१५साल की थी…दोनो स्कूल मे पढ़ते थे..

मामा: ये मेरा बेटा रवि और ये मेरे बेटी हेमा है…

मे: आप के बच्चे बहुत ही क्यूट हैं…

मोहन: नीलम ऊपेर वाला रूम सॉफ कर दिया ना…

नीलम: जी कर दिया है….

मोहन: आओ भी मेरे साथ आओ..तुम्हें तुम्हारा रूम दिखा दूं…

मे मामा के साथ ऊपेर आ गया…मामा ने रूम खोला, और हम दोनो रूम के अंदर आ गये…मामा ने मेरा बॅग बेड के पास रख दिया….

मामा: देखो बैठा ठीक है…किसी और चीज़ की ज़रूरत तो नही…

मेने रूम को देखा…रूम मे एक सिंगल बेड लगा हुआ था…और एक स्टडी टेबल भी था…रूम के साथ ही अटॅच्ड बाथरूम भी था…

मे: बिल्कुल पर्फेक्ट मामा…और किसी चीज़ की ज़रूरत नही…

मामा: तो ठीक है…चेंज करके फ्रेश हो जाओ…मे नीचे जाकर नीलम को खाना लगाने के लिए बोल देता हूँ…नीचे आकर खाना खा लेना…अब मे ऑफीस जा रहा हूँ.. रात को मिलेंगे

मे: ठीक है मामा जी…

और मामा के बाहर जाने के बाद मेने अपने बॅग्स से अपने लिए टीशर्ट और शॉर्ट निकाला..और बाथरूम मे घुस्स गया…और कपड़े उतार कर हाथ मुँह धोने लगा…मे कपड़े चेंज करके नीचे आ गया…

नीचे नीलम डिन्निंग टेबल पर खाना लगा रही थी…मुझे देखते ही बोली..

नीलम आओ बैठो … मे खाना ही परोस रही थी…

मे चेर पर बैठ गया…और खाना खाने लगा…इतने मे मामा का लड़का रवि मेरे पास आ गया…

रवि: भैया चलो वीडियो गेम खेलते हैं…मेरे पास बहुत सी हैं…

नीलम: (रवि को डाँटते हुए) क्या वीडियो गेम चलो जाकर होमवर्क करो…पहले भैया को खाना तो खाने दो…

मे: (रवि को उदास होते देख) क्यों डाँट रहे हैं आप.. आख़िर बच्चे हैं…

नीलम: नही ऐसी कोई बात नही…पहले आप खाना तो खा लो..

मे: ये आप मुझे आप -2 कह कर क्यों बात कर रही हैं…मे तो आप से बहुत छोटा हूँ…मेरा नाम अभी है, और आप मुझे अभी ही बुलाओ..

नीलम: ठीक है अभी…अब तो खाना शुरू करो…

मे खाना खाने लगा…खाना खाने के बाद मे थोड़ी देर तक रवि के साथ वीडियो गेम खेलने लगा…रवि मुझ से थोड़े ही टाइम मे बहुत ही गुलमिल गया था…नीलम अपने घर के काम मे लगी हुई थी…थोड़ी देर बाद मे ऊपेर रूम मे आ गया..और बेड पर लेट गया…मुझे कब नींद आ गयी…मुझे पता ही नही चला…शाम के 6 बजे. नीलम मामी मुझे ऊपेर उठाने आई…जब मे उठा तो मुझे अपनी हालत का अंदाज़ा हुआ…मेरा लंड मेरे शॉर्ट मे एक दम तन कर तंबू बनाए हुए था…मे झेंप गया,और अपने सर को झुका लिया…मेने तिरछी नज़रों से नीलम मामी की ओर देखा…उसके होंटो पर हल्की सी मुस्कान थी…

नीलम: नीचे आ जाओ, चाइ बन गयी है,

मे: जी अभी आता हूँ….

मे बाथरूम मे घुस्स गया, और पेशाब करने लगा…पेशाब करने के बाद मेरा लंड सुस्त पढ़ गया…और मे हाथ धो कर नीचे आकर सोफे पर बैठ गया…नीलम मामी ट्रे मे कुछ स्नॅक्स और चाइ लेकर आई,और मेरे सामने टेबल पर रख दी…वो मुझसे नज़रें नही मिला रही थी…वो मूड कर वापिस जाने लगी..

मे: आप भी तो चाइ लो…

नीलम: जी मे चाइ नही पीती…

और नीलम वापिस किचन मे चली गयी…मेने चाइ पी, और फिर से रवि के साथ वीडियो गेम खेलने लगा…मेरा अच्छा टाइम पास हो रहा था…रात को 9 बजे मोहन मामा घर पर आ गये.हम सब साथ बैठ कर खाना खाने लगे..

मामा: (खाना खाते हुए) नीलम तुम रोज सुबह अभी को 5 बजे उठा देना…ताकि वो सुबह उठ कर पढ़ाई कर सकें…और हां अगर किसी चीज़ के ज़रूरत हो तो बता देना..

नीलम: जी ठीक है….

मामा: और अभी तुम सुनो…तुम्हारा दिल तो लग गया यहाँ पर…

मे: जी मामा रवि के साथ कैसे टाइम पास हो गया…पता ही नही चला…

मामा: वो तो ठीक है…परसों तुम्हारा पहला एग्ज़ॅम है…अब एग्ज़ॅम की तैयारी शुरू कर देना…

मे: जी ठीक है मामा….

हम सब ने खाना खा लिया था…मे हाल मे बैठा टीवी देख रहा था…तभी मोहन मामा भी हाल मे आ गये..नीलम मामी किचन मे बर्तन सॉफ कर रही थी…

मोहन मामा मेरे पास आकर बैठ गये…वो एक बुक पढ़ रहे थी…उसका टाइटल था ब्रह्मचर्य…मे मामा के हाथ मे ऐसी बुक देख कर थोडा सा हैरान रह गया.. मे मामा के बारे मे बता दूं कि, उन्होने सीए किया था…वो अपने ऑफीस जाने से पहले रोज सुबह 5 से 9 बजे तक एक अकाउंट्स अक्द्ड़ेमी मे अकाउंट्स स्टूडेंट को कोचैंग भी देते थे…

मे सोफे पर बैठा मूवी देख रहा था…तभी नीलम मामी किचन से निकल कर अपने रूम मे गयी…और मामी ने मामा को रूम से आवाज़ दी…मामा बुक को सोफे पर रख कर रूम मे चले गये…मे उस बुक को देखने से अपने आप को रोक ना सका…और बुक उठा कर पढ़ने लगा…

उसमे ब्रह्मचर्य के बारे मे बताया गया था…उस बुक मे सेक्स को आदमी की सबसे बड़ी कमज़ोरी बताया गया था…तभी मुझे मामा के आने की आहट हुई..मेने जल्दी से बुक वापिस रख दी..और टीवी देखने लगा…

कुछ देर बैठने के बाद मुझे नींद आने लगी…और मे उठ कर अपने रूम मे आकर सो गया…

और मे उठ कर अपने रूम मे आकर सो गया…मामा ने मुझे ऊपेर जाने से पहले कहा था…कि ऊपेर जाकर 5 बजे का आलराम सेट कर लूँ…ताकि मे सुबह उठ कर पढ़ सकूँ…

पर मेने अलार्म नही लगाया..,.और ऐसे ही लेट गया…और मुझे नींद आ गयी…सुबह के 5 बजे मुझे नीलम मामी ने मेरे कंधे से हिला कर उठाया…

नीलम: उठो 5 बज गये हैं…उठ कर थोड़ा सा पढ़ लो…

मे अपनी आँखें माल्ता हुआ खड़ा हुआ…और बाथरूम मे घुस्स गया…मे जब फ्रेश हो कर बाहर आया, तो जो मेने देखा उसे देख कर मे एक दम से हैरान रह गया…नीलम मामी सामने मेरे बेड पर लेटी हुई थी…उसकी पीठ मेरी तरफ थी…उसकी बॉडी को देख मे पागल सा हो गया…उसकी वो पतली कमर ने मुझ पर नज़ाने के जादू सा कर दिया था..जो मे अपने होश को खो बैठा…

पीछे से उसकी गोरी नागिन सी बाल खाती हुई कमर को देख मेरा लंड एक दम से तन गया.. वो शायद नींद ना पूरी होने के कारण बेड पर लेटी सो गयी थी… मे एक बात और बता दूँ कि, मामा के सुबह 5 बजे कोचैंग सेंटर जाने से पहले नीलम मामी 4:30 बजे उठ कर उनके लिए चाइ बनाती थी…

ऐसे मे किसी की नींद कैसे पूरी हो सकती है…इसलिए वो यहीं सो गयी…शायदा कल रात से बहुत थक गई होंगी…मे ये सोच कर बेड पर आकर बैठ गया…और पीछे नीलम मामी के गदराए हुए मस्त बदन को देखने लगा

क्या मस्त और सेक्सी बदन था नीलम मामी का… 36 साइज़ की कसी हुई चुचिया…नीचे गतेला और स्लिम पेट और नागिन सी बाल खाती कमर उफ़फ्फ़ कूल्हे तो पूछो ही मत क्या गोल मटोल चूतड़ थे…मे अपने आपे से बाहर हो गया…नीलम को देख कर मेरा लंड एक दम से तन कर, मेरे शॉर्ट मे झटके खाने लगा…मेने विंडो से बाहर देखा…

बाहर अभी भी अंधेरा था…अब मेरे दिमाग़ मे वासना का तूफान उठ चुका था…मेने जल्दी से लाइट ऑफ की,और बेड के दूसरे साइड पर लेट गया…बेड सिंगल था. इसलिए मेरे और नीलम मामी के बीच सिर्फ़ 7-8 इंच का फासला था…

नीलम मामी के इतना करीब लेटे होने कारण…मेरा लंड मेरे अंडरवेर मे हलचल मचाए हुए था…अब मुझसे रहा नही जा रहा था…मे मामी के करीब खिसक गया..मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…मे डर रहा था..कि कही मामी जाग ना जाए… पर वासना के नशे मे आकर मे आगे खिसक गया…और नीलम मामी से एक दम सॅट गया…मेरा तना हुआ लंड अब नीलम मामी की सारी के ऊपेर से उसके चुतड़ों पर रगड़ खा रहा था…मे काफ़ी देर ऐसे ही लेटा रहा…जैसे मे नींद मे हूँ….

जब थोड़ी देर तक मामी नही हिली…तो मे हिम्मत करके और करीब खिसक गया…और मेरा लंड नीलम मामी की गांद से और सॅट गया…नीलम मामी ने सारी पहनी हुई थी..जिसके कारण मेरा लंड उनके चुतड़ों की दर्रार मे नही जा पा रहा था..पर वैसे ही लेटा-2 अपने लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से पकड़ कर नीलम मामी के गदराए हुए चुतड़ों पर रगड़ने लगा…

मे साथ मे मामी के ऊपेर नज़र जमाए हुए था…पर वो बिल्कुल शांत लेटी हुई थी..अब मेरा लंड बिकुल अकड़ चुका था…और मे झड़ने के बिकुल करीब था… मेने अपना एक हाथ नीलम मामी की चिकनी और मखमल जैसे गोरी कमर पर रख दिया…

इस बार नीलम मामी थोड़ा सा हिली..और फिर से शांत पड़ गयी…पर उसके हिलने से मेरा लंड नीलम की सारी को दबाता हुआ उसकी गांद की दर्रार मे थोड़ा सा धँस गया था.. मुझे ऐसे लगा. जैसे वो जान बुझ कर रही हैं…पर मे श्योर नही था… इसलिए मे वैसे ही लेटा रहा…

क्रमशः.................
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RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी - by sexstories - 11-15-2018, 12:22 PM

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