RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
और हम दोनो बाहर आ गये…और एक ढाबे से खाना खाया…ढाबा धर्मशाला से 1 किमी दूर था…हम दोनो वहाँ पैदल चल कर गये थे…जैसे ही हम वापिस आने के लिए चले…अचानक से बहुत तेज बारिश शुरू हो गयी…शिमला मे वैसे भी बहुत ठंड होती है…बारिश से ठंड और बढ़ गयी थी..हम दोनो भीग चुके थे…जैसे ही हम धरामशाला के पास पहुचे…स्नोफॉल होने लगा…हम पहुच कर सीधा अपने रूम मे आ गये…ठंड के कारण हम दोनो के दाँत बजने लगे थे…हमारे कपड़े पूरी तराहा से गीले हो चुके थे…नीचे ज़मीन पर एक सिंगल बिस्तर लगा हुआ था….
कमला: (मुझे काँपते देख) बाबू जी…आप अपने कपड़े निकाल दो…
मेने रूम मे एक कोने मे जाकर अपने कपड़े उतार दिए…और सिर्फ़ अंडरवेर मे आकर बिस्तर मे घुस गया…कमला भी पूरी तराहा भीग चुकी थी…उसकी सारी उसके बदन से चिपकी हुई थी…वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी…मेने कमला की तरफ देखते हुए कहा…
मे: तुम क्यों खड़ी हो…जाओ तुम भी अपनी सारी निकाल दो…
कमला: पर बाबू जी…वो मेरे पास दूसरे कपड़े नही हैं…
मे: (एक दम मासूम सा बनते हुए) पर फिर क्या करोगी…इतनी ठंड मे गीले कपड़े पहन कर सोओ गी तो बीमार पड़ जाएगी…अच्छा मे अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेता हूँ…तूँ अपने कपड़े उतार के ये बेड शीट लेपेट ले…
कमला: नही बाबू जी मे ऐसे ही ठीक हूँ….
मे: क्या पर तू सोए गी कैसे…तेरे कपढ़ो से बिस्तर भी गीला हो जाएगा..
मेने खड़ा हो कर नीचे से बेड शीट निकाल कर कमला की तरफ बढ़ा डी…बेड शीट सिंगल बेड की थी…कमला ने मेरे हाथ से बेडशीट ली और उसी कोने मे जाकर अपनी सारी उतारने लगी…
मे चोर नज़रों से कमला को पीछे से देख रहा था…कमला ने अपनी सारी निकाल कर टाँग दी..मेरा तो लंड अंडरवेर मे झटके खाने लगा…कमला वाइट कलर ब्लाउस और पेटिकॉट मे थी…कमला का पेटिकॉट गीला होने कारण उसके चुतड़ों पर चिपका हुआ था…उसकी गांद की दर्रार भी मुझे सॉफ -2 दिख रही थी…मेरा तो बुरा हाल हो चुका था…फिर कमला ने बेडशीट को अपने कंधों पर रख कर अपने ब्लाउस को खोलना चालू कर दिया…और ब्लाउस खोल कर टाँग दिया…मे कमला को देख-2 कर पागल हुआ जा रहा था…फिर कमला ने अपना पेटिकॉट को खोल कर टाँगों से निकाल कर टाँग दिया…और बेड शीट को अपनी चुचियो पर लप्पेट लिया…बेड शीट सिर्फ़ उसके घुटनो तक आ रही थी…बिस्तर पर सिर्फ़ एक ही कंबल था…वो मेरे पास आकर बैठ गयी..
कमला मुझसे नज़र नही मिला रही थी…मे महॉल को सहज करने के लिए उससे बात करने लगा…धीरे-2 वो भी सहज होने लगी….
मे: मुझे तो नींद आ रही है….जाओ लाइट बंद कर दो….
कमला ने उठ कर लाइट ऑफ कर दी…रूम मे अंधेरा छा गया…और थोड़ी देर बाद आकर वो मेरे पास लेट गयी….ठंड बहुत ज़्यादा थी…मे सर्दी के कारण काँप रहा था…कमला मेरी तरफ पीठ करके लेटी थी…जब उसे मेरे काँपने का महसूस हुआ…तो वो मेरी तरफ मूड गयी…और मेरे माथे पर हाथ लगा कर देखने लगी..
कमला: क्या हुआ बाबू जी ठंड लग रही है…
मे: हां बहुत ज़यादा…
कमला मेरे पास खिसक आई…और मुझ से सॅट गये…उसकी चुचिया बेडशीट मे कसी हुई थी…जो आधी से ज़्यादा बाहर झलक रही थी…कमला की चुचियो की गर्माहट ने मुझे और पागल कर दिया…और मे भी कमला से सॅट गया…और अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया…थोड़ी देर लेटे रहने के बाद मेने अपने होंटो को कमला की चुचियो के ऊपेर हिस्से पर लगा दिया…कमला थोडा कसमासाई….पर फिर वो वैसे ही लेटी रही…
मेरी हिम्मत अब बढ़ चुकी थी…नीचे मेरा लंड लोहे की रोड के तराहा तन कर उसके पेट के नीचले हिस्से पर चादर के ऊपेर से रगड़ खा रहा था…कमला अपने निचले हिस्से को मुझसे थोड़ा दूर रखने की कॉसिश कर रही थी….
पर अब मे चूत के लिए पागल सा हो गया था…मे हिम्मत करके अपने होंटो को उसकी चुचियो के ऊपेरी हिस्से पर रगड़ने लगा…कमला मे मुँह से आह निकल गयी…और वो अपने हाथों से मेरे सर को पकड़ कर दूर करने लगी…पर मेने आगे की तरफ ज़ोर लगाते हुए उसकी चुचियो के ऊपेर हिस्से को अपने होंटो से रगड़ना चालू रखा….
कमला: (कांपती हुई आवाज़ मे) ये क्या कर रहे हो बाबू जीए…पीछो हटो…
पर मे कमला की बात पर ध्यान दिए बिना कमला की चुचियो की खाई मे अपने होंटो को रगड़ता रहा…वो अपने हाथों से मेरे सर को पीछे हटाने के कॉसिश कर रही थी….
कमला: आहह बाबू जीए पीछे हट जाओ…ये ठीक नही है…
बाहर के बल्ब से हल्की रोशनी अंदर आ रही थी…कमला मुझे पीछे धकेल कर पीठ के बल होकर खड़ी होने लगी…मे जल्दी से कमला के ऊपेर आ गया…और चादर को पकड़ कर नीचे खींच दिया..कमला के 40 साइज़ की बड़ी-2 चुचिया उछल कर बाहर आ गयी…
वो एक दम से चोंक गयी…और मेरे नीचे तिलमिलाने लगी…कमला ने अपने एक हाथ से अपनी चुचियो को ढक लिया, और दूसरे हाथ से मुझे अपने ऊपेर से हटाने के कॉसिश करने लगी…अब मे वासना मे इतना पागल हो चुका था…मुझ पर कमला की बात का असर नही हो रहा था…वो बाबू जी बाबू जी कर रही थी…
कमला: आह बाबू जी क्या कर रहे हो…हट जाओ नही तो मे शोर मचा दूँगी….
मेने कमला के हाथ को पकड़ कर नीचे उसके सर के पास बिस्तर पर सटा दिया…अब उसके काले मोटे निपल मेरी आँखों के सामने आ चुके थे…जो मुझे बाहर से आ रही हल्की रोशनी मे दिख रहे थे…उसके निपल बहुत ही मोटे थे…मेने अपना मुँह खोल कर उसके एक काले मॉट निपल्ले को मुँह मे भर लिया…जैसे ही मेरे होन्ट उसके निपल पर पड़े..उसका बदन एन्थ गया…और उसने अपने हाथों की उंगलयों को मेरे हाथ की उंगलयों मे कस लिया….
कमला: ह बाबू जीई….मे आप के हाथ जोड़ती हूँ…मुझे छोड़ दूओ ह बाबू जीई मेरा पति मुझे जान से मार देगा…. अहह
मे किसे भूखे कुत्ते के तराहा उसके निपल को चूसने लगा…वो अह्ह आहह कर रही थी…और बार-2 रुआसी सी आवाज़ मे छोड़ देने के लिए कह रही थी…मे ज़ोर-2 से कमला के निपल को चूसने लगा….कमला के हाथ ने विरोध करना कम कर दिया था…मे अपना एक हाथ जल्दी से नीचे ले गया…और अपने अंडरवेर को घुटनो तक सरका दिया…और फिर एक झटके मे ढीली हो चुकी चादर को ऊपेर खींच दिया…और मेरा तना हुआ लंड कमला की चूत की फांकों पर रगड़ खा गया…कमला एक दम से सिहर गयी..और उसने अपनी जाँघो को भींच लिया…मेने अपने लंड को उसकी चूत मे बहुत घुसाने की कॉसिश की…पर वो अपनी जाँघो को पूरे ज़ोर से भींचे हुए थी…मे कमला के निपल को चूस्ता हुआ..अपने लंड के सुपाडे को कमला की चूत की फांकों पर रगड़ने लगा..कमला अहह ऑश नहियिइ बाबू जीए छोडर दो बाबू जीई अह्ह्ह्ह क्या कर रहीई हू कर रही थी….
मे इतना गरम हो चुका था…कि मे अपने आप को रोक ना सका, और कमला की चूत की फांकों पर अपने वीर्ये की बोचार कर दी…मे झाड़ कर हाँफने लगा…मे एक दम पस्त हो कर कमला के ऊपेर से लूड़क कर, नीचे बगल मे लेट गया…मे कमला की तरफ देख रहा था…उसने अपनी आँखों को सॉफ किया…शायद उसकी आँखों से आँसू आ गये थे…वो बिना कुछ बोले लेटी रही…काफ़ी देर लेटे रहने के बाद कमला उठ कर रूम के उसी कोने मे चली गयी…जहाँ हमने कपड़े उतारे थी…मे जागा हुआ था,और कमला को देख रहा था…उसने पानी की बॉटल उठाई…और कोने मे जाकर पंजों के बल बैठ गयी…और अपने हाथ पर पानी डाल कर अपनी चूत और जाँघो को सॉफ करने लगी…फिर कमला उठ कर वापिस आ गयी…और मेरी बगल मे ही लेट गयी…
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क्रमशः.................
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