RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
अभी: जल्दी करो…मुझे नहाना भी है…
नेहा सर झुकाए बेड के पास खड़ी थी…अभी की आवाज़ सुनते ही…वो एक दम से काँप गयी…और बेड पर बैठ गयी…नेहा अपनी एक टांग को मोड़ कर पालती मार कर बेड पर बैठ गयी…उसकी दूसरी टाँग बेड से नीचे लटक रही थी…नेहा की पीठ मेरी तरफ थी…इसलिए मे उसके फेस को नही देख पा रही थी…
नेहा ने अपने हाथ मे तेल लिया…और बॉटल को वापिस टेबल पर रखते हुए बोली…
नेहा: (कांपती आवाज़ मे) कहाँ लगाना है बाबू जी…
अभी: छाती पर तो रचना ने लगा दिया…अब तू मेरे पेट की मालिश कर दे…
नेहा ने अपने काँपते हुए हाथों से अभी की कमर से नीचे तेल की मालिश शुरू कर दी…अभी ने अपने अंडरवेर को थोड़ा सा नीचे कर दिया…जिससे अभी के लंड के ऊपेर झांतो के बॉल उसे नज़र आने लगे…नेहा एक पल के लिए रुक गयी…
अभी: घबरा क्यों रही है…इसलिए नीचे किया है…ताकि तेल अच्छी तराहा लग जाए…
नेहा अपने काँपते हाथो से फिर से मालिश करने लगी…अभी मेरी चुदाई के दौरान झाड़ा नही था…इसलिए उसका लंड अभी भी उसके कछे मे तना हुआ था….जिस पर नेहा की नज़र बार-2 जा रही थी…वो जान बुझ कर उसके तने हुए लंड को देख रही थी…जिसे देख कर अभी के होंटो पर कमीनी मुस्कान आ गयी…
अभी ने नेहा को गरम होता देख…अपना एक हाथ नेहा के कूल्हे की साइड मे रख दिया…नेहा का पूरा बदन एक पल के लिए थम गया…पर वो कुछ नही बोली…और फिर से अभी की मालिश करने लगी…
अभी: नेहा तुम इतना शरमा क्यों रही हो…यहाँ कोई नही है…
और अभी ने अपने हाथ से धीरे-2 नेहा के कूल्हे को सहलाना चालू कर दिया…नेहा कसमासाए जा रही थी…
अभी: नेहा तुमने सुबह मेरी बात का जवाब नही दिया….
नेहा: जी कॉन सी…
अभी: यही कि मे तुम्हारे शहद जैसे होंटो को चूमना चाहता हूँ…
नेहा अभी की बात सुन का बुरी तराहा शर्मा गयी…और वो अपने सर को झुका कर मुस्कराने लगी…
अभी: देखो ना तुम मुस्कराते हुए कितनी सुंदर लगती हो…प्लीज़ एक बार अपने होंटो का जाम मुझे पिला दो ना…(और अभी ने अपनी दोनो बाहों को उसकी पीठ पर कस के अपने ऊपेर झुका लिया..नेहा के काँपते रसीले होन्ट अभी के होंटो के बिकुल सामने आ गये) प्लीज़ एक बार चूमने दो ना…
नेहा: (कांपती आवाज़ मे) नही मा आ जाएगी…
अभी: नही आएगी…उसे अभी टाइम लगेगा
नेहा: नही बाबू जी (शरमाते हुए अपनी गर्दन को ना मे हिला दिया)
अभी: मे कह रहा हूँ ना…नही आएगी…और अगर आ भी गये..तो क्या कर लेगी…वो तो खुद….(और अभी चुप हो गया उसने नेहा को एक हिंट दे दिया था)प्लीज़ एक बार करने दो ना प्लीज़ एक बार…
नेहा ने इस बार कुछ नही बोला…और अपनी नज़रों को झुकाए हुए मुस्कराए जा रही थी…अभी ने अपने हाथ से उसकी चिन को पकड़ उसके फेस को ऊपेर किया…और नेहा के होंटो की तरफ अपने होंटो को बढ़ा दिया…नेहा के हाथ अभी के कंधों पर थे…जिस पर तेल लगा हुआ था…अभी ने नेहा के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया…और चूसने लगा…नेहा के हाथ फिसल कर अभी की पीठ पर आ गये…पर वो अभी की बाहों मे छूटने के लिए कसमसा रही थी…शायद वो मेरे अंदर आ जाने से डर रही थी…अभी ने एक मिनिट तक नेहा के होंटो को चूसा, और फिर अपने होंटो को हटा लिया…
नेहा का पूरा बदन रोमांच और मदहोशी मे काँप रहा था…जैसे ही नेहा के होंटो अलग हुए..वो एक दम से उठ गयी…और बाहर आने लगी…पर अभी ने उसका हाथ पकड़ लिया…अभी बेड पर उठ कर बैठ गया…और नेहा को अपनी गोद मे खींच कर बैठा लिया..नेहा अभी की गोद मे बैठी कसमसा रही थी…
नेहा: (काँपते और धीमे आवाज़ मे) छोड़ दो बाबू जी मा आ जाएगी…
अभी: आने दो देख लेंगे उसे भी…
नेहा: बाबू जी प्लीज़ छोड़ दो ना…मा के सामने नही…मा ने देख लिया तो…
अभी: क्यों तूने नही देखा….
नेहा अभी की बात सुन कर एक दम से चोंक गयी….उसे अब कुछ समझ मे नही आया…कि वो क्या जवाब दे…अभी ने नेहा को फँसते देख नेहा के फेस को अपनी तरफ घुमा कर…नेहा के होंटो पर फिर से अपने होंटो को रख दिया…और नेहा के होंटो को चूसने लगा…कुछ देर नेहा के होंटो को चूसने के बाद उसने नेहा को छोड़ दिया..नेहा की साँसें तेज़ी से चल रही थी…वो हाँफती हुई खड़ी हुई…और अभी की तरफ देखने लगी…
अभी ने नेहा के तरफ देखते हुए…अपने जीभ को अपने होंटो पर फिराया…
अभी:सच मे तुम्हारे होन्ट बहुत मीठे हैं…अब जाओ…
नेहा अभी की बात सुन कर एक दम से शरमा गयी…और सर झुका कर मुस्कराते हुए तेज़ी से बाहर आ गयी…नेहा के बाहर आने से पहले मे दीवार से सॅट गयी…नेहा तेज़ी से भागते हुए अपने रूम मे चली गयी…उसने पीछे मूड कर नही देखा…मे अभी के रूम मे आ गयी…
मे: मान गये बाबू जी…आख़िर आप ने मेरी छोरी को पटा ही लिया…अब आगे क्या करने वाले हो…
अभी: आज के लिए इतना ही बहुत है….अब तू वो खुद मेरे लंड से चुदवाने के लिए तडफे गी…बस आज तूँ ज़रा अपनी चूत की मालिश कर ले…आज तेरी चूत का भोसड़ा बना कर सुज्जा दूँगा….अभी की बातों को सुन कर ही मेरी चूत मे खुजली होने लगी…
उस दिन शाम के 6 बजे मुझे बोल कर घर से निकल गया…मे रात के खाने के तैयारी करने लगी…हमने खाना भी तैयार कर लिया पर अभी जब 8 बजे तक घर वापिस नही आया…तो मुझे थोड़ी से चिंता होने लगी…मे और नेहा अभी के रूम मे टीवी देखने लगे…तभी डोर बेल बजी…मेने बाहर आ कर गेट खोला तो उसके हाथ मे बहुत से बॅग्स थे…
मे: कहाँ गये थी…बाबू जी इतनी देर क्यों लगा दी…
अभी: अंदर तो चल…बताता हूँ
मेने अभी के अंदर आने के बाद गेट को लॉक कर दिया…और अभी के पीछे रूम मे आ गयी…अभी ने कॅरी बॅग्स को बेड पर रख दिया…एक बॅग को खोल कर उसमे से बहुत ही प्यारी सी ड्रेस निकाल कर नेहा की ओर बढ़ा दी…
अभी: ये लो ये तुम्हारे लिए लिया हूँ….
अभी नेहा के लिए एक बहुत ही खूबसूरत पिंक कलर का टॉप और ब्लॅक कलर की शॉर्ट स्कर्ट लाया था…जिसे देख नेहा के होंटो पर मुस्कान आ गयी…पर फिर वो मेरी तरफ देखने लगी…
मे: ले ले बेटा देख बाबू जी कितने प्यार से लाए हैं….
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