RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
नेहा मूड कर वापिस आने लगी…मे जल्दी से दूसरी तरफ हो गेयर…और नेहा किचन मे वापिस चली गेयर…वो अपने और मेरे लिए चाइ कप्स मे डाल रही थी…जैसे ही नेहा किचन मे गेयर…मे अभी के रूम मे आ गेयर…अभी ने मेरेर तरफ मुस्करा कर देखा…
मे: अर्रे वा बाबू जी आप तो सीधे रास्ते पर जा रहे हो…
अभी: बस तुम देखती जाओ…कुछ ही दिनो मे तुम्हारी प्यारी बेटी उछल-2 कर मेरा लंड अपनी चूत मे लेगी…
मे: मे भी यहीं चाहती हूँ…उसे देखने से लग रहा था…कि वो भी जल्द ही चुदवाने के बेकरार है…
अभी: बस अब मे जैसे-2 बोलता जाउ…वैसे -2 करती रहो…
मे: जी जैसे आप कहें
अभी: अब आगे देखो…मे क्या करता हूँ…
और अभी किचन की तरफ जाने लगा…मे भी दबे पावं किचन के पास आ गयी…अभी किचन के अंदर गया…और नेहा के पीछे जाकर खड़ा हो गया…नेहा को जब अभी का अहसास हुआ…तो वो थोडा घबरा गयी…
अभी नेहा के पीछे जाकर उसके साथ सॅट कर खड़ा हो गया…और अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया…नेहा एक दम से कसमसा गयी…और थोड़ा आगे होने लगी…पर आगे सेल्फ़ थी…इसलिए वो आगे ना हो पाई….
अभी: ये क्या? चाइ तो एक दम फीकी सी लग रही है…चीनी नही डाली…
नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे) जी डाली थी…पर शायद थोड़ी कम रह गयी…
अभी: (अपने कप को नेहा के आगे करते हुए) लो पी कर देखो…कम है या नही…
नेहा: बाबू जी मे आप की चाइ कैसे…मेने अपने लिए चाइ डाली है…पी कर देखती हूँ.
अभी: नही इस मे से पीकर देखो…
नेहा बेचारी आगे कुछ ना बोल सकी…और अभी के हाथ से कप ले लिया…और एक सीप ली…
अभी: अब बताओ कैसी है….
नेहा: मे और चीनी डाल देती हूँ…आप ये वाली चाइ ले लो (दूसरे कप को देते हुए)
अभी: (पहले वाले कप को उठा कर पीने लगा और एक सीप लेने के बाद) अर्रे वा… ये तो अब मीठी हो गयी….क्या किया तूने…
नेहा: (घबराते हुए) नही बाबू जी मेने कुछ नही किया…आप के सामने तो ही हूँ…
अभी: (मुस्करते हुए) अर्रे घबराओ नही…शायद तुम्हारे रसीले होंटो का कमाल है…इसलिए चाइ मीठी हो गयी….
नेहा अभी की बात सुन कर एक दम से शर्मा गयी…उसके गोरे गाल एक दम से लाल हो कर देखने लगी…और उसके होंटो पर हल्की से मुस्कान आ गयी…और उसने अपने सर को नीचे कर लिया….
अभी: नेहा एक बात बोलू….
नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे) जी.. (वो अपने हाथों को सेल्फ़ पर रखे हुए थी….और वो सेल्फ़ को अपने हाथों से दबा कर पकड़े हुए थी)
अभी: सच मे तुम्हारे होंटो ने इस चाइ के प्याले को शहद से भी ज़्यादा मीठा कर दिया है…तुम्हारे होंठ तो शहद से भी ज़्यादा मीठे होंगे….
नेहा और ज़्यादा शरमाने लगी…
अभी: मे सच कह रहा हूँ…दिल कर रहा है…तुम्हारे होंटो को चूम लूँ…
नेहा अभी की ये बात सुन कर एक दम से चौंक गयी…और अभी की तरफ एक नज़र देखा…अभी अपने होंटो पर मुस्कान लिए हुए…नेहा के होंटो को घूर रहा था… नेहा फिर से शर्मा गयी…और अपने नज़रें नीचे कर ली…
अभी: बोलो ना….
नेहा: (कांपती हुई आवाज़ मे) जी क्या…
अभी: एक बार तुम्हारे होंटो को चूम लूँ….
मे एक दम से हैरान रह गयी…. कि अभी ने सीधे-2 ऐसे बात नेहा से कह दी…मुझे लगा रहा था…कि अब नेहा भड़क जाएगी…पर उसने जो किया मे और हैरान रह गयी…
नेहा तेज़ी से वहाँ से हट कर जो रूम हमे दिया गया था…भाग कर रूम मे चली गयी…मेरे दिल ज़ोर से धड़कने लगा…लगता है सारा किया धारा मिट्टी मे मिल गया…इस अभी को इतनी भी क्या जल्दी थी…लगता है नेहा अभी की बात से गुस्सा हो गयी है…मे जल्दी से रूम के डोर के पास जाकर छुप कर अंदर देखने लगी…पर जैसे ही मेने अंदर देखा मे एक दम से हैरान रह गये….अंदर नेहा पलंग पर बैठी…तेज़ी से साँसें ले रही थी…वो पता नही किन ख्यालो मे खोई हुई मुस्कराए जा रही थी…उसे देखने से ऐसा लग रहा था…जैसे उसने अभी की बात का बुरा नही माना…पर वो शर्मा गयी थी…इसीलिए वो यहाँ आ गयी थी…मेरी जान मे जान आई…तभी मुझे अपने चुतड़ों पर किसी के हाथ महसूस हुए…मेने पीछे मूड कर देखा तो, अभी मेरे पीछे खड़ा था…और मेरे चुतड़ों को अपने हाथों से मसल रहा था…उसके होंटो पर जीत की मुस्कान थी… अभी ने मुझे इशारे से अपने रूम मे आने को कहा…मे अभी के पीछे -2 , उसके रूम मे आ गयी…
क्रमशः.................
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