RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
नीता अब पूरी तराहा से गरम हो चुकी थी…नीता एक दम से पीछे हटी…और अपने दोनो हाथों को पीछे लेजा कर अपनी ब्रा के हुक्स खोल दिए…और बड़ी तेज़ी से चलते हुए…अलमारी के पास गयी…और अपनी ब्रा को अलमारी मे रख दिया…मे एक दम भोन्दु की तराहा वहाँ खड़ा नीता को देख रहा था…ब्रा को अलमारी मे रखने के बाद नीता ने अपनी त-शर्ट पहन ली…मुझे कुछ समझ मे नही आया…कि आख़िर नीता ने टीशर्ट को क्यों पहन लिया…कहीं मेरा सेक्स का सफ़र यहीं तो ख़तम नही होने वाला…पर मे चाहते हुए भी नीता को कुछ बोल नही पाया…नीता ने टीशर्ट पहनने के बाद मेरी तरफ देखा,और मुस्करा कर फिर से अलमारी के पास गयी…उसकी पीठ मेरी तरफ थी…मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था,कि आख़िर नीता क्या चाहती है…उसके मन मे क्या है…पर अगले ही पल जो नीता ने किया…उसने मेरे दिल की धदकनो को कुछ पलों के लिए रोक दिया…
नीता ने अलमारी खोली…उसकी पीठ अभी भी मेरी तरफ थी…उसके दोनो हाथ आगे उसकी नाभि के पास चले गये…मुझे पीछे से कुछ ठीक से दिखाई नही दे रहा था…उसके हाथों मे पहने हुए कॅगन की आवाज़ मुझे सुनाई दे रही थी…उसने अपनी टी शर्ट को आगे से थोड़ा ऊपेर उठया…फिर उसके हाथ उसकी जबरन तक पहुच गये…मे जो बता रहा हूँ…वो मे वहाँ उसके पीछे खड़े रह कर अंदाज़ा ही लगा रहा था…मुझे पीछे से ऐसा लगा जैसे वो अब अपनी सलवार का नाडा खोल रही थी…उसकी नज़र नीचे की तरफ थी…और मेरा अंदाज़ा ब्लिकुल सही निकाला…उसने अपनी सलवार का नाडा खोल दिया…और झुक कर अपनी सलवार को उतारने लगी…जैसे ही वो अपने सलवार को उतारने के लिए झुकी…उसकी गांद पीछे की तरफ बाहर आ गयी…उसकी छोटी सी ब्लॅक कलर के पॅंटी मे कसे हुए चुतड़ों को देख मेरा लंड इतना टाइट हो गया…कि अब वो मेरे शॉर्ट निक्केर को फाड़ कर बाहर आने वाला था…
नीता ने अपनी सलवार को अपने पैरो से निकल कर अपने कंधे पर रख लिया…और फिर अपनी ब्लॅक कलर की पॅंटी के एलास्टिक मे दोनो तरफ से दोनो हाथों के उंगलयों को डाल कर नीचे सरका दिया…इस बार जैसे ही वो अपनी पॅंटी उतारने के लिए झुकी…तो एक बार फिर से उसके चूतड़ बाहर की तरफ आ गये…उसने जल्दी से अपनी पॅंटी को निकाल कर आलामरी मे रख दिया…और फिर कंधे पर पड़ी सलवार को उतार कर पहनने लगी…
मुझे तब तक भी कुछ समझ मे नही आ रहा था…कि आख़िर वो कर क्या रही है…सलवार पहनने के बाद वो फिर से मेरे पास आई…और मेरे होंटो को चूमते हुए बोली…
नीता: चल आ तेनू आज जन्नत दी सैर कारवाँ (चल आ आज तुझे जन्नत की सैर कराऊ)
नीता मेरा हाथ पकड़ कर बेड की ओर ले गयी…और बेड पर लेट गयी…नीता ने मेरे हाथ पकड़ कर मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…अब मे भी बहुत ज़्यादा गरम हो चुका था…नीचे मेरे लंड ने मेरा बुरा हाल कर रखा था…जैसे ही मे नीता के ऊपेर आया…नीता ने अपनी टाँगों को फैला लिया…जिसे मेरी टाँगें नीता की टाँगों के बीच मे आ गयी…और मेरा लंड उसकी चूत पर उसकी सलवार के ऊपेर से सॅट गया…नीता के मुँह से आह निकल गयी…उसने मुझे अपनी बाहों मे भीच लिया…मेरा लंड उसकी चूत पर उसकी पतली से सलवार के ऊपेर से रगड़ खा रहा था…नीता एक मस्ती मे एक दम पागल सी हो गयी…और मेरे पूरे फेस को चूमने लगी..और बीच-2 मे बुदबुदा रही थी..
नीता: ह अभिईिइ ओह तेरा लंड तीई ह बड़ा सख़्त हाईईईई अहह मेरी फुदीी पानी चढ़ह रही हाईईइ ओह्ह अभिईिइ
नीता ने अपने हाथों से एक झटके मे अपनी टीशर्ट को ऊपेर उठा दिया…उसकी 36 साइज़ कर नरम और मोटी चुचियाँ मेरी आँखों के ठीक सामने थी…मेरे हाथ अपने आप ही उसकी चुचियो पर आ गये…मे ना तो लेटा हुआ था…और ना ही बैठा हुआ था…मे नीता की जाँघो के बीच घुटनो के बल बैठ कर उसपर थोड़ा सा झुका हुआ था…मेने नीता की चुचियो को दोनो हाथों मे ले लिया…और पूरे जोश मे आकर मसलने लगा… नीता के मुँह से सिसकारिया निकलने लगी…वो आहह ओह सीईईईईईईंह कर रही थी…
नीता ने मेरे सर को अपने हाथों मे लेकर मुझे अपनी चुचियो पर झुकाना चालू कर दिया…मुझे समझते देर ना लगी, की अब मुझे आगे क्या करना है….मेने झुक कर नीता की लेफ्ट भूरे रंग की निपल को मुँह मे ले लिया…जो पहले से काफ़ी कड़े हो चुके थे..और तन कर आधे इंच के हो चुके थे…जैसे ही मेने नीता के निपल को मुँह मे लिया..नीता एक दम से छटपटा उठी…उसने अपनी बाहों को मेरी पीठ पर कस लिया…और मेरी पीठ को तेज़ी से सहलाने लगी…
नीता: ह अभिईिइ और्र्रर जोर्र्र्ररर से चुस्स्स्स… मेरे मुम्मो कू अहह मे कबब्ब्ब से तरस रहियीईई हून्णन्न्….तूने कल मेरी चूत की आग को बढ़ा दिया था…अब मेरी फुदी के आग्गग को अपने लंड सीई ठंडा कर दी आह अभिईीई
मे अब पूरे जोश मे आ चुका था…और नीता के निपल को पागलों के तरहा चूस रहा था…नीता मस्ती मे आकर नीचे अपनी कमर हिला-2 कर अपनी चूत को सलवार के अंदर से मेरे लंड पर रगड़ रही थी…और मे भी नीता की दूसरी चुचि को मसलने लगा…नीता की नरम-2 चुचियो का अहसास मुझे और गरम कर रहा था…
नीता: हान्ं अभीइ आईसीई हीईई चूसू…तुम बहुत अच्छी तरहन्न्न चुस्स्स्स रही हूओ ओह्ह्ह्ह मेरे मुम्मो का रस्स्स पेओ…और ज़ोर से मसल मेरे मुममे कू अहह अभीइ मेरीए फुडीई मे आगगज्ग लगाअ दीए तुंईए ऑश अभिईिइ
नीता के हाथ मेरी पीठ पर तेज़ी से चल रहे थे…मेने नीता की लेफ्ट चुचि को मुँह से निकाल कर दूसरी चुचि के निपल को मुँह मे ले लिया…नीता की गोरे रंग की चुचियो पर हरी नसें सॉफ दिखाने लगी थी…और निपल और कड़े हो कर तन चुके थे…
मेने अब नीता की दूसरी चुचि को चूस्ते हुए…नीता की लेफ्ट चुचि को हाथ मे ले लिया…और धीरे-2 मसलने लगा…नीता पूरी तराहा मस्त हो चुकी थी…और अपनी आँखें बंद करके अपनी निपल की चुसाइ का मज़ा ले रही थी…उसकी सिसकारियाँ अब और बढ़ चुकी थी…मेने नीता के निपल्स को चूस-2 कर लाल कर दिया था…उसकी कसी हुई चुचिया और कस चुकी थी…नीता के हाथ अब मेरी पीठ से होते हुए…मेरे चुतड़ों पर आ गये थे…उसने मेरी शॉर्ट निक्केर को दोनो हाथों से पकड़ कर नीचे की तरफ खींचना चालू कर दिया…निकर मेरी जाँघो पर आ कर अटक गया…नीता के हाथ अब और नीचे तक नही पहुच सकते थे…मेने नीता के दिल की बात को समझते हुए…नीता की चुचि को मुँह से निकाल दिया…और नीता की जाँघो के बीच मे घुटनो के बल हो कर अपनी निक्कर को उतार दिया…नीता ने अपनी आँखें खोली…और मेरे साढ़े 6 इंचके तने हुए मोटे लंड पर उसकी नज़र गढ़ गयी….
नीता: (चोन्कते हुए) हाए ओई तेरा ते बड़ा वाडा है (तुम्हारा तो बहुत बड़ा है…)
और नीता ने मेरी आँखों मे देखा…और उसकी आँखों मे मेरा लंड अपनी चूत मे लेने के लिए तड़प को देख कर मे और पागल सा हो गया…और अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर आगे पीछे करने लगा…
नीता ने मेरी तरफ देखते हुए…अपने हाथों को अपनी सलवार के जबरन पर ले आई…और अपनी सलवार के नाडे को खोल दिया…नीता ने फिर से मेरी तरफ देखा…और मुस्करा दी..
नीता ने फिर अपनी सलवार को दोनो तरफ से पकड़ कर नीचे करना चालू कर दिया…नीता ने अपनी गांद को थोड़ा सा बिस्तर से उठा कर…अपने चुतड़ों से सलवार नीचे कर दी…और सलवार को घुटनो तक उतार दिया…
मे: इसे उतार दो…(काँपति हुई आवाज़ मे)
नीता: नही अगर ठिंकू जाग गया तो कपड़े पहनने मे देर लगेगी…और उसको शक हो जाएगा…
मे: फिर ऐसे कैसे करेंगे
नीता: (मुस्कराते हुए) तूँ बस देखता जा…
और नीता ने अपनी सलवार को घुटनो तक नीचे कर लिया…और अपनी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा लिया…और दोनो जाँघो को फैला दिया…नीता के काम रस से भीगा हुआ चूत का छेद मेरी आँखों के सामने आ गया…मे घुटनो के बल बैठा अपने लंड को हाथ से मुठया रहा था…नीता की चूत के छेद देख मेरा लंड और झटके खाने लगा..
नीता: (मदहोशी से भरी आवाज़ मे) चल जल्दी कर…अब अपना लौदा मेरे फुदी मे घुसा दे…अब और रहा नही जाता…
मे: पर घुसाना कहाँ हैं…
नीता अपनी टाँगों को ऊपेर उठाए हुए…अपने हाथों को अपनी गांद के दोनो तरफ से चूत पर ले आई…और अपनी चूत की फांकों को फैला दिया…अब नीता की चूत का छेद मेरी आँखों के सामने था…
नीता: थोड़ा सा और आगे हो…
मे नीता के कहे अनुसार और आगे हो गया…नीता ने अपनी टाँगों को मेरे कंधों पर रख दिया…और मेरे तने लंड को एक हाथ से पकड़ कर…मेरे लंड की चॅम्डी को पीछे करके…मेरे लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा दिया…नीता की टाँगे मेरे कंधों पर थी…जिससे मेरा पूरा वजन उसकी टाँगों पर पड़ रहा था…जैसे ही नीता ने मेरे लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर लगा कर छोड़ा…मेरे लंड का सुपाड़ा मेरे वजन के कारण की नीता के टाइट चूत के छेद को फैलाता हुआ अंदर घुस्स गया…
नीता: अहह अभिईिइ जाअँ निकाल दीई तेरे लौड़ीई नईए साला बहुत गरम हीई तेरे लंड का टोपा…मज़ा आ गया….आह जल्दी कर अब घुस्सा तेरा लंड मेरे फुददी मे…आ उंह हाई मुम्मय्यययी मररर गयी…
क्रमशः.................
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