RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मे ठिंकू और नीता के साथ रूम मे आ गया…ठिंकू ने अपनी बुक्स उठाई…और बेड पर बैठ गया…नीतू उसकी बगल मे लेट गयी…उसके बाद मे बेड के किनारे बैठ गया…और इधर उधर देखने लगा…अचानक मेरा ध्यान नीता पर पड़ा…जो करवट के बल लेटी हुई थी…उसने अपने हाथ को अपने सर के नीचे से सहारा देकर अपने सर को थोड़ा सा ऊपर उठा रखा था…और ठिंकू को उसके होमवर्क मे हेल्प कर रही थी…
मे नीता के पीछे बैठा हुआ था…उसकी कमीज़ का पल्ला सरक कर बिस्तर पर इकट्ठा हो चुका था…उसने वाइट कलर की पतली से सलवार पहन रखी थी…जैसे ही उसकी कमीज़ का पल्ला नीचे बिस्तर पर आया…मुझे पीछे से उसकी गांद दिखने लगी…उसकी वाइट सलवार मे से उसकी ब्लॅक कलर के पॅंटी सॉफ दिख रही थी…मेरा लंड उसे देखते ही खड़ा हो गया….उस दिन पहली बार मेरा लंड किसी को देख कर खड़ा हुआ था…मेरे लंड मे इतना तानव आया के मे सहन नही कर पाया…सामने का सीन देख कर मेरे हाथ पैर कंम्पने लगे…ठिंकू का ध्यान अपनी बुक मे था…और वो नीता के दूसरी तरफ बैठा था…उस समय मे बिल्कुल नादान था…और मेने नादानी मे ऐसी हरकत कर दी…जिस मे अब करना चाहूं…तो डर के मारे कर ना पाऊ
मे अपना हाथ धीरे -2 बेड के साथ रेंगता हुआ आगे करने लगा…मेरे दिल जोरो से धड़क रहा था…मेरे हाथ उसकी जाँघ तक पहुच गया…और मेने अपने हाथ की एक उंगली को उसकी जाँघ पर रख दिया…और धड़कते हुए दिल के साथ कुछ देर वेट करने लगा
नीता उसी तराहा लेटी रही…वो ठिंकू को काम करते हुए देख रही थी…मेरा कुछ हॉंसला सा बढ़ गया…और मेने अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया…और उसकी जाँघ के पीछले हिस्से को धीरे-2 सहलाने लगा…वो फिर भी उसी तराहा बिना हीले दुले लेटी रही…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था…मे अपने हाथ को गोल-2 घुमा कर उसकी जाँघ को सहलाने लगा…पर अचानक ठिंकू ने मेरी तरफ देखा…मेने झट से अपना हाथ नीता की जाँघ से हटा लिया..ठिंकू मेरी तरफ देख कर मुस्कुराया,और फिर से अपना होमवर्क करने लगा..
मेरे हाथ पैर डर के कँपने लगे थे….मेने राहत के साँस ली…और मन ही मन मे भगवान को धन्यवाद किया, कि ठिंकू को मेरी इस हरकत के बारे मे पता नही चला…अब मेरी दोबारा कुछ करने के हिम्मत नही हो रही थी…मे वैसे ही बेड के किनारे चुप-2 बैठ गया….पर होनी को शायदा कुछ और ही मंजूर था…थोड़ी देर बाद नीता दीदी ने अपना फेस पीछे घुमा कर देखा…उसका गाल और फेस उतेजना के मारे एक दम लाल हो चुके थे…उसकी आँखों मे वासना के लाल डोरे नज़र आ रहे थे…जिसे मे उस उमेर मे समझ नही पा रहा था…उसने मुझे अपनी वासना से भरी नज़रों से देखा, और मेरएआ तरफ देख कर मुस्करा पड़ी…मुझे कुछ समझ मे नही आया…आख़िर नीता मेरी तरफ देख कर मुस्करा क्यों रही है….मेने अपना सर झुका लिया….पता नही क्यों पर मे उसकी तरफ दोबारा देख नही पाया…पर उस उमेर मे इन सब बातों को समझना मेरे लिए आसान नही था…
उस रात मे जब अपने घर पर हाल मे टीवी देख रहा था…तो चैनल चेंज करते-2 अचानक टीबी6 चैनल आ गया…जो एक रशियन चैनल था…उस पर रशियन मूवी आ रही थी…जिसमे बहुत ही हॉट सीन चल रहा था…उस सीन को देख कर मेरा हाथ मेरे लंड पर चला गया….और मे अपने लंड को अपने हाथ मे लेकर सहलाने लगा…उस मूवी का हर सीन मेरे दिमाग़ मे बस गया था…उसमे एक आदमी एक लड़की की चुचियो को चूस रहा था…और नीचे से अपनी कमर हिला कर उस लड़की को चोद रहा था…उस दिन मुझे लगभग ये तो पता चल ही गया था…ये काम करने मे ज़रूर मज़ा आता होगा…और मेरे दिमाग़ मे नीता की गांद और उसकी स्माइल घूमने लगी….
अगले दिन सनडे था…स्कूल से छुट्टी थी…मे दोपहर के करीब 12 बजे अपने घर से निकल कर ठिंकू के घर पर आ गया…उसके पापा ऑफीस जा चुके थे…नीता और ठिंकू घर पर अकेले थे…नीता अपने घर के आँगन मे झाड़ू लगा रही थी…जैसे ही मे उसके घर के अंदर आया…तो मेरी नज़र नीता दीदी पर पड़ी….वो झुक कर झाड़ू लगा रही थी…उसने लाइट ब्लू कलर की सलवार कंमीज़ पहना हुआ था…और दुपट्टा नही लिया हुआ था..उसकी चुचिया झुकने के कारण बाहर की तरफ झलक रही थी…पहले तो उसका ध्यान मुझ पर नही पड़ा…जब उसने मुझे देखा…तो उसने मुझे अपनी चुचियो को घूरते हुए देख लिया…उसके होंटो पर मुस्कान आ गयी..और बड़ी ही कातिल मुस्कान से मुझे देखने लगी…
मे: दीदी वो ठिंकू कहाँ हैं…
नीता: वो दुकान पर कुछ समान लाने गया है….
मे: अच्छा ठीक है.,.. मे बाद मे आता हूँ….
नीता: अर्रे बैठो ना अभी आ जाएगा….
मेरे हाथ पैर कामुकता के मारे कांम्प रहे थे….उसने झाड़ू लगा ली….और अंदर जाने लगी….
नीता: अभी अंदर आ जा…बाहर तो बहुत गरमी है…
मे उठ कर नीता के पीछे अंदर चला गया…नीता और मे एक रूम मे बैठ गये…इतने मे ठिंकू भी आ गया…और मे ठिंकू के साथ उसके आँगन मे आकर क्रिकेट खेलने लगा…गरमी बहुत ज़्यादा थी….इस लिए हम दोनो जल्द ही थक गये…और मे ठिंकू के साथ अंदर आ गया…मे भी बहुत थक गया था…
ठिंकू: यार अभी मुझे बहुत नींद आ रही है…मे तो सोने जा रहा हूँ…नीता वहीं खड़ी हमारी बातें सुन रही थी....
मे: ठीक हैं मे भी चलता हूँ….
और मे भी घर पर आ गया…और सो गया…मे काफ़ी देर तब सोता रहा…रात को जब मे खाना खा रहा था…तो ठिंकू घर पर आया…और मेरी मम्मी से बोला….
ठिंकू: आंटी क्या अभी भैया आज हमारे घर पर सो सकतें हैं…आज पापा की नाइट ड्यूटी लग गयी है…और कल सुबह घर आएँगे…और मा तो पहले से ही गाँव गयी हैं शादी के लिए…
मेरी मम्मी ने ठिंकू को हां बोल दिया…ये बात सुन कर मेरे दिल मे अजीब सी हलचल मच गयी…मे बहुत नर्वस फील कर रहा था…खाना खाने के बाद मे ठिंकू के साथ उसके घर पर आ गया…जैसे ही हम अंदर आए…तो नीता रूम से बाहर आ गयी…और उसने गेट को लॉक कर दिया…और मेरी तरफ देख कर मुस्कराते हुए अंदर चली गयी…
मे ठिंकू के साथ उसके रूम मे आ गया…मेने टीशर्ट और शॉर्ट्स निक्केर पहना हुआ था…गर्मी के वजह से मेने नीचे अंडरवेर नही डाला हुआ था…मे और ठिंकू उसके बेड पर लेट गये…रूम मे 0 वाट का बल्ब जल रहा था…अभी हम लेटे ही थे, कि नीता रूम मे आ गयी…और हम दोनो के बीच मे बेड पर लेट गयी….मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…
ठिंकू: दीदी आप यहाँ क्यों आ गयी……
नीता: मुझे अकेले नींद नही आती….तुझे तो पता है…मे हमेशा मा के साथ सोती हूँ…
और ठिंकू दूसरी तरफ करवट के बल लेट गया…मे सबसे लास्ट मे दीवार की तरफ था…नीता बीच मे लेटी हुई थी…उसमे और मुझमे सिर्फ़ 6-7 इंच का फासला था…नीता ने मेरी तरफ देखा और एक कामुक सी स्माइल पास कर दी…मे तब इन्सब बातों को हॅंडेल करने लायक नही था…और कैसे रिक्ट किया जाता है…मुझे नही पता था…मेने डर के मारे दूसरी तरफ फेस कर लिया…
क्रमशः.................
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