RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
अभी ने मेरे ब्लाउस के हुक्स को खोल दिया…जैसे ही मेरे ब्लाउस के हुक्स खुले मेरी 38 साइज़ की तनी हुई चुचिया उछल कर बाहर आ गयी…अब मौसम बदल चुका था दिसंबर का महीना चल रहा था…इसलिए ठंड भी बढ़ चुकी थी…अभी ने अपने ऊपेर रज़ाई खींच ली…और मेरी चुचियो को मुँह मे भर कर चूसने लगा…मेरे निपल कड़े हो कर तन चुके थे…अभी एक हाथ से मेरी दूसरी चुचि के निपल को उंगलियो मे लेकर मसल रहा था…
मे मस्ती मे आकर आह ओह्ह करने लगी….अभी के जीभ मेरी चुचि के निपल पर रगड़ खा रही थी…जिससे मेरे निपल और तन चुके थे…मेरी चूत पानी से भीग चुकी थी…मेरे से बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था…अभी ने मेरे निपल को मुँह से निकाला और खड़ा हो कर अपना शॉर्ट्स और टीशर्ट उतार कर फेंक दी…और फिर से मेरे ऊपेर आकर मेरे दूसरे निपल को मुँह मे ले लिया….मे एक दम मस्त हो चुकी थी…मेरी चूत मे खुजली होने लगी…और अभी का लंड लेने के लिए फुदकने लगी..
अभी ने मेरे पेटिकॉट का कमर तक चढ़ा दिया….और मेरी जाँघो को फैला कर देखने लगा…मेने अपनी टाँगों को घुटनो से पकड़ कर ऊपेर उठा लिया…और दोनो टाँगों को विपरीत दिशा मे फैला दिया… जिससे मेरी टाँगें मेरे सर के ऊपेर हो गयी…
और मेरी चूत खुल कर उसके सामने आ गयी…अभी ने बिना कोई देर किए…मेरी चूत की फांकों को फैला कर अपना मुँह मेरी चूत के छेद पर लगा दिया…मे एक दम से तडप उठी…मस्ती के मारे मेरी कमर ऊपेर की तरफ उछलने लगी….मे आहह ओह्ह आहह करने लगी…मेरी सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी…
अचानक अभी उठ कर पीठ के बल लेट गया….और मुझे अपने ऊपेर खींच लिया…अभी का लंड मेरी गान्ड की दर्रार मे धँस गया…अभी के लंड को गांद की दर्रार मे महसूस करके मे एक दम सिहर गयी…अभी ने अपने हाथ से अपने लंड को पकड़ कर मेरी चूत के छेद पर टिका दिया…और ऊपेर की तरफ अपनी कमर को उछाला…अभी के लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत के छेद मे घुस्स कर फँस सा गया…मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी…आज फिर 6-7 महीनो बाद मेरी प्यासी चूत को ठंडक मिलने जा रही थी…मे अपने आप को रोक ना सकी…और अपनी चूत को अभी के लंड पर दबाने लगी…अभी के लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों को फैलाता हुआ अंदर घुसने लगा…मेरी चूत मे सरसारहात होने लगी…मस्ती मे आकर मेरी आँखें बंद हो चुकी थी…मेरा पूरा बदन रोमांच और उतेज्ना के मारे कांम्प रहा था…अभी ने मुझे पकड़ कर अपने ऊपेर झुका लिया…और मेरे होंटो को अपने होटो मे लेकर चूसने लगा…
अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर ऊपेर की तरफ अपनी कमर उछाली…लंड का मोटा सुपाड़ा मेरी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुस कर मेरी बच्चेदानी से जा टकराया…और मे मस्ती मे आकर चीख से पड़ी….अभी ने मेरे होंटो को अपने होंटो मे ले रखा था…जिसके कारण मेरी आवाज़ हम दोनो के मुँह मे घुट कर रह गयी….मेरे पूरे बदन मे आग लग चुकी थी…चूत की दीवारें लंड को कसने लगी…और मेरी गांद अपने आप हिलने लगी…हर बार मेरी रफ़्तार बढ़ जाती…और कुछ ही पलों मे तेज़ी से अपनी गांद को ऊपेर की ओर उछाल-2 कर अभी के लंड पर अपनी चूत पटकने लगी….
मे: आह अहह अहह बाबू जीए अहह बहुट्त्त मज़ा एयाया रहा हाईईइ..
अभी: एक बात बता…तुझे कभी मेरी याद नही आए…कभी वो रात को याद करके तेरी चूत ने पानी छोड़ा…जब तू इस तराहा अपनी गांद को उछाल-2 कर मेरा लंड अपनी चूत मे ले रही थी…
मे: हाआंन्नणणन् बबुऊ जीई बहुत्त्त्त याद्द्ड़ कियाअ आआआप कीयेयी इश्स मोटे लौदी कूऊ मेरीए ये कमीनी चूत्त्त्त्त आपके लंड को याद करक्की रोज पनीईई छोड़तिीई थी..
ओह्ह्ह्ह बाबू जीईए और ज़ोर सीई चोदू अहह अहह मेरी चूत के खुजलिइीइ मिटा दू…
मे अब पागलों के तराहा अपनी गांद को उछाल-2 कर अभी के लंड पर अपनी चूत को पटक रही थी…लंड का सुपाड़ा अंदर बाहर होता हुआ…मेरी चूत की दीवारों का रगड़ खा जाता…और मेरे पूरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी…
अभी: हान्ं राणििइ मेरी लौड़ीईए नी भीई टर्ररर चूत्त के बारे मे सोच सोच कर बहुत पानी बाह्या है….अब मेरा लौदा तेरी चूत और अपनी दोनो के प्यसस बुजयगा…
मे: हान्न्न बाबू जीए ओह्ह्ह्ह जितना मर्ज़ी चोदेयीए अहह अपने लंड के पानी सीई मेरीए चूत मे बारिश कर दूऊ…अहह मेरी चूत्त तो जैसे बरसों के प्याससी हाीइ…
अभी ने मेरे चुतड़ों को दोनो तरफ से पकड़ रखा था…और अभी ने अपनी उंगली मेरी गांद के छेद मे डाल कर अंदर बाहर करना चालू कर दिया…हल्का दर्द और गांद के छेद पर अजीब सी सिहरन दौड़ने लगी….मे और तेज़ी से अभी के लंड पर कूदने लगी..
मेरी चूत अब पानी छोड़ने के बिकुल करीब थी…और मे अब रुकना नही चाहती थी..
मे: हान्णन्न् अहह बबुऊउ जीईई और्र्रर जोर्र्र से लुंदड़ पेलूओ अहह और जोर्र्र से चोदूओ अहह मे झदेनन्न वाली हूँ…..
अभी ने मेरी गांद से उंगली निकाली…और चुतड़ों को कस के पकड़ कर पूरे जोश मे आकर अपना लंड मेरी चूत मे पेलने लगा…अभी के तटे मेरी गांद के छेद से टकराने लगे…और पूरे कमरे मे ठप-2 के आवाज़ गूंजने लगी…और 1 मिनट बाद मेरी चूत मे से पानी की धार छूट पड़ी….मे हाँफने लगी…मेरी चूत पानी से बिकुल भीग चुकी थी…अभी का लंड अभी भी तेज़ी से मेरी चूत के अंदर बाहर हो रहा था…लंड के अंदर बाहर होने से फतच-2 की आवाज़ हो रही थी….और फिर अभी ने आख़िरी धक्का मारा…लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के अंदर बच्चेदानी से जा कर सॅट गया…और एक एक करके..अभी का लंड वीर्ये की पिचकारियाँ छोड़ कर…मेरी बच्चेदानि को अपने गाढ़े पानी से भरने लगा…मे अभी के लंड को चूत मे लिए…उसके ऊपेर पसर गयी….थोड़ी देर बाद जब मेरी साँसें नॉर्मल हुई…तो मे अभी के ऊपेर से उठ कर उसकी बगल मे लेट गयी…
मे अभी के ऊपेर से उठ कर उसकी बगल मे लेट गयी…
मुझे आज भी अपने पर हैरानी हो रही थी…कि इस 25साल के लड़के मे ऐसा क्या जादू है…जो मे इसके सामने इसकी गुलाम बन जाती हूँ….और शरम हया की सारें हदें पार करके इसकी हर बात को मानने पर मजबूर हो जाती हूँ…मे अभी के बारे मे ज़्यादा कुछ नही जानती थी…मेने बातों-2 मे अभी को जानने की कॉसिश करने का फ़ैसला किया.
मे: बाबू जी एक बात पूछूँ (अभी के तरफ करवट करके लेटते हुए)
अभी: हां पूछ
मे: बाबू जी आप ने पहली बार ये सब कब किया था…
अभी: क्या किया था…सॉफ-2 बोलो..
मे: मतलब आप ने पहली बार किसी को कब चोदा था…क्या वो आप की कोई गर्लफ्रेंड थी…
अभी: क्या करोगी जान कर
मे: नही वैसे ही…जैसे आप मुझे चोदते हैं…ऐसी चुदाई तो कोई आम आदमी नही कर सकता…और आप की एज भी बहुत कम है…आप के साथ चुदाई करके ऐसे लगा…जैसे आप इसमे कई सालों से माहिर हो….बताओ ना साहब…
अभी: अच्छा ठीक है…सुनो जब मे 16 साल का था…तब पहली बार मेने सेक्स किया था…वो मेरे पड़ोस मे रहती थी…उसका नाम नीता था…और तब वो 24 साल की थी…और एक हॉस्पिटल मे नर्स का जॉब करती थी…
मे अभी के बात सुन कर एक दम हैरान रह गयी…मुझे अभी की बातों पर बिकुल भी यकीन नही हो रहा था…पर जिस तरह अभी चुदाई करने मे माहिर था…उसकी बात सही लग रही थी…
मे: बाबू जी अच्छे से बताओ ना…पूरी बात बताओ….
अभी: अच्छा ठीक है ठीक है….
तो सुनो ये आज से 8 साल पहले की बात है…जहाँ पर हम पहले रहते थे…उसी गली मे मेरा एक दोस्त था…उसका नाम ठिंकू था…ठिंकू मुझसे 3 साल छोटा था…वो इन सब बातों से बिकुल अंजान था…हम दोनो स्कूल से आने के बाद खेलते रहते थे…हम अक्सर उसके घर पर ही खेलते थे…क्योंकि उसके घर का आँगन बहुत बड़ा था…
उस समय मुझे भी सेक्स के बारे मे कुछ ज़्यादा पता नही था…बस इतना ही जानता था कि, लड़को के लंड होता है…और लड़कियो के चूत होती है…जिसमे लड़के अपना लंड डालते हैं..और लड़कियो को चोदते हैं….
मे अभी की बातों को बड़े ध्यान से सुन रही थी…
अभी: एक दिन की बात है…मे और ठिंकू उसके घर के आँगन मे खेल रहे थे…उसकी बेहन की छुट्टी थी…और उसकी मम्मी किसी रिस्तेदार के घर शादी मे गयी हुई थी…और चार पाँच दिन बाद आने वाली थी…हम खेल रहे थे…तभी नीता रूम से बाहर आई…और ठिंकू को पुकारने लगी…
नीता का रंग बिकुल गोरा था…उसकी बदन बिल्कुल पतला था…और चुचिया 36 साइज़ से ज़्यादा नही थी…उसकी कमर एक दम पतली थी…
नीता: ठिंकू चलो आ कर आपना होमवर्क कर लो…बहुत खेल लिया…
ठिंकू: बस दीदी थोड़ी देर और खेलने दो ना…मे अभी आता हूँ…
नीता: नही अभी अंदर चलो…नही तो पापा को बता दूँगी…
ठिंकू उदास सा मुँह लेकर रूम मे जाने लगा…दोपहर का टाइम था…मे जैसे ही घर पर वापिस जाने लगा…ठिंकू ने मुझे आवाज़ लगाई
ठिंकू: यार अभी रुक तो सही…मे थोड़ी देर मे होमवर्क कर लूँगा…फिर खेलते हैं…तूँ अंदर आ जा…
नीता: हन अभी तूँ अंदर आ जा…नही तो ये होमवर्क भी नही करेगा
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