RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................
आंटी ने हमे दोपहर को खाना खिलाया…पर मे जानती थी…कि मे यहाँ ज़यादा देर नही रुक सकती….तभी अचानक बैठे-2 मेरे दिमाग़ मे अभी का ख़याल आया…हो सकता है वो मेरे कुछ मदद कर दे…मे आंटी को ये बोल कर के मे किसी काम से बाहर जा रही हूँ…बाहर मार्केट मे आ गयी…और पीसीओ से अभी को फोन किया….
अभी: हेलो कॉन
मे: हेलो जी मे रचना बोल रही हूँ
अभी: कोन रचना…
मे: जी वो उस दिन मे वीनू दीदी के साथ….
अभी: ओह्ह अच्छा तुम….और सूनाओ कैसे याद किया….
मे: मुझे आप से कुछ काम था…
अभी: बोलो क्या बात है….
मे: नही फोन पर नही बता सकती….आप से मिल कर बात करूँगी
अभी: ठीक है…तुम्हें घर को तो पता है ना….घर पर आ जाओ…
मे: ठीक है…अभी आ जाऊ
अभी: हां आ जाओ मे घर पर ही हूँ….
मे पीसीओ वाले को पैसे दिए…और अभी के घर के तरफ चल पड़ी….अभी के घर पहुच कर मेने डोर बेल बजाई…थोड़ी देर मे अभी ने गेट खोला….
अभी: आओ अंदर आजाओ
मे अंदर आ गयी…अभी ने गेट बंद कर लिया…हम दोनो हाल मे आ गये…और मे अभी के साथ सोफे पर बैठ गयी…
अभी: हां बोलो क्या बात है…
मेने अभी को सारी बात बता दी….
मे: बाबू मे आपके पास बहुत उमीद लेकर आई हूँ…
अभी: देखो रचना मे तुम्हारे लिए कोई काम नही ढूँढ सकता…पर हां जब तक तुम चाहो मेरे घर मे रह सकती हो…तुम्हें यहाँ किसी चीज़ के कमी नही हो गी…
मे: मे आप का ये अहसान कभी नही भूलूगी…
अभी: देखो मे कोई अहसान नही कर रहा हूँ…वैसे भी मे घर पर किसी काम करने वाली औरत को ढूँढ रहा था…मेरी मम्मी पापा अमरेका मे रहते हैं…और अगर तुम घर का काम करो…तो ये समझ लेना तुम यहीं नौकरी कर रही हो…
मे : जैसे आप कहें…..
अभी: (मुस्करते हुए) घर के साथ -2 मेरा भी ख्याल रखोगी…?
मे: क्या
अभी: मेरा और मेरे लंड का….
मे कुछ ना बोल पे…बस एक मुस्कान के साथ मे सोफे से खड़ी हो गयी…
मे: ठीक है बाबू जी….पर मे आप से हाथ जोड़ कर विनती करती हूँ….मेरी बेहन के बेटी मेरे साथ है…उसके सामने मुझे शर्मिंदा तो नही करोगे ना…
अभी: तुम बेफिकर हो जाओ…
मे आंटी के घर वापिस आ गयी…और नेहा को साथ लेकर अभी के घर पर रहने आ गयी….मेने रास्ते मे नेहा को ये बताया के वीनू दीदी के रिस्तेदार के घर पर सॉफ सफाई का काम मिला है…आज से हम वहीं रहेंगी….और हां बाबू जी का ध्यान रखना…
जब मे नेहा को साथ लेकर अभी के घर पहुचि…तो अभी ने हमे एक रूम रहने के लिए दे दिया…उस रूम मे एक पलंग लगा हुआ था…जो मेरे और नेहा के सोने के लिए काफ़ी था…हमने अपना समान रखा…
अभी: आओ मे तुम्हें घर दिखा दूं….फिर तुम खाना बना कर खा लेना…और बाद मे सॉफ सफाई कर लेना…
मैने नेहा को रूम मे बैठने को कहा…और मे अभी के साथ बाहर आ गयी…अभी मुझे घर दिखाने लगा…घर मे नीचे 3 रूम थी…एक हॉल…और किचन था…दो रूम्स मे अटॅच बाथरूम था…जो रूम अभी ने हमे दिया था…उसमे बाथरूम नही था…और एक रूम लॉक था…और अभी का रूम ही बचा था..जिसमे अटॅच बाथरूम था
अभी: चलो अब तुम्हें ऊपेर के रूम भी दिखा दूं…वैसे तो रूम्स खाली है…और बंद रहते हैं…उनकी सफाई करने के ज़रूरत नही है…पर महीने मे एक दो बार कर दिया करना
मे : जी ठीक हैं
और मे अभी के साथ ऊपेर की मंज़िल पर आ गयी…ऊपेर काफ़ी अंधेरा था…पर बहुत ज़्यादा नही था…जैसे ही हम ऊपेर पहुचे…अभी मुझे एक रूम मे ले गया….उस रूम मे भी एक पलंग लगा हुआ था…मे अपने ध्यान मे रूम को देख रही थी…पर अचानक अभी ने पीछे से मुझे अपनी बाहों मे ले लिया…और मेरी चुचियो को मसलने लगा…मे एक दम से सकपका गयी…
मे: ओह्ह्ह बाबू जे क्या कर रहे हो….नेहा नीचे है…
अभी: तो क्या हुआ जानेमन नीचे ही है…ऊपर तो नही है…
और अभी ने मुझे अपनी तरफ घुमा कर मेरे होंटो पर अपने होंटो रख दिए…मे अभी के बाहों मे कसमसाने लगी…अभी मेरे होंटो को चूसे जा रहा था…अभी ने अपने हाथों को मेरी सारी के ऊपेर से मेरे चुतड़ों पर रख दिया…और मसलने लगा…मे एक दम से सिहर गयी….अभी ने अपने होंटो को मेरे होंटो से हटाया…
अभी: एक बात कहूँ नेहा….
मे: (शरमाते हुए) जी
अभी: मुझे और मेरे लंड को तेरी चूत के बहुत याद आई…तुझे कभी मेरे लौदा याद आया के नही….
मे एक दम से शर्मा गयी….
अभी: अच्छा अब नीचे चलो…और खाना बनाओ….किचन मे सारा समान है….
मे अभी के साथ नीचे आ गये…और किचन मे जाकर खाना बनाने लगी….खाना बनाने के बाद हमे खाना खाया…रात के 9 बज चुके थी…मे और नेहा अभी के रूम मे बेड के साथ नीचे कार्पेट पर बैठी मूवी देख रही थी…नेहा ने आज पहली बार ल्सीडी देखी थी…वो तो अपनी नज़रों को लसीडी पर गढ़ाए बैठी थी…अभी बेड पर आधा लेटा हमे देख रहा था…और अपने हाथ से अपने पाजामा के ऊपेर से अपने लंड को मसल रहा था…मे चोर नज़रों से अभी को देख रही थी…
अभी: एक ग्लास पानी मिलेगा
मे उठ कर किचन मे गयी….और एक ग्लास पानी ले कर अभी के पास आकर खड़ी हो गयी….नेहा बेड के दूसरी तरफ नीचे बैठ कर टीवी देख रही थी…उसकी पीठ हमारी तरफ थी…अभी ने मेरे हाथ से ग्लास लेया…और बहुत ही धीरे से बोला…
अभी: तुम आज यहीं सो जाओ…
मेने नेहा की तरफ इशारा किया….
अभी: वो तुम मुझ पर छोड़ दो….
मे आगे आकर नीचे बैठ गयी…रात के 11 बज चुके थे…मूवी ख़तम हो गयी थी…जैसे ही मे और नेहा उठ कर जाने लगी…
अभी: रचना आज मेरी तबीयत कुछ खराब लग रही है…तुम यही ज़मीन पर सो जाओ…मुझे पानी वगेरह दे देना…मुझे आराम रहेगा….
मे: कुछ नही बोली…और नेहा को साथ लेकर अपने रूम मे आ गयी…
मे: (कुछ देर सोचने के बाद) नेहा तुम सो जाओ…मे बाबू जी के रूम मे सो जाती हूँ…उनकी तबयत खराब है….
नेहा मुझे अजीब सी निगाहो से देखने लगी…आख़िर अब वो भी 13 साल की हो चुकी थी…और अब तक कुछ कुछ समझने लगी थी…पर वो कुछ नही बोली…और पलंग पर लेट गयी…मे रूम के लाइट ऑफ करके बाहर आ गयी…
मेरे दिल जोरों से धड़क रहा था…मे कंम्पते हुए कदमों के साथ अभी के रूम मे पहुच गये…अभी ने मुझे इशारे डोर लॉक करने को कहा…मेने डोर लॉक कर दिया…रूम मे बेड लॅंप के रोशनी चारो तरफ फेली हुई थी…
अभी ने मुझे बेड पर आने का इशारा किया…मे बेड की तरफ गयी….
अभी: एक काम कर अपनी सारी उतार दे…
मेने अभी की बात को मानते हुए…अपनी सारी उतार दी…अब मेरे बदन पर सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकॉट ही था…मेने नीचे ब्रा और पॅंटी भी नही पहनी हुई थी…मे बेड पर आ गयी…बेड पर आते हुए..अभी ने मुझे बेड पर पीठ के बल लेटा दिया…और मेरी चुचियो को मेरे ब्लाउस के ऊपेर से मसलने लगा…मे कसमसाने लगी…अभी मेरे ऊपेर आ गया…और मेरे होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूसने लगा…मेरे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गये…मे अभी के छूने भर से ही गरम हो चुकी थी…एक बार फिर से महीनो के बाद मेरी चूत को लंड मिलने वाला था…ये सोचते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया…
अभी अपने दोनो हाथों से मेरी चुचियो को मसलता हुआ…मेरे होंटो को चूस रहा था…मेरी बाँहे अभी की पीठ पर कस्ति चली गयी…मेरी साँसें गरम होने लगी थी..और दिल तेज़ी से धड़क रहा था…मस्ती के कारण मेरी आँखें बंद हो चुकी थी..
क्रमशः.................
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