RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
इस बार धक्का इतना जबरदस्त था…कि लंड एक ही बार मे मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर घुस्स गया…मे दर्द से चिल्ला उठी….
मे: हइईए माअररर डाअला बाबू धीरीईए ओह
पर अभी के ऊपेर मेरे चीखने का कोई असर नही हुआ…उसने मेरे खुले हुए बालों को पकड़ कर खींचा जिससे मेरी गर्दन ऊपेर की ओर हो गयी…और कमर अंदर हो गयी…और चूत पीछे बाहर आकर ऊपेर की तरफ हो गयी…अभी अपनी पूरी रफ़्तार से मेरी चूत को अपने मोटे लंड से चोदे जा रहा था…वो अपना पूरा लंड बाहर निकालता और फिर से पूरी ताक़त से लंड को चूत मे पेल देता…मे अब फिर से मस्त हो चुकी थी…और फिर से झड़ने के करीब थी….अभी का एक हाथ मेरी गांद पर था…जिसे उसने अपनी हथेली मे दबोच रखा था…अब मे भी उत्तेजित हो कर अपनी गांद को पीछे की तरफ पटकने लगी…दोनो तरफ से आग बढ़ चुकी थी…एसी चलने के बाद भी हम दोनो पसीने से भीग चुके थे….
अभी: आह ले साली ओर ले अहह तेरी चूत्त बहुत टाइट हॅयियी आज मे तेरी चूत का भोसड़ा बना दूँगा…
मे: हां अह्ह्ह्ह अहह अहह ओह बाबू जीई हां फद्द्द्दद्ड डूऊ मेरीए चूत्त्त्त आज पूरी रात मुझे चोद्द्द्द चोद्द्द्द्द कर मेरी चूत का भोसड़ा बना दो….
और ज़बरदस्त धक्को के कारण मेरी चूत ने फिर से पानी छोड़ दिया…..और अभी भी मेरी चूत मे झड़ने लगा….और कुछ देर लंड पेलने के बाद वो रुक गया…मे आगे की तरफ लूड़क गयी….और हाँफने लगी…पिछले दो घंटों मे मैं दो चार बार झाड़ चुकी थी…और तीन बार अभी के लंड ने मेरी चूत को अपने वीर्ये से भिगों कर निहाल कर दिया था….
अभी ने मेरी गांद पर हल्का सा थपद जड़ दिया…मेरे मुँह से आहह निकल गयी…मे सीधी हो कर लेट गयी…और अभी की तरफ देखने लगी…
अभी: सच मे आज तक जितनी भी रंडियो को चोदा है…इतना मज़ा किसी ने नही दिया…तेरी चूत ने मेरे लंड का सारा पानी निचोड़ लिया है…
अभी मेरे बगल मे लेट गया…मे अभी से सॅट गये…कुछ देर चुप लेटे रहने के अभी मेरे और मेरे परिवार के बारे मे पूछने लगा…नज़ाने क्यों मे अपनी कोई भी बात उससे छुपा नही पे…बस अपने और मेरे जेठ जी के बीच जो संबंध बने थे..मेने उसके बारे मे नही बताया…
उस रात अभी ने मुझे 3 बार और चोदा…उसकी जबरदस्त चुदाई का असर मुझे सुबह मालूम हुआ…जब मुझे मेरी चूत पर कुछ दर्द महसूस हुआ…मेरे चूत सूज गयी थी…और उसमे अजीब तरह की खुजली हो रही थी…
सुबह अभी ने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया…और बोला अगर फिर से मिलने का इरादा हो…तो मुझे फोन कर लेना…पर मे कुछ नही बोली और नंबर. की स्लिप लेकर अपनी ब्रा के अंदर डाल ली..और वीनू दीदी के साथ घर आ गयी…वीनू दीदी ने मुझे 2000 रुपये दिए…
वीनू: देख रचना मे जानती हूँ…तू एक अच्छी औरत है…पर मे तुझे एक सलाह देती हूँ…तू एक दो महीने यहीं रुक जा…तूँ बहुत पैसा कमाएगी….
मे: नही दीदी मे ये काम नही कर सकती….कल तो मे आप के खातिर चली गयी थी….पर अब और नही…अब मे अपने गाँव वापिस जाना चाहती हूँ
वीनू: चल ठीक है….जैसी तेरी मर्ज़ी
उस दिन मेने अपने पति को पैसे दिए….और ये बोला के वीनू दीदी ने मदद की है….गोपाल ट्रेन के टिकेट लाने चले गये….और अगले दिन हम अपने गाँव के लिए निकल पड़े….
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