RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
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गतान्क से आगे.....................
मे एक दम मस्त हो गयी…धीरे-2 अभी के लंड का सुपाड़ा भी मेरी चूत के पानी से गीला हो कर चिकना हो गया…और अभी हर धक्के के साथ 1 इंच लंड को और मेरी चूत मे पेल देता…मेरी चूत की दीवारें मुझे अभी के लंड पास कसी हुई महसूस हो रही थी…उसने मेरे हाथों को छोड़ दिया…और घुटनो के बल बैठ कर मेरी जाँघो को उँचा कर दिया…और एक के बाद एक 3-4 जोरदार धक्के मार कर अपना मोटे गधे जैसे लंड को मेरी चूत मे जड़ तक घुसा दिया…लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के अंदर बच्चे दानी मे जाकर धँस सा गया….मेरी चूत ने मस्ती मे आकर और पानी छोड़ दिया…
मे: अहह अहह ओह उंम्म्माआ मररर्र्र्र्र्ररर दलाआ रीईई अहह धीरीईई धीरीईई
अभी मेरे ऊपेर झुक गया…और मेरी चुचि को मुँह मे लेकर चूसने लगा…दूसरे हाथ से वो मेरी दूसरी चुचि को मसल रहा था…मेरे बदन मे आग सी लग चुकी थी…और मेने नीचे से अपनी चूत को ऊपेर की ओर उछालना चालू कर दिया था…मुझे वासना के नशे मे मदहोश होता देख, अभी ने अपने लंड को धीरे-2 बाहर निकाला…जब लंड सुपाडे तक बाहर आ गया…तो वो रुक कर मेरी चुचि को चूसने लगा…
मेरी चूत अभी के मोटे लंड को फिर से अपने अंदर लेने के लिए फुदकने लगी…और मेरी कमर अपने आप ही ऊपेर की तरफ उछल पड़ी…लंड का सुपाड़ा चूत की कसी हुई दीवारों पर रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुसने लगा….और जैसे ही फिर से पूरा लंड मेरी चूत मे घुस्सा और मेरी बच्चे दानी से टकराया, मेरे होंटो पर कामुक और सन्तुस्ति से भरी मुस्कान फेल गयी…मेरे होन्ट कंम्पने लगे… और मुँह से उंह आहह सीईईईई की आवाज़ निकल गयी, जो मेरी मस्ती को बयान कर गयी…अभी ने मेरे थरथरा रहे होंटो को अपने होंटो मे ले लिया…और वो मेरे होंटो को निचोड़-2 कर चूसने लगा…मेरी कमर नीचे से रह-2 कर झटके खा रही थी…अभी ने फिर से धीरे-2 अपनी गांद को ऊपेर करना चालू कर दिया…लंड का सुपाड़ा फिर से चूत की दीवारों पर बुरी तराहा रगड़ ख़ाता हुआ बाहर आने लगा…
अब एक बार फिर से अभी का लंड मेरी चूत के बाहर था…बस लंड का सुपाड़ा ही मेरी चूत के छेद मे फँसा हुआ था…मेरी चूत की फाँकें उस को कस रही थी…मेरी चूत के फाँकें जैसे उसे वापिस अंदर लेने के लिए सिकुर और फेल रही थी…
अब एक बार फिर से अभी का लंड मेरी चूत के बाहर था…बस लंड का सुपाड़ा ही मेरी चूत के छेद मे फँसा हुआ था…मेरी चूत की फाँकें उस को कस रही थी…मेरी चूत की फाँकें जैसे उसे वापिस अंदर लेने के लिए सिकुड और फेल रही थी…
अभी ने मेरे होंटो पर फिर से अपने होंटो को हटा लिया…और मेरे तरफ देखने लगा…मे आँखें बंद किए तेज़ी से साँसें ले रही थी, मेरे होन्ट थोड़ा सा खुले हुए थे..और कांम्प रहे थे…लंड का सुपाड़ा चूत के मुँह पर था…जिससे मेरी चूत मे उसे दोबारा फिर से अंदर लेने के लिए खुजली होने लगी…मेने अपने हाथों से बेड शीट को कस के पकड़ लिया…और अपने होंटो को अपने दाँतों मे भींच कर अपनी चूत को ऊपेर के तरफ उछाला…लंड फतच-2 की आवाज़ से फिर से मेरी चूत के गहराईयो मे उतर गया….अभी ने अपना वजन मुझ पर डाल दिया…जिससे मेरी गांद फिर से नीचे बिस्तर पर लग गयी…नीचे बेड शीट मेरी चूत के पानी से गीली हो चुकी थी…
अभी के लंड के मोटे सुपाडे को फिर से अपनी चूत के गहराईयो मे महसूस करके…फिर से मेरे मुँह से अहह सीईईईईईईईई निकल गया…और अपने होटो को अपने दाँतों से काटने लगी…
अभी मुझे ऐसे लंड के लिए तरसता देख कर मुस्करा रहा था…मे शर्मा भी रही थी…पर अभी के मोटे लंड को अपनी चूत मे लेने की चाहत मे ब्लिकुल किसी रंडी के तराहा पेश आने लगी थी….
अभी ने फिर से अपने लंड को बाहर निकालना चाहा…पर मुझ से बर्दास्त नही हुआ…मेने बेड शीट को छोड़ दिया…और अपनी बाहों को अभी के पीठ पर कस लिया….और टांगो को अभी के चुतड़ों पर चढ़ा कर कस लिया…
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