RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
मेने बिना कुछ बोले अपने हाथों को ऊपेर करके सर के पीछे कर लिया….जिससे मेरे अमृत कलश उसे दिखने लगे…मेने बगल के बाल भी सुबह ही सॉफ किए थे…उसने अपना बैठे-2 अपना हाथ बढ़ा कर मेरी सलवार का नडा पकड़ कर लिया…मेने उसे अपने हाथ नीचे करके रोकना चाहा….मेने उसके हाथों को पकड़ लिया….
मे: नही प्लीज़ पहले आप लाइट बंद कर दो…मुझे बहुत शरम आ रही है….
अभी: चल हाथ हटा (मुझे हाथ ना हटाते देख वो फिर से गुस्से से बोला) सुना नही क्या
मेने अपने हाथों को फिर से ऊपेर कर लिया…और उसने मेरे सलवार के नडे को खींच दिया…नडा खुलते ही मेरी सलवार ढीली होकर मेरे जाँघो तक उतर कर मेरी जाँघो मे अटक गयी….उसने मेरी सलवार को पकड़ कर फिर से खींचा….अब मेरी सलवार मेरे पैरों मे पड़ी थी…और मे ब्लॅक कलर के पॅंटी मे उसके सामने अपनी आँखें बंद किए खड़ी थी…उसने फिर से मेरी सलवार को खींचा, ताकि वो उसे मेरे पैरो से निकाल सकें…मेने एक एक करेके अपने दोनो पैरों को बारी-2 ऊपेर उठाया…जिससे उसने मेरी सलवार को मेरे पैरो से निकाल कर एक तरफ फेंक दिया…
अभी: चल अब घूम जा….
मे घूम गयी…अब मेरी पीठ उसकी तरफ थी…मेरे दिल की धड़कन बहुत तेज़ी से चल रही थी…और आने वाले पलों के बारे मे सोच सोच कर कांम्प रही थी…वो मेरे पीछे खड़ा हो गया…हम दोनो उस बेड पर खड़े थे…मेरा मुँह दीवार की तरफ था.
उसने मेरे चुतड़ों को दोनो हाथों मे पकड़ लिया….और मसलना चालू कर दिया….मेरे पूरे बदन मे सिहरन दौड़ गयी…वो बिल्कुल मेरे जेठ जी के तराहा मेरे चुतड़ों को मसल रहा था…पर इस बार अपने से कई साल छोटे लड़के से चुतड़ों को मसलने पर कुछ और ही मज़ा आ रहा था…उसने अपने होंटो को मेरी नंगी पीठ पर रख दिया…और मेरी पीठ को चूमने लगा..मेरे मुँह से आह निकल गयी…मेने अपनी हथेलियो को दीवार से सटा लिया….वो मेरी पीठ के हर हिस्से को चूम रहा था…चाट रहा था…मे मस्ती मे आने लगी…मे दबी हुई सिसकारिया भरने लगी…नीचे वो अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को मेरी पॅंटी के ऊपेर से मसल रहा था…
फिर उसने थोड़ी देर बाद मेरी पॅंटी को दोनो साइड से पकड़ कर नीचे कर दिया….मेने शरम और डर के मारे अपनी जाँघो को भींच लिया…पर तब तक मेरी पॅंटी मेरे पैरो मे पड़ी थी…उसने मेरी पॅंटी को निकाल कर एक तरफ फेंक दिया…मे तेज़ी से साँसें ले रही थी…हाथ पैर काँप रहे थे…
अभी: नीचे बैठो…
मे अपनी चुचियो को अपने हाथों से छुपाए हुए नीचे बैठ गयी….उसने अपना अंडरवेर उतार कर एक तरफ फेंक दिया था…जैसे ही मेने आँखें खोली…तो मेरी जान जैसे मेरे हलक मे अटक गयी हो…सामने अभी अपना 8 इंच लंबा और मोटा लंड हाथ मे पकड़ कर हिलाता हुआ मेरी तरफ देख कर मुस्करा रहा था….मेने अपना फेस दूसरी तरफ कर लिया…
अभी: क्या हुआ पसंद नही आया…छोटा है…
मे: (दीवार की तरफ देखते हुए) नही बहुत बड़ा है (मेरे आवाज़ लड़खड़ा रही थी)
अभी: देखना जब मेरा लाउडा तुम्हारी फुददी मे जाएगा…तो तू उछल-2 कर मेरे लौदे से अपनी फुददी को चुदवायेगी…
मे अभी की बातों को सुन कर झेंप गयी…
अभी: चल ना पकड़ इसे हाथ मे लेकर थोड़ा सहला तो सही…..
मे: अब तो लाइट बंद कर दो….अब तो जो तुमने देखना था, देख लिया…..
अभी मेरे बात सुन कर बेड से नीचे उतर गया….और लसीडी ऑन कर ली….टीवी पर सॉंग्स चल रहे थे…हलकी आवाज़ कर उसने लाइट ऑफ कर दी…और बेड के पास आकर बेड लॅंप ऑन कर दिया, और फिर जाकर लाइट ऑफ कर दी…रूम मे लाइट तो कम हो गयी थी…पर लसीडी और बेड लॅंप की लाइट रूम मे फेल गयी थी….
मे: इन्हे भी बंद कर दो (शरमाते हुए)
अभी: अब इनको तो रहने दो….इतनी से रोसनी तो होनी चाहिए…ताकि मे तुम्हारी फुद्दि का छेद देख सकूँ…
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