RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
हम दोनो पैदल चलने लगी…वीनू दीदी ने फिर से मोबाइल से अभी का नंबर डाइयल किया….
वीनू: हां अभी…हम पहुच गये हैं….गेट खोल दो….
और वीनू दीदी ने फोन काट दिया…और थोड़ी ही देर मे हम, एक बड़े से आलीशान घर के सामने खड़े थे…जैसे ही हम गेट पर पहुचे…गेट खुल गया…अंदर अंधेरा था…
अभी: (अंदर से) वीनू आंटी अंदर आ जाओ
मे वीनू दीदी के पीछे अंदर आ गयी….घर के अंदर हाल के बाहर भी एक बड़ा सा डोर लगा हुआ था..अभी ने डोर खोला और हमे अंदर बुला लिया…अंदर लाइट्स जल रही थी…वीनू बहुत ही मोटी थी…इस लिए थोड़ा सा चलने के कारण ही थक गयी….और जाते ही हाल मे लगे सोफे पर पसर गयी….
वीनू: हाए ओह्ह कितनी गर्मी है बाहर…और तू बता तेरा लाउडा किसी भी टाइम खड़ा हो कर चूत माँगने लग जाता है…और रात को मुझे परेशान करता है….
मे वीनू दीदी के मुँह से ऐसे बात सुन कर एक दम शर्मा गयी…और अपनी नज़रें नीचे कर ली…वैसे तो वीनू दीदी बहुत ही खुले विचारो वाली औरत थी….और मे उसके मुँह से ऐसी बातों को सुनने की आदि हो गयी थी…पर किसी अंजान के सामने ऐसी बात सुन कर मे एक दम शर्मा गयी…
वीनू: अर्रे रचना तू वहाँ क्यों खड़ी है…आ बैठ ना….
मे शरमाते हुए दीदी के पास जाकर सोफे पर बैठ गयी….अभी किचन मे चला गया…और दो ग्लास जूस लेकर वापिस आ गया….अभी ने हमे जूस दिया…थोड़ी देर वो वीनू से कुछ बात करता रहा…रात के 10 बज रहे थे…वीनू ने मुझे उठ कर आने के इशारा किया…मे वीनू दीदी के पीछे-2 चली गयी…वो मुझे अभी के बेड रूम मे ले गयी…और मुझे बेड पर बैठा दिया…
वीनू: देख अब मुझे निराश मत करना…अभी मेरा बहुत बड़ा कस्टमर है…उसको अच्छे से खुस कर देना…ज़्यादा शरमाना नही…मे उसे भेजती हूँ…
मे: पर आप यहाँ रुकेंगी ना रात को
वीनू: हां री यहीं रुकूंगी…मे साथ वाले रूम मे सो जाउन्गि….
और वीनू चली गयी…अभी ने उसके सोने का इंतज़ाम कर दिया था….और बाहर के गेट को लॉक करके हाल के डोर को भी लॉक कर दिया…मे अभी के रूम मे बैठी सब देख रही थी…अभी ने हॉल की लाइट्स ऑफ कर दी..और रूम की तरफ आने लगा…मेरे दिल की धड़कने एक दम से बढ़ गयी…मे क्या करूँगी…कैसे करूँगी…मे यही सोच सोच कर घबरा रही थी…कि कही वो मुझे बाकी रंडियो की तरह तो पेश नही आएगा..
अभी 25 साल का एक बहुत ही हॅंडसम लड़का था..हाइट करीब 5,8 इंच गोरा रंग अच्छी कसी हुई बॉडी…कुल मिला कर उस पर कोई भी लड़की मर मिट सकती थी…वो रूम मे आ गया…और अंदर आते ही उसने डोर को लॉक कर दिया…उसने टीशर्ट और शॉर्ट्स पहना हुआ था…अंदर आने के बाद वो बेड के दूसरी तरफ बैठ गया….और अपनी टीशर्ट उतारने लगा…
मे बेड के किनारे बैठी उसको चोर नज़रों से देख रही थी…जैसे ही उसने अपनी टी उतारी…मेरी नज़र उसके गोरे बदन पर ठहर गयी…फिर उसने खड़ा हो कर अपनी टीशर्ट को टेबल पर रख दिया…और अपने शॉर्ट्स को उतार दिया…उसकी कसी हुई जांघे देख मेरा दिल जोरों से धड़कने लगा…शॉर्ट्स उतारने के बाद वो बेड पर आकर लेट गया…मेरे साँसे तेज़ी से चल रही थी…पूरे घर मे शांति छाई हुई थी…मे अपने तेज़ी से धड़क रहे दिल की धड़कनो को भी सॉफ-2 सुन पा रही थी…थोड़ी देर लेटने के बाद अभी बोला
अभी: तुम्हारा नाम क्या है…
मे: जी रचना
अभी: रचना बहुत ही प्यारा नाम है…इधर आओ
मे बेड के किनारे बैठी थी…मेरी पीठ अभी की तरफ थी…बेड काफ़ी बड़ा था…अभी बेड के दूसरे किनारे दीवार की तरफ लेटा था…जैसे ही उसने मुझे ऊपेर आने को कहा. मेरे दिल की धड़कन और तेज हो गयी…मेरे गाल शरम के मारे लाल हुए जा रहे थे.
क्रमशः.................
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