Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
11-15-2018, 12:15 PM,
#3
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
गतान्क से आगे.....................

अचानक उन्होने अपने होंटो को मेरे पॅंटी के ऊपेर से हटा लिया…मेरे पॅंटी मेरी चूत के पानी से एक दम गीली हो चुकी थी…..उसने मेरे तरफ देखते हुए, अपने हाथों से मेरे चुतड़ों को पॅंटी के ऊपेर से कस के मसल दिया…मेरा बदन एक दम एन्थ गया…फिर वो एक दम से खड़ा हुआ…और मेरे हाथ को अपने फन्फनाते लंड पर रख दिया… मेरी साँसें इतनी तेज़ी से चल रही थी..कि मे बता नही सकती…उनके मोटा लंड किसी लोहे के रोड के तरह दहक रहा था…मेरे हाथ अपने आप उसके 7 इंच के लंड पर कसते चले गये…मेरे सारी अभी भी मेरे कमर पर अटकी हुई थी…उसने मुझे अपने बाहों मे भर कर अपने से चिपका लिया… और मेरे चुतडो को दोनो हाथों से पकड़ कर मसलने लगे…मेरी साँसे तेज़ी से चल रही थी…और उन्होने ने अचानक मेरे होंटो पर अपने होंटो को रख दिए….मे एक दम से मचल उठी…..और छटपटाने लगी….पर उनके हाथ लगातार मेरे चुत्डो को सहला रहे थी…जिसे मेरे विरोध करने के शक्ति लगभग ख़तम हो चुकी थी…उन्होने मेरे होंटो को 2 मिनट तक चूसा… ये मेरा पहला चुंबन था…फिर उन्हें ने अपने होंटो को हटाया और पीछे हट गये…

विजय: मे आज दोपहर 12 बजे तुम्हारा इंतजार करूँगा … तुम्हारी जेठानी आज अपने मयके जा रही है और बच्चे स्कूल मे होंगे…मे तुम्हारा इंतजार करूँगा

मे बिना कुछ बोले अपने रूम मे चली गये….थोड़ी देर बाद बाहर आकर मे फिर से घर के पीछे चली गयी… विजय जा चुका था…मेने दूध ढाया और वापिस आकर नाश्ते के तैयारी करने लगी…नेहा को तैयार करके मेने स्कूल बेज दिया…मेरा दिल कही नही लग रहा था…जेठ जी ने मेरी ऊट की आग को इतना बढ़ा दिया था… के बार-2 मेरा ध्यान सुबह हुए घटनाओ पर जा रहा था…जैसे -2 12 बजे का टाइम नज़दीक आ रहा था मेरे दिल के धड़कन बढ़ती जा रही थी…

जैसे -2 12 बजे का टाइम नज़दीक आ रहा था मेरे दिल के धड़कन बढ़ती जा रही थी…मुझे आज भी ठीक से याद है…मेने घड़ी देखी 12 बजने मे 15 मिनट बाकी थी…तभी मेरी सास मेरी कमरे मे आई…

सास: बहू सुन हम खेतों मे जा रहे हैं दरवाजा बंद कर लो…मे उठ कर बाहर आ गयी और सास ससुर के जाने के बाद मेने डोर बंद कर दिया…और फिर से अपने रूम मे आ गयी…जेठ जी का और हमारा घर साथ – 2 मे था पहले तो पूरा आँगन इकट्ठा था…पर जब मेरी शादी हुई उसके बाद जेठ जी ने घर का बटवारा करवा दिया था…और घर के अंगान के बीचों बीच एक दीवार बनवा दी थी….दीवार 7 फुट की थी…मुझे इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नही था…कि अगर मे नही गयी तो , वो दीवार फंद कर आ जाएगें…मे अपने कमरे मे सहमी सी बैठी थी…और अपने आप कोष रही थी…काश मे अपने सास ससुर के साथ खेतों मे चली जाती…तभी मेरा ध्यान किसी आहट से टूटा…मे जल्दी से उठ कर बाहर आई तो देखा विजय वहाँ पर खड़ा था…उसने सिर्फ़ बाणयान और धोती पहन रखी थी…मेरा दिल डर के मारे जोरों से धड़कने लगा…मे अपने कमरे के तरफ वापिस भागी और डोर को बंद करने लगी…पर विजय ने तेज़ी से डोर को पकड़ लिया…और पीछे धकेल दिया….मे गिरते-2 बची….उसने अंदर आते ही डोर बंद कर दिया…और मेरी तरफ बढ़ने लगा…मेरी तो जैसे जान निकली जा रही थी…मेरे समझ मे नही आ रहा था…कि आख़िर मे करूँ तो किया करूँ….विजय ने आगे बढ़ते हुए अपनी बानयन निकाल कर चारपाई पर फेंक दी…और फिर मेरी तरफ देखते हुए आगे बढ़ने लगा…मे उसको अपनी तरफ बढ़ता देख पीछे हटने लगी…और आख़िर मे पीछे जगह ख़तम हो गयी…मे चारपाई के एक तरफ खड़ी थी…. मेरी पीठ दीवार से सॅट गयी…उसने मेरी तरफ बेहूदा मुस्कान से देखते हुए अपनी लूँगी को निकाल कर नीचे फेंक दिया…उसका 7 इंच का तना हुआ लंड मेरे आँखों के सामने था…जो हवा मे झटके खा रहा था…मेने अपनी नज़रें घुमा ली…मेरी कुछ बोलने की हिम्मत भी नही हो रही थी…वो मेरे बिकुल पास आ गया….मे उसकी साँसों को अपने फेस और होंटो पर महसूस कर रही थी…जैसे ही उसने मेरा हाथ पकड़ा मेने उसका हाथ झटक दिया

मे: देखो भाई साहब मे आप की इज़्ज़त करती हूँ…अगर आप अपनी इज़्ज़त चाहते है…तो यहाँ से चले जाओ…नही तो मे दीदी(जेठानी) को बता दूँगी

विजय: बता देना जान जिसे बताना है बता देना…पहले एक बार मेरे इस लंड की प्यास अपनी चूत के रस से बुझा दो…फिर चाहे तो जान ले लेना…

और विजय ने मेरे हाथ को पकड़ कर अपने लंड के ऊपेर रख लिया…और मेरे हाथ को अपने हाथ से थाम कर आगे पीछे करने लगा…मेरे हाथ लंड पर पड़ते ही मुझे एक बार फिर करेंट सा लगा….हाथ पैर कंम्पने लगे…साँसें एक दम से तेज हो गयी…

विजय: आह अहह तुम्हारे हाथ कितने मुलायम हैं, मज़ा आ गया….

फिर जेठ जी ने अपना हाथ मेरे हाथ से हटा लिया…और अपना एक हाथ मेरी कमर मे डाल कर अपनी तरफ खींच के, अपनी छाती से सटा लिया…और दूसरे हाथ को मेरे गाल्लों पर रख कर अपने उंगुठे से मेरे होंटो को धीरे से मसलने लगे….मेरे बदन मे मस्ती के लहर दौड़ गयी…ना चाहते हुए भी मुझे मस्ती से चढ़ने लगी…मुझे इस बात का ध्यान भी नही रहा के मेरा हाथ अभी उनके लंड को सहला रहा है…मेरा हाथ उतेजना के मारे उनके लंड के आगे पीछे हो रहा था….

विजय: हां ऐसे ही हिलाती रहो….अहह तुम्हारे हाथों मे तो सच मे जादू है….ओह्ह्ह्ह हां ऐसे ही मूठ मारती रहो….

जैसे ही ये शब्द मेरे कानो मे पढ़े…मुझे एक दम से होश आया….और मेने अपना हाथ लंड से हटा लिया…और शर्मा कर सर को झुका लिया…उन्होने मेरे फेस को दोनो हाथों मे लेकर ऊपेर उठया….

विजय: रचना तुम बहुत खूबसूरत हो, मेने जब तुम्हें पहली बार देखा था…मे तब से तुम्हारा दीवाना हो गया…

मेरे पति ने ना तो आज तक मेरे तारीफ कभी की थी…और ना ही मेरे बदन के किसी हिस्से को प्यार किया था…मे जेठ जी के बातों मे आकर जज्बातों मे बहने लगी…जेठ जी ने मेरे सारी के पल्लू को पकड़ नीचे कर दिया…और मेरी चुचियो को हाथों से मसलना चालू कर दिया…मे कसमसा रही थी…पर मे अपना काबू अपने ऊपेर से खोती जा रही थी….उन्होने ने अचानक मुझे चारपाई पर धकेल दिया….और मेरे सारी और पेटिकॉट को एक झटके मे ऊपेर उठा दिया…इससे पहले के मे संभाल पाती…उन्होने ने मेरी पॅंटी को दोनो हाथों से पकड़ कर खींच दिया…और मेरे टाँगों से निकाल कर नीचे फेंक दिया…मे एक दम से सकपका गयी…और अपनी सारी को नीचे करने लगी…पर जेठ जे ने मेरे दोनो हाथों को पकड़ कर सारी से हटा दिया…और अपना मुँह खोल कर मेरी चूत पर लगा दिया….मेरे बदन मे मस्ती के लहर दौड़ गयी….आँखें बंद हो गयी….मुझ से बर्दाश्त नही हुआ…और मेरी कमर अपने आप उचकने लगी..

मे: नही भाई सहह नही नहियीई ईीई आप क्या कर रहीईई हूओ अहह अहह सीईईईईई उंह नहिी ओह ओह नहियीई

मेरी कमर ऐसे झटके खा रही थी…के देखने वाले को लगे के मे अपनी चूत खुद अपने जेठ के मुँह पर रगड़ रही हूँ…..उन्होने मेरे टाँगों को पकड़ कर मोड़ कर ऊपेर उठा दिया….जिससे मेरी चूत का छेद और ऊपेर की ओर हो गया…वो अपनी जीभ को मेरी चूत के छेद के अंदर घुस्सा कर चाट रहे थे…मे एक दम मस्त हो चुकी थी…मेरी चूत से पानी आने लगा…मे अपने हाथों को अपने जेठ जी के सर पर रख कर…उन्हें पीछे धेकालने की नाकाम कॉसिश कर रही थी…पर अब मे विरोध करने के हालत मे भी नही थी…उन्होने अपने दोनो हाथों को ऊपेर करके मेरे चुचियो को दोबच लिया….और ज़ोर ज़ोर से मसलने लगे….मे मस्ती के मारे छटपटा रही थी…मेरी चूत के छेद से पानी निकल कर मेरे गांद के छेद तक आ गया था…उन्होने ने धीरे-2 मेरे ब्लाउस के हुक्स खोलने चालू कर दिए….मे अपने हाथों से उनके हाथों को रोकने के कॉसिश की…पर सब बेकार था…मे बहुत गरम हो चुकी थी…एक एक कर के मेरे ब्लाउस के सारी हुक्स खुल गये…और मेरी 36 सी की चुचिया उछल कर बाहर आ गयी… मेने नीचे ब्रा नही पहनी हुई थी…उन्होने ने मेरी चुचियो के निपल्स को अपने हाथों की उंगलयों के बीच मे लेकर मसलना चालू कर दिया….मेरी चुचियो के काले निपल एक दम तन गये…अब मेरे बर्दास्त से बाहर हो रहा था….मे झड़ने के बिकुल करीब थी…मेरी सिसकारियाँ मेरी मस्ती को बयान कर रही थी….अचानक उन्होने ने मेरी चूत से अपना मुँह हटा लिया….और ऊपेर आ गये…और मेरे आँखों मे देखते हुए अपने लंड के सुपाडे को, मेरी चूत के छेद पर टिका दिया….जैसे ही उनके लंड का गरम सुपाड़ा मेरी चूत के छेद पर लगा मेरा पूरा बदन झटका खा गया….और बदन मे करेंट सा दौड़ गया

विजय: कैसा लगा जानेमन मज्जा आया के नही….
Reply


Messages In This Thread
RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी - by sexstories - 11-15-2018, 12:15 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,515,598 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 545,997 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,238,184 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 936,100 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,662,061 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,088,294 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,963,168 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,095,242 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,047,725 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 286,297 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 11 Guest(s)