Chodan Kahani छोटी सी भूल
11-13-2018, 12:49 PM,
RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
“मुझे पता है जतिन का मतलब क्या है ऋतु, और इस नाम के गुण बचपन से मेरे अंदर हैं” --- मैने कहा.

“अछा चलो छ्चोड़ो, मुझे अब ये बताओ की तुम कौन सी दुनिया में चले गये थे कि अपनी दीदी को भी देखने नही आए” --- ऋतु ने गंभीर हो कर कहा.

“ठीक है ऋतु तुम्हे आज सब कुछ बताउन्गा, ये भी बताउन्गा की मैं कहाँ था और अपनी जींदगी के बारे में भी बताउन्गा, चलो किशी रेस्टोरेंट में चलते हैं, बात लंबी है, यहाँ खड़े खड़े थक जाएँगे” --- मैने कहा.

“ठीक है मैं शुन-ना चाहती हूँ बिल्लू….म्म मतलब जातीं…… सॉरी आगे से तुम्हे बस जतिन ही कहूँगी, लेकिन यहीं बात करेंगे, रेस्टोरेंट जाने में वक्त लगेगा, मैं और इंतेज़ार नही कर सकती” --- ऋतु ने कहा.

“पहली बार मेरी जान इतने प्यार से मिली है, रेस्टोरेंट तो तुम्हे ले जाना ही पड़ेगा, चलो ना प्लीज़ आराम से बात करेंगे” --- मैने कहा

“क्या मैं तुम्हारी जान हूँ जतिन” --- ऋतु ने मेरी ओर देख कर पूछा.

“हां ऋतु, यू आर माइ लाइफ, इनफॅक्ट यू आर माइ गॉड, तभी तो मैं आज फिर यहाँ खींचा चला आया, और भगवान का चमत्कार देखो आज तुम मेरे शामने आँखो में प्यार ले कर खड़ी हो. वी आर इन लव, हैं ना ऋतु” ---- मैने कहा

“तुम मुझे पहले ये बताओ कि कहाँ थे तुम? , बाकी की बाते बाद में करेंगे. थोड़ी देर खड़े रह कर तक नही जाएँगे, जल्दी बताओ, कहाँ थे” ---- ऋतु ने कहा.

मैने फिर ऋतु को रेस्टोरेंट के लिए इन्सिस्ट नही किया. हम दोनो वहीं दीवार के साथ एक दूसरे की और मूह करके खड़े हो गये.

“ऋतु मैं 8 मार्च को बहुत दुखी मन से तुम्हारे घर से चला था. अगले दिन की देल्ही की टिकेट बुक करवा रखी थी. पर किशमत को कुछ और ही मंजूर था. मैं देल्ही जाने की बजाए पुणे पहुँच गया” ---- मैने कहा

“पुणे !! पुणे क्या करने गये थे” ---- ऋतु ने पूछा

ये एक अलग ही कहानी है. बचपन से मैं थोड़ा स्पिरिचुयल रहा हूँ. अक्सर शांत जगह देख कर मैं आँखे बंद करके बैठ जाता था. तुम्हे ये बात थोड़ी अजीब लगेगी लेकिन ये सच है.

एक बार स्कूल में हिस्टरी के टीचर ने भगवान बुद्ध की कहानी शुनाई थी. उस कहानी की कुछ ख़ास पंक्तियाँ मुझे आज तक याद हैं.

कहानी के अनुशार भगवान बुद्ध को बोध्वृक्षा के नीचे एंलीगटेनमेंट हुई थी. मेरे मन में बचपन से ये सवाल बार बार आया है कि क्या है ये एनलाइटनमेंट.

पता तो कुछ था नहीं. मैं अक्सर शांत जगह देख कर चुपचाप आँखे बंद करके बैठ जाया करता था. क्योंकि मैने शुना था कि भगवान बुद्ध भी आँखे बंद करके बैठा करते थे. पर कभी कुछ ख़ास अहसाश नही हुवा.

जब भी आँखे बंद करता था तो बस अंधेरा ही दीखता था. वैसे बचपन में इतना कुछ पता भी नही था मेडिटेशन के बारे में. लेकिन पता नहीं क्यों मैं फिर भी कुछ ना कुछ ट्राइ करता रहता था

दीदी जब मुझे कभी ऐसी हालत में देखती थी तो कहती थी, “जतिन क्या कोई झोलाचाप बाबा बन-ने का इरादा है, चलो पढ़ाई करो”

दीदी अक्सर मुझे जतिन कह कर ही बुलाती थी. वैसे हर कोई मुझे बचपन से बिल्लू कह कर ही बुलाता है

मैने ओशो की मॅडिटेशन प्रॅक्टिसस के बारे में काफ़ी शुन रखा था. पर कभी किशी जगह जा कर ट्राइ नही किया था.

जब मैं उस दिन तुम्हारे घर से निकला था तो मन बहुत ज़्यादा उदास था. देल्ही जाने का बिल्कुल मन नही था. और मैं मुंबई में रुक कर तुम्हे और ज़्यादा परेशान नही करना चाहता था.

पुणे में जो ओशो आश्रम है उशके बारे में काफ़ी शुन रखा था. मन में अचानक एक विचार आया की चलो पुणे चलता हूँ और कुछ मॅडिटेशन सीखता हूँ, शायद दुखी मन को कुछ शांति मिल जाए.

मैने जींदगी में तुम्हे बर्बाद करने के अलावा कोई बुरा काम नही किया. पर तुम्हे बर्बाद करना ही मेरा सबसे बड़ा पाप बन गया. अगर उस वक्त तुम मुझे अपना लेती तो मेरे दिल का बोझ हल्का हो जाता, पर ऐसा हो नही पाया. तुम्हे पाने की उम्मीद खो चुका था. ऐसे में मेडिटेशन में मुझे रोशनी की एक किरण नज़र आ रही थी.

मैने शुन रखा था कि मेडिटेशन में इंशान मर कर एक नया जनम लेता है. और इस तरह मैं अपने अंदर के उस बिल्लू को मारने निकल पड़ा जिशे तुम जानती थी

और इस तरह में पुणे पहुँच गया

मेरा एक कॉलेज का फ्रेंड, मदन पुणे में एक कॉल सेंटर में लगा है. मुझे भी उसने वही लगवा दिया. मदन भी ओशो के आश्रम जाता रहता था. मैने 4-5 बार आश्रम जा कर डाइनमिक मेडिटेशन सीख ली. उशके बाद में मदन के घर पर रोज सुबह डाइनमिक मेडिटेशन करने लगा.

डाइनमिक मेडिटेशन का 3 महीने का एक पूरा कंप्लीट साइकल होता है. इशे पूरा कर लिया जाए तो इंशान को कुछ बहुत गहरे अहसाश होते हैं. उनको शब्दो में नही कहा जा सकता.

पूरे 3 महीने मैने ये मेडिटेशन की. कभी मदन के घर पर और कभी आश्रम पर. इस मेडैटेशन ने मेरी जींदगी बदल दी. मैं बिल्लू से जतिन बन गया. पहले बस नाम का जतिन था. इस मेडिटेशन के बाद सच में जतिन बन गया.

“ह्म्म…. तो तुम मेडिटेशन सीख रहे थे, इश्लीए अपनी दीदी को देखने नही आए, मुझे ये सब शुन कर बिल्कुल अछा नही लग रहा जतिन. कुछ काम ऐसे होते हैं जिन्हे आप कभी नही टाल सकते. तुम अपनी दीदी को भुला कर आत्मा परमात्मा के चक्कर में पड़ गये, क्या तुम्हे नही लगता कि तुमने बहुत ग़लत किया है, और तुम मेडिटेशन सीखने भी कहाँ गये,….एक सेक्स गुरु के अशरम में, लगता है तुम खुद को धोका दे रहे हो” ऋतु ने कहा

“ऐसी बात नही है मैं दीदी को उस हालत में टीवी पर ही नही देख पाया तो वाहा जा कर कैसे देख लेता. मेरे अंदर इतनी हिम्मत नही थी ऋतु. मैने तो इस बात को ही स्वीकार नही किया कि वो मेरी दीदी ही थी. हां पर आज बात दूसरी है. आज मैं बहुत शांत हूँ. 3 महीने जो मैने मेडिटेशन की है, उसने मेरी जींदगी बदल दी है. वैसे काफ़ी हद तक तो तुम्हारे प्यार में मैं बदल ही चुका था, बाकी का काम इस ने कर दिया और इस तरह बिल्लू मारा गया. और हां ओशो पर सेक्स गुरु का ठप्पा वो लोग लगाते हैं जो सेक्स में उपर से नीचे तक डूबे हुवे हैं, मैने ओशो को खूब पढ़ा है उन्होने कभी सेक्स को प्रमोट नही किया” ---- मैने कहा.

“मुझे लगा संजय ने तुम्हारे साथ कुछ ऐसा वैसा कर दिया. वो उस दिन जिस दिन तुम आखरी बार लेटर डालने आए थे, तुम्हारे पीछे ही गया था. उसने मुझे बताया था कि उसने तुम्हारे टुकड़े टुकड़े करके मुंबई के नालो में बहा दिए. मैं ये शुन कर सोच बैठी थी की अब तुम इस दुनिया में नही हो” ---- ऋतु ने कहा

“ऋतु इंशान फ्रस्ट्रेशन में काफ़ी कुछ बोल जाता है. संजय ने यू ही तुम्हे परेशान करने के लिए बोल दिया होगा. दिस ईज़ नॅचुरल टेंडंसी ऑफ फ्रस्टरेटेड पर्सन” ---------- मैने कहा

“पर मुझे लगता है कि तुम्हे एक बार तो कविता के लिए आना चाहिए था” --- ऋतु ने कहा

“ये बात मैं अब समझ रहा हूँ, पर पहले हिम्मत नही थी. मेरे दिल में जो दीदी की एक शुनदर तस्वीर थी उसे हटा कर मैं एक कंकाल वाहा नही बिठाना चाहता था” ---- मैने कहा

फिर हम थोड़ी देर शांत खड़े रहे. मेरी नज़र ऋतु के चेहरे पर गयी तो वहीं जा कर टिक गयी. मैं ऋतु को प्यार से देखने लगा. पहली बार वो दिल में प्यार ले कर मेरे पास खड़ी थी. बहुत प्यारा अहसाश हो रहा था मुझे उस वक्त

“क्या देख रहे हो” ---- ऋतु ने पूछा

“अपनी जान को देख रहा हूँ की कैसी है मेरी जान, बहुत प्यारी लग रही हो, आइ लव यू” --- मैने कहा.

“जतिन मुझे माफ़ करदो मैने उस दिन मंदिर के बाहर तुम्हे ना जाने क्या क्या बोल दिया था” ---- ऋतु ने कहा

“आइ लव यू ऋतु” ----- मैने कहा

“जतिन मैं कह रही थी कि मुझे माफ़ करदो मैने उस दिन मंदिर के बाहर तुम्हे ना जाने क्या क्या बोल दिया था” ----- ऋतु ने कहा

मैं इतना भावुक हो रहा था कि मुझे कुछ नही शुन रहा था. मैने फिर अपने प्यार का इज़हार किया

“आइ लव यू ऋतु, दो यू लव मी” ? ---- मैने पूछा

“तुम्हे मेरी आँखो में क्या नज़र आ रहा है, जतिन” ----- ऋतु ने बड़े प्यार से मेरी आँखो में देख कर पूछा.

“प्यार नज़र आ रहा है, इस समुंदर से भी गहरा प्यार नज़र आ रहा है, जीशके किनारे हम खड़े हैं, ऐसा कैसे हो गया ऋतु” ---- मैने भावुक हो कर पूछा
Reply


Messages In This Thread
RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल - by sexstories - 11-13-2018, 12:49 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,554,791 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,416 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,255,399 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 949,156 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,684,719 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,106,867 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,995,763 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,204,076 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,086,134 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,127 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 4 Guest(s)