RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
ड्राइवर बोला, “मेंसाब्, सुरेश बाबू ने मुझे आपके पास भेजा है”.
“हां हां मुझे पता है. तुम हमें ब्लॅकमेल कर रहे हो, तुम्हे शरम आनी चाहिए. ” ?? पिंकी ने गुस्से में ड्राइवर से कहा.
पिंकी पूरी चदडार ओढ़े हुवे थी और चदडार के अंदर से ही ड्राइवर को डाँटते हुवे बोल रही थी.
“जब आप लोगो को शरम नही आती तो भला मुझे क्यो शरम आनी चाहिए. और हां ‘मेंसाब्’, आप मुझे अछी लगती हो, तभी सुरेश बाबू से आपके बारे में बात की, वरना मुझे क्या पड़ी थी यहा आने की”
“सूरत देखी है अपनी, अछी लगती हूँ….हा…… अपनी औकात में रहो”. --- पिंकी ने ड्राइवर से गुस्से में कहा.
“औकात में ही हूँ मेंसाब् वरना अबतक मैं कबका संज्ञा मेंसाब् को सब कुछ बता चुका होता” --- ड्राइवर ने हंसते हुवे कहा
पिंकी ने अपने मूह से हल्की सी चदडार हटाई और ड्राइवर की और देखते हुवे कहा, “ये सब करके तुम्हे क्या मिल जाएगा”
ड्राइवर ने मुश्कूराते हुवे कहा, “वही जो सुरेश बाबू को आप से मिलता है, मेंसाब्”
“शूट उप… योउ बस्टर्ड, तुम्हारी इतनी हिम्मत” ---- पिंकी चील्ला कर बोली.
“मैने सुरेश बाबू को वादा किया है मेंसाब् इसीलिए तमीज़ से पेश आ रहा हूँ, इसका मतलब ये नही है कि आप मुझे अँग्रेज़ी में गालियाँ दो” --- ड्राइवर ने चेहरे पर गंभीरता लाते हुवे कहा
देखो में तुम्हे अभी पैसे दे देती हूँ, तुम कहीं भी किसी प्रॉस्टिट्यूट के पास चले जाओ.
“मुझे ना पैसे चाहिए और ना ही मुझे किसी प्रॉस्टिट्यूट के पास जाना है, जो सौदा हुवा था वो पूरा कीजीए. सुरेश बाबू तो कह रहे थे कि आप तैयार है. मैं अभी उन्हे बुला कर लाता हूँ” --- ड्राइवर ने पिंकी से कहा
ड्राइवर वाहा से जाने के लिए मुड़ा ही था कि पिंकी बोल पड़ी, “नही, नही रहने दो, उसकी कोई ज़रूरत नही है”.
“ज़रूरत है मेंसाब् आप तो कुछ और ही बाते कर रहीं है, आप की खातिर मैं अपनी संजना मेंसाब् को धोका दे रहा हूँ और आप है कि मुझे यू ही तरका रही है” ---- ड्राइवर ने पिंकी की और देखते हुवे कहा.
पिंकी कुछ नही बोली और कमरे की छत को देखते हुवे किसी गहरी चिंता में खो गयी
ड्राइवर उशके पास आ गया और उसे उपर से नीचे तक देखने लगा, उशके चेहरे पर हवश के भाव सॉफ दीख रहे थे.
“पर एक बात है मेंसाब् जो बात आप में है वो किसी भी प्रॉस्टिट्यूट में नही होगी, उनके साथ करने का क्या मज़ा, आप ही मान जाओ ना” ----- ड्राइवर ने अपने पेनिस को मसालते हुवे कहा
“शूट उप,….. यू पिग..” ----- पिंकी चील्ला कर बोली
“अछा मैं पिग हूँ…….., आप ग़लत भासा का इश्तेमाल कर रही है मेंसाब्” ---- ड्राइवर गंभीरता से बोला.
ये कह कर, ड्राइवर ने पिंकी के उपर से चदडार खींच ली और खींच कर दूर फेंक दी, और बोला, “देंखु तो सही कि आप क्या है”
“बदतमीज़ ये क्या कर रहे हो, चदडार दो मुझे जल्दी” ---- पिंकी ने गुस्से में चील्ला कर कहा.
पिंकी को नंगा देख कर ड्राइवर की आँखो में चमक आ गयी. पिंकी उस से चदडार माँग रही थी और वो पिंकी को घुरे जा रहा था.
पिंकी अपने हाथो से अपने बदन को ढकने की पूरी कोशिस कर रही थी. पर ड्राइवर को पूरा नज़ारा मिल रहा था.
“अरे आप तो एक दम नंगी पड़ी है…हे..हे”….अछा अब समझ में आया, आप मेरे साथ यू ही नाटक कर रही थी, तभी तो कहूँ कि सुरेश बाबू तो कह रहे थे कि आप मेरे साथ करने के लिए तैयार है, फिर अचानक क्या हो गया.” ड्राइवर हंसते हुवे बोला.
पिंकी ने झट से एक तकिया अपने बूब्स पर रख लिया और एक तकिया अपनी टाँगो के बीच में अपनी योनि को छुपाने के लिए दबा लिया और बोली, “तुम्हे ज़रा भी तमीज़ नही है क्या, मैं कोई तैयार नही हूँ, मुझे मजबूर किया जा रहा है”.
ड्राइवर का ध्यान तो पिंकी के नंगे बदन पर था, वो पिंकी की बातो की परवाह किए बिना,उसे एक तक उपर से नीचे तक देखे जा रहा था.
“हाए रे अपनी 38 साल की जींदगी में मैने ऐसा नज़ारा नही देखा, क्या मस्त माल हो आप मेंसाब्” ------ ड्राइवर ने अपने पेनिस को मसालते हुवे कहा
“देखो मुझे चदडार दे दो, वरना” ----- पिंकी गुस्से में बोली
ड्राइवर गिड़गिदाते हुवे बोला, “देखने दो ना मेंसाब्, जब करना ही है तो प्यार से कीजीए ना. इसमें मजबूरी की क्या बात है, मैं आपको खुस कर दूँगा”.
“चुप रहो तुम, और बकवास मत करो” ---- पिंकी ने चील्ला कर ड्राइवर से कहा.
“ठीक है मेंसाब् बात कम और काम ज़्यादा करते है, मैं भी यही चाहता हूँ,… हे..हे…हे…हे” --- ड्राइवर हंसते हुवे बोला
ये कह कर ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स पर से ज़बरदस्ती तकिया खींच लिया और उसके एक बूब्स को ज़ोर से दबोच लिया.
पिंकी चील्ला उठी, उउऊययययीीई….. आराम से. पागल हो क्या ?
“आपको नंगा देख कर थोड़ा सा हो गया हूँ. माफ़ कीजीए ज़रा ज़ोर से दब गया”. --- ड्राइवर ने मुश्कूराते हुवे कहा.
“छोड़ो मुझे दर्द हो रहा है, तुमने सुरेश से वादा किया था कि तुम तमीज़ से पेश आओगे.” ---- पिंकी ने ड्राइवर से कहा
“हां किया था पर इसका ये मतलब नही है कि मैं आपके संतरे नही निचोड़ूँगा” ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स को फिर से ज़ोर से दबोचते हुवे कहा.
“आआहह दर्द हो रहा है, तुम आराम से नही कर सकते क्या” ---- पिंकी ने गिड़गिदाते हुवे कहा.
ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स पर पकड़ थोड़ी ढीली कर दी और बोला, “अब ठीक है मेंसाब्” ?
“कुछ ठीक नही है, तुम मुझ से दूर हो जाओ”, मैं ये सब नही कर सकती”.---- पिंकी ने थोड़ा झल्लाते हुवे कहा.
“ठीक है मैं सुरेश बाबू को फोन लगाता हूँ, वही आकर आपको समझाएँगे” ---- ड्राइवर ने कहा
पिंकी तुरंत बोल पड़ी, “अरे नही रूको,…… अछा कर लो….. पर आराम से”.
“मैं आराम से ही तो दबा रहा था, मेंसाब्, आप भी ना बस. पर एक बात है, आप हो बहुत प्यारी. काश आपके जैसी मेरी बीवी होती तो मज़ा आ जाता ? --- ड्राइवर ने पिंकी को प्यार से कहा.
“देखो अपनी औकात मत भूलो, और तमीज़ से पेश आओ वरना” ? --- पिंकी ने गुस्से में ड्राइवर से कहा
“वरना क्या ? मुझे धमकी मत दो मेंसाब्, वरना मैं अभी जा कर संजना मेंसाब् को सब कुछ बता दूँगा” --- ड्राइवर ने पिंकी के बूब्स को ज़ोर से दबाते हुवे कहा.
पिंकी फिर से चीन्ख पड़ी, उउय्य्यीइ कहा था ना आराम से.
पिंकी के चेहरे पर दर्द सॉफ दिखाई दे रहा था.
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