RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
गतांक से आगे .........................
मैने दीप्ति से कहा, प्लीज़ थोड़ा ब्रीफ्ली शुनाओ मुझ से शुना नही जा रहा, मुझे बार बार अपनी कहानी याद आती है.
वो बोली, तभी मैं कह रही थी कि फिर कभी बात करेंगे.
मैने कहा, नही नही ऐसी कोई बात नही है, बस तेरी बाते सुन कर मेरा ध्यान बिल्लू पर जा रहा है, वो कमीना भी ऐसी ही हरकते करता था.
वो बोली, हां ठीक कह रही हो, तभी तो तुम्हारी कहानी सुन कर मैं आज फिर परेशान हो गयी.
मैने पूछा तो फिर क्या हुवा,
दीप्ति के शब्दो में :----
महेश के जाने के बाद में कुर्सी पर बैठी ही थी कि मुझे अपने कॅबिन की खिड़की पर किसी के होने का आभास हुवा.
मुझे ऐसा लगा मानो कोई खिड़की से झाँक रहा हो,
सबसे पहला ख्याल मुझे यही आया कि कहीं किसी ने मुझे ये सब करते देख तो नही लिया.
पर फिर मेरा ध्यान इस बात पर गया कि मेरी खिड़की पर तो किसी का होना नामुमकिन है, फिर वाहा कोई कैसे पहुँच गया
मेरे कॅबिन की खिड़की जहा खुलती थी, वाहा का रास्ता बंद था, इसलये मैं बिना किसी चिंता के अक्सर खिड़की खुली रखती थी.
मैं फॉरन अपनी शीट से उठी और दौड़ कर अपने कॅबिन का दरवाजा खोला.
बाहर सेक्यूरिटी गार्ड घूम रहा था, वो थोड़ा परेशान दिख रहा था.
मैने पूछा, क्या बात है ?
वो बोला, मेडम कोई अजनबी थोड़ी देर पहले ऑफीस में घुस्सा था, पता नही वो कहा गया ?
मैने पूछा, क्या ? तुम क्या कर रहे थे ??
वो बोला, मेडम मैं थोड़ा बीड़ी लेने चला गया था.
मैने कहा, मुझे लगता है, मेरे कॅबिन के पिछली तरफ, बाहर बाल्कनी में कोई है.
वो बोला, पर वाहा का रास्ता तो बंद है.
मैने कहा, मैने अभी किसी को वाहा देखा है ?
वो बोला, अभी चेक करता हूँ मेडम जी, आप चिंता मत करो.
अचानक एक आदमी हमारी और आता हुवा दिखाई दिया, वो उसी रास्ते से आ रहा था, जहा से मेरे कॅबिन के पीछे का रास्ता था.
सेक्यूरिटी गार्ड बोला, यही है वो मेडम जी, मैं अभी इसे पकड़ता हूँ.
गार्ड ने उस से पूछा, कौन हो तुम और यहा क्या कर रहे हो ?
वो बोला, पीछे हट मैं तेरे जैसे छोटे लोगो से मूह नही लगता.
तभी मैं भी उन दोनो के पास पहुँच गयी.
मैने उस आदमी से पूछा, हे मिस्टर, तुम यहा क्या कर रहे हो ? बताते क्यो नही.
वो बोला, मेडम मैं यहा अपने दोस्त से मिलने आया था.
मैने पूछा, क्या नाम है तुम्हारे दोस्त का.
वो थोड़ा सोच में पड़ गया और बोला, शायद मैं ग़लत अड्रेस पर आ गया, सॉरी मैं चलता हूँ.
मैने सेक्यूरिटी गार्ड को कहा, पोलीस को बुलाओ ?
वो बोला, मेडम, मेरी बात सुनो आप मुझे ग़लत समझ रहे हो.
मैने पूछा, क्या तुम बाहर मेरे कॅबिन की खिड़की पर थे ?
वो बोला, हां मेडम मैं था.
मेरी रागो में खून दौड़ उठा, मैने उसके गाल पर एक ज़ोर दार थप्पड़ रसीद कर दिया.
वो गिड़गिदा कर बोला, मेडम मेरी पूरी बात तो शुणिए.
मैने गार्ड से कहा, पोलीस को बुलाओ जल्दी.
इस से पहले की हम कुछ कर पाते वो मुझे और गार्ड को एक तरफ धकेल कर वाहा से भाग गया.
मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि आख़िर हो क्या रहा है.
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