RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
ये पोज़िशन मेरे लिए नयी नही थी, संजय अक्सर मुझसे इस पोज़ीशन में करते थे, पर मुझे कभी कुछ केश नही लगा था.
बिल्लू बोला, चल ना यार वक्त बर्बाद मत कर, उस दिन झाड़ियो में भी तो कुछ ऐसी ही पोज़िशन में किया था, अब क्या प्राब्लम है तुझे.
मैं झीज़कते हुवे उसके आगे डॉगी स्टाइल में आ गयी.
उसने पीछे से मेरे नितंबो को थाम लिया और एक झटके में अपना पूरा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया.
मेरे मूह से हल्की सी आआहह निकल गयी.
वो बोला, अभी भी दर्द है क्या.
मैने कहा, नही ठीक है, तुम जल्दी कर लो हमारे पास वक्त कम है.
उसने पूछा, कितना वक्त है.
मैने कहा, 1:30 बजे तक तुम्हे हर हाल में जाना होगा, चिंटू उसके बाद कभी भी आ सकता है.
वो बोला, ठीक है, तब तक तू आराम से मज़ा ले.
ये कह कर वो मेरी योनि में पीछे से धक्के मारने लगा.
मेरे उभार इस पोजीसन में बिल्लू के धक्को के कारण हवा में झूल रहे थे.
उसने पूछा, कैसा लग रहा है ?
मैने उसके सवाल का कोई जवाब नही दिया.
उसने मेरे कानो के पास आ कर पूछा, क्या आज फिर गांद मरवाना चाहोगी ?
मैने झीज़कते हुवे कहा, नही आज नही, तुम जल्दी से, जो कर रहे हो, वो ख़तम करो ना.
वो बोला, ठीक है, तुझे जल्दी का मज़ा चाहिए ना, ले संभाल फिर.
ये कह कर उसने बहुत तेज तेज मेरी योनि में अपना लिंग अंदर बाहर धकैलना शुरू कर दिया.
मैं इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नही थी.
मैने कहा, रूको, थोडा धीरे से करो.
पर वो नही माना और बोला, जल्दी ऐसे ही तो होगा, अब क्या तकलीफ़ है तुझे, तू मज़ा ले ना.
थोड़ी ही देर में मुझे इतना मज़ा आने लगा कि मेरा मन और तेज़ी की चाहत करने लगा.
पर मैने बिल्लू से कुछ नही कहा.
मेरी साँसे और मेरी धड़कन बिल्लू के धक्को की तेज़ी के साथ कदम मिलाने की कोशिश कर रही थी
उसका लिंग मेरी योनि में इतनी तेज़ी से रगडे खा रहा था कि मुझ से होश संभालना मुस्किल हुवा जा रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे में चक्कर खा कर गिर जाउन्गि.
बिल्लू की साँसे भी भड़क रही थी, उसने टूटे हुवे शब्दो में पूछा कैसा….. लग….. रहा…..है… अब.
इस बार मेरे मूह से निकल ही गया,
आ…आ….अक्चहाा……बहुत…आक्फया
वो बोला, तो यू ही मारता रहूं.
मैने कहा, जैसा तुम चाहो पर जल्दी करो.
बिल्लू बिना रुके थोड़ी देर तक यू ही उसी स्पीड में करता रहा.
बिल्लू का लिंग मेरी योनि की हर गहराई तक जा कर रगड़ लगा रहा था और मैं उसके हर धक्के का मज़ा ले रही थी.
उसने पूछा, बता कब तक मारु ?
मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, अब जल्दी ख़तम करो, मुझे घर का काम भी करना है.
बिल्लू ने अपनी स्पीड और ज़्यादा बढ़ा दी.
मेरी साँसे भी और ज़्यादा रफ़्तार पकड़ने लगी.
मेरे आनंद की कोई शीमा नही रही, इतना मज़ा आ रहा था कि मुझ से बर्दास्त करना मुश्किल हो रहा था.
अचानक मेरे शन्यम का बाँध टूट गया और मेरी योनि ने पानी छोड़ दिया.
मैने हड़बड़ाते हुवे कहा, बिल्लू प्लीज़ रुक जाओ, अब सहा नही जा रहा.
वो फूलती हुई सांसो में बोला, बस थोड़ी देर और मारने दे.
मैने कहा, ठीक है पर जल्दी करो.
बिल्लू बहुत तेज तेज धक्के लगा कर अचानक रुक गया और मुझे अंदर से पूरा भिगो दिया.
मेरी योनि में इतना पानी इकट्ठा हो गया जैसे कि कोई समुंदर हो.
वो उशी हालत में मेरे उपर गिर गया.
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