RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
मैने हल्की सी आँख खोल कर देखा तो काँप गयी. उसका बहुत ही बड़ा लग रहा था.
उसने ये देख लिया और बोला, अरे शर्मा मत पूरी आँख खोल कर देख, तुझे अछा लगेगा.
मैने फॉरन आँखे बंद कर ली.
मेरे हाथ में वो ऐसा महसूस हो रहा था जैसे की कोई मोटी लकड़ी का टुकड़ा हो.
में चाहते हुवे भी अपना हाथ वाहा से नही खींच पाई. उसने बड़ी मजबूती से मेरा हाथ वाहा टीका रखा था.
वो बोला, चल चूस इसे.
मैने अपनी गर्दन ना के इशारे में हिला दी.
वो बोला, अरे चूस ना, मैने भी तो तेरी चूत चूसी है. तू तो कहती थी जो मैं चाहूँगा तू करेगी, कहा गया तेरा कल का वादा.
उसने मुझे ज़ोर दे कर उठाया और मुझे अपने आगे ज़मीन पर बैठा दिया.
मैने आँखे खोली तो पाया कि उसका लिंग बिल्कुल मेरे मूह के सामने झूल रहा था. बहुत बड़ा लग रहा था वो. उसके चारो तरफ बहुत घने काले बॉल थे. पूरा एक जंगल उगा हुवा था.
मैने ऐसा भयानक लिंग देख कर अपनी आँखे झट से बंद कर ली.
वो मेरे होंटो पर अपना लिंग रगड़ने लगा, और बोला, मूह खोल.
मैने कोई हरकत नही की.
वो बोला, खोल ना, थोड़ा चूस ले, तुझे जल्दी जाना है ना.
मैने झीज़कते हुवे मूह खोला ही था, कि उसने कोई 3 इंच मेरे मूह मे घुसा दिया और बोला, शाबास, ये हुई ना बात.
मेरा मूह फटा जा रहा था, और वो और ज़्यादा अंदर डालने की कोशिस कर रहा था.
मुझे उल्टी आने को हो गयी और मैं वाहा से ज़ोर लगा कर हट गयी.
मैं थोड़ा ठीक महसूस करने लगी ही थी कि उसने फिर से मेरे मूह पर अपना लिंग सटा दिया.
वो बोला, चल अब जल्दी जल्दी चूस, वक्त कम है.
मैने धीरे, धीरे उसका चूसना सुरू कर दिया.
मैं बहुत गिल्ट की भावना से भरी हुई थी और सोच रही थी कि ये मुझे क्या करना पड़ रहा है.
आज तक मैने संजय के साथ भी इस तरह से नही किया था.
मैं प्रे कर रही थी कि ये सब जल्दी ख़तम हो जाए.
थोड़ी देर बाद उसने मुझे घूमने को कहा,
मुझे ये सुन कर सकुन मिला, उसका चूस्ते चूस्ते मेरा मूह दुखने लगा था.
वो बोला, सलवार निकाल दे और घूम जा.
मैने कहा कपड़े रहने दो ऐसे ही कर लो.
वो बोला, निकल ना जल्दी, मुझे गुस्सा मत दिला.
मैने, धीरे धीरे कपड़े उतार दिए और उसके सामने बिल्कुल नंगी हो गयी.
वो मेरे उभरो को देखते हुवे बोला, ज़रा रुक और मेरे उभरो को चूमने लगा.
मैं चुपचाप तमसा देखती रही.
वो बारी, बारी से मेरे निपल्स को मूह मे लेकर चूस रहा था, उसकी दाढ़ी मेरे उभरो पर कॅंटो की तरह चुभ रही थी.
थोड़ी देर बाद वो बोला, चल अब घूम जा और झुक जा.
मैने पूछा आप क्या करोगे ?
वो बोला, जो बिल्लू ने किया था, तेरी गांद मारूँगा.
ये सुन कर में गिल्ट से मर गयी.
उसने मुझे झुकाया और मेरे नितंबो पर अपना लिंग रगड़ने लगा.
उसने मूज़े फिर अपनी और घुमाया और बोला, चल इसे मूह मे लेकर थोड़ा चिकना कर, डालने में आसानी होगी.
में सब जल्दी ख़तम करना चाहती थी, इस लिए मैं नीचे झुक कर उसके लिंग को मूह में लेकर चूसने लगी.
कोई 5 मिनूट बाद वो बोला, बस ठीक है, वापस घूम जा.
जैसे ही में उसके आगे झुकी उसने मेरे उभरो को दोनो हाथो से थाम लिया, और उन्हे कुचलने लगा.
थोड़ी देर बाद मुझे उसका लिंग अपने योनि द्वार पर महसूस हुवा. मैं डर गयी की कही ये यहा ना डाल दे. पर वो जल्दी ही वाहा से हट गया.
अचानक उसने मेरे कंधो को ज़ोर से थाम लिया और मैं चीन्ख उठी…..आआहह
आआआआयययययययययययीीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई.
प्लीज़ निकालो इसीईईईईईईए.
उसने एक झटके में अपना आधा लिंग मेरी योनि में घुस्सा दिया था.
में चिल्ला कर बोली, तुमने ग़लत जगह डाल दिया, निकाल लो.
वो बोला, बिल्कुल सही जगह डाला है, बहुत चिकनी है तेरी चूत लगते ही फिसल गया, थोडा रुक तुझे मज़ा आने लगेगा.
मैं दर्द से मारी जा रही थी. सूकर है कि वो ज़बरदस्ती अंदर नही धकेल रहा था.
बिल्लू की तरह वो भी धीरे धीरे अंदर सरका रहा था.
उसका, एक, एक इंच मेरे अंदर जाता हुवा महसूस हो रहा था.
जब उसने अपना पूरा अंदर डाल दिया तो बोला, ले चला गया पूरा.
मुझे, उसके वाहा के बॉल अपने नितंबो पर कांतो की तरह चुभते हुवे महसूस हो रहे थे.
मैं उसके लिंग का कोई अहसास महसूस नही करना चाहती थी.
पर ये सच था कि उसका लिंग मेरी योनि में बहुत गहराई तक पहुँच गया था, जहा तक कि आज तक संजय भी नही पहुँच पाए थे.
धीरे, धीरे मेरा दर्द कम, हो गया.
वो बोला, कैसा लग रहा है ?
मैने कोई जवाब नही दिया.
वो बोला, बिल्लू ने अपनी डाइयरी में लिखा था कि तूने खुद उसे गांद मारने को कहा था, क्या ये सच है ?
मैने कहा, जी नही ऐसा कुछ नही है. 5
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