RE: Chodan Kahani छोटी सी भूल
मैं सोच रही थी कि आख़िर वो कर क्या रहा है. मैं जल्द से जल्द वाहा से निकलना चाहती थी.
इतने में बिल्लू आ गया, उसने मेरे सामने टेबल रख कर पेप्सी और नमकीन रख दी, और बोला, लो ठंडा पी लो.
मैं कुछ भी पीने, खाने के मूड में नही थी.
तभी अचानक उसका बापू आ गया.
उसने बिल्लू से पूछा, ये क्या घटिया सी नमकीन ले आया है, कुछ और नही था क्या ?
बिल्लू बोला, बापू बस यही थी दुकान पर.
उसका बापू बोला, चल जा यहा से अब, बिल्लू मेरी और देखते हुवे वाहा से चला गया.
मैं चुपचाप सहमे हुवे बैठी रही.
बिल्लू के बापू ने, दरवाजा बंद कर दिया और अंदर से कुण्डी लगा ली.
मेरा दिल ज़ोर ज़ोर से धड़कने लगा, जैसा मुझे लग रहा था, वही हुवा, वो मुझसे…………..
वो बोला, अरे तूने कुछ लिया ही नही, ये पेप्सी पी ले तेरे लिए ही है.
मैने कहा जी कोई बात नही, मुझे इच्छा नही है.
वो बोला, कुछ और लॉगी ?
और उसने अपनी पॅंट की जेब से देसी दारू की एक छोटी सी बॉटल निकाल ली.
मैने फॉरन गर्दन ना के इशारे में हिला दी.
वो मेरी कुर्सी के साथ लगे बेड पर बैठ गया और अपनी बॉटल खोलने लगा.
वो बोला, आज बहुत दीनो बाद पीने का मन हो रहा है. सब तेरे कारण है. तू बहुत सुंदर है, पता है बाहर लोग हैरान हो रहे है कि इतनी सुंदर लड़की यहा क्या कर रही है, शराब और शबाब दोनो साथ होने चाहिए.
उसने एक गिलास उठाया और उसमे दारू डालने लगा.
मेरी और देखते हुवे वो एक ही झटके में पूरा गिलास सतक गया. मैने आज तक किसी को शराब पीते नही देखा था इश्लीए हैरान और परेशान थी.
अचानक वो खड़ा हुवा और बोला, आ अब तेरी बारी. ये दारू तो फेल हो गयी इसमे कोई नशा नही है, अब तेरे अंदर देखता हू कितना नशा है.
मैं हैरान थी उसके बदले हुवे रूप को देख कर.
कल तो वो बड़ी बड़ी बाते कर रहा था, और आज ये सब.
मुझे सब कुछ नाटक सा लग रहा था, लग रहा था जैसे मुझे बड़ी चालाकी से फसाया गया है.
पर अब मैं क्या कर सकती थी, मैं खामोसी से बैठी रही.
वो ज़ोर से बोला, इधर आ.
मैं डर कर खड़ी हो गयी और चुपचाप उसके सामने आ गयी.
वो बोला, अब बता क्या करेगी तू मेरे लिए.
मैने कहा जी क…..क……..कुछ नही.
वो बोला, क्या कुछ नही, धोका, मैं तुझे देख लूँगा. मुझे कल तेरे घर से नही आना चाहिए था, तेरे पति से मिल कर ही आना चाहिए था.
मैने डरते हुवे कहा,…..आ….आ……आप जो कहे कर दूँगी.
वो हँसने लगा और बोला, तू अपनी मर्ज़ी से करेगी ना.
मैने कहा, जी.
वो बोला, अछा तो घूम जा और अपना नाडा खोल कर अपनी गांद दीखा, देंखु तो सही ऐसी भी क्या बात है तेरी गांद में कि बिल्लू उसका दीवाना हो गया है.
मेरा चेहरा शरम और गिल्ट से लाल हो गया.
बिल्लू का बापू अब बिल्लू जैसी ही बाते कर रहा था. बिल्लू और उसमे कोई फरक नही दिख रहा था.
वो फिर बोला, अरे क्या सोच रही है, अपनी कातिल गांद नही दीखावगी, जिश से तूने मेरे बेटे का कतल कर दिया.
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