RE: Mastram Kahani खिलोना
थोड़ी देर बाद रीमा फिर से मस्ती मे आने लगी तो वो सीधी खड़ी हो गयी ,सहारे के लिए 1 हाथ टेबल पे रखा & दूसरे को पीछे ले जा अपने ससुर की गर्देन थाम ली & उनके धक्को का मज़ा ले आहे भरने लगी.थोड़ी देर तक दोनो ऐसे ही चुदाई करते रहे.काफ़ी देर से खड़े रहने के कारण रीमा को थकान सी महसूस हुई,”बिस्तर पे चलिए ना.”
जवाब मे विरेन्द्र जी ने उसकी दाई बाँह उठा कर अपनी गर्देन मे डाली,फिर नीचे से उसकी दाई जाँघ उठा कर पास पड़ी डाइनिंग चेर पे रखा .फिर अपने बाए हाथ मे उसकी बाई जाँघ थाम हवा मे उठा ली & उसी वक़्त उसकी दाई जाँघ को भी थाम वैसे ही उठा दिया.अब रीमा को वो उसकी जाँघो से हवा मे उठाए हुए थे & लंड अभी भी चूत मे था.रीमा उनके गले मे बाँह डाले उन्हे चूमने लगी तो वो चलते हुए उसे उसके कमरे मे नही बल्कि उस दूसरे कमरे मे ले गये.
वाहा उन्होने उसे बिस्तर पे घुटनो के बल बिठा दिया & फिर खड़े-2 ही उसकी चूत मे 4-5 गहरे धक्के लगाए.फिर बिस्तर पे चढ़ उसे डॉगी स्टाइल मे चोदने लगे.रीमा ने सर झुका कर तकिये मे छुपा लिया.उसे चोद्ते हुए वो कभी उसकी चूचिया मसल्ते तो कभी चूत के दाने को रगड़ते.
उन्होने अचानक धक्के लगाना रोका & उसे पेट के बल पूरा बिस्तर पे लिटा दिया.अब रीमा अपनी कोहनियो पे अपना उपरी बदन उठाए हुए अपने ससुर से चुद रही थी.विरेन्द्र जी उसकी चूचियो से खेलते हुए पीछे से उसके गर्देन को चूम रहे थे तो रीमा ने मुँह घुमा उनके होंठो को अपने होंठो की जाकड़ मे ले लिया.वो अब पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी & कभी भी झाड़ सकती थी की तभी विरेन्द्र जी ने हाथ बढ़ा कर साइड-टेबल पे पड़े काग़ज़ & कलम को उठाया & उसके सामने रख दिया,”ज़रा इन्पे साइन कर दो,रीमा.”
“ह्म्म्म........”.रीमा ने कलाम उठाई,उसे तो बस अपने ससुर की चुदाई का होश था.उन्होने उसे कलम पकड़ाई & पीछे से धक्के लगाते हुए,उसके गाल से गाल सटा,उसे पेपर्स पे साइन करने की जगहे दिखाई.रीमा ने कुच्छ 4 जगहो पे साइन किया तो उन्होने पेपर्स को वापस टेबल पे रखा & उसके होंठो को चूमते हुए,उसकी चूचियो को मसलना शुरू कर दिया & वो कातिल धक्के लगाए कि रीमा बस आहें भरते हुए झाड़ गयी.उसके झाड़ते ही उन्होने भी उसकी चूत को अपने पानी से भर दिया & उसके उपर गिर कर उसके बालो को चूमने लगे.
थोड़ी देर बाद उन्होने अपना लंड निकाला & उसकी पीठ पे से उठ सीधे हो लेट गये तो रीमा भी पलट कर उनकी बाहो मे आ गयी.थोड़ी देर तक दोनो लेटे हुए इधर-उधर की बाते करते रहे.रीमा का हाथ उनके सीने के बालो से खेलते हुए उनके लंड तक जा पहुँचा था,उसे अपनी उंगलियो पे गीलापन महसूस हुआ तो उसने देखा कि उसके & उसके ससुर का मिला जुला रस उसकी उंगलियो पे लग गया है.उसने मुस्कुराते हुए अपने ससुर की ओर देखा & अपनी उंगलिया चाट कर सॉफ की.फिर उठी & उनके लंड को अपने हाथो मे ले अपने मुँह मे भर लिया.आँखे बंद किए वो उनका लंड चाटने लगी.
"वाह!क्या बात है!क्या नज़ारा है!बहू किस लगन से अपने ससुर का लंड चूस रही है!,"आवाज़ सुन रीमा चौंक कर उठ बैठी-कमरे के दरवाज़े पे ताली बजा कर ये बात कहता हुआ शेखर खड़ा था.
क्रमशः...................
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