Mastram Kahani खिलोना
11-12-2018, 12:49 PM,
#65
RE: Mastram Kahani खिलोना
घड़ी 8 बजा रही थी & अभी तक वीरेंद्र जी का कोई पता नही था.2-3 दीनो से बारिश नही हुई थी,तो थोड़ी गर्मी हो गयी थी & उमस भी.रीमा ने सोचा था कि ससुर के आते ही पहले वो उनके साथ नहाएगी & फिर उनसे 1 बार चुदने के बाद उनके साथ खाना खाएगी.पर अब गर्मी के साथ-2 उनका इंतेज़ार करते -2 उसे थोड़ी खीज भी होने लगी थी.उसने अकेले ही नहाने का फ़ैसला किया.

नहाने के बाद उसने डेनिम शॉर्ट्स जोकि बस उसकी गंद की फांको को ढँके हुए थे पहने & उपर 1 लाल रंग की स्लीव्ले वेस्ट डाल ली,जिसके गले मे से उसका बड़ा सा क्लीवेज दिख रहा था.तभी उसे 1 आवाज़ सुनाई दी,जैसे कि हॉल मे कोई चल रहा हो.डर से वो जैसे जम सी गयी.उसने किसी कार की आवाज़ नही सुनी थी तो उसके ससुर तो हो नही सकते थे,भूलवा तो मुनिया के साथ 4 बजे ही निकल गया था तो कही शेखर तो नही था?

दबे पाँव वो कमरे से निकल हॉल मे आई-वाहा कोई नही था.उसके कमरे & हॉल के अलावा वाहा 4 कमरे और थे जिसमे से 3 मे ताला लगा हुआ था.तभी उस दूसरे खुले कमरे से फिर कुच्छ आवाज़ आई.डर से रीमा के माथे पे पसीना छल्छला आया था.वो किसी तरह अपने धधकते दिल पे काबू रख उस कमरे के पास गये & धीरे से उसका दरवाज़ा खोला,अंदर कोई नही था.

वो कमरे के अंदर दाखिल हुई,बेड की बगल मे रखे साइड-टेबल पे कुच्छ पेपर्स रखे थे..पहले तो वाहा कुच्छ भी नही था!वो टेबल की तरफ बढ़ने लगी कि तभी उसे पीछे से किसी ने जाकड़ लिया.रीमा की चीख निकल गयी तो वो इंसान हँसने लगा.हँसी की आवाज़ सुन रीमा का डर काफूर हो गया-ये विरेन्द्र जी थे.

उसने गुस्से से उनकी तरफ देखा & उनके हाथ झटक कर कमरे से बाहर निकल हॉल मे चली आई.

“अरे भाई,इतना नाराज़ क्यू हो रही हो?मैने तो बस मज़ाक किया था?”

रीमा कुच्छ नही बोली बस मुँह फेरे खड़ी रही.

“अच्छा बाबा,सॉरी!”,उन्होने उसे फिर से पीछे से बाहो मे लेने की कोशिश की तो रीमा फिर से छितक गयी.

“अब मान भी जाओ.”,इस बार उन्होने काफ़ी मज़बूती से उसे पीछे से थाम लिया & उसके कान को चूमने लगे,रीमा भी भी छूटने के लिए कसमसा रही थी,”..अरे भाई!नाराज़गी की वजह भी तो बताओ!”,उन्होने उसके गाल को चूम लिया

“पहले तो 4 दीनो से गायब थे,आज भी 7 बजे कहके अब आ रहे हैं & उपर से डरा के मेरी जान निकाल दी..& मुझ से वजह पुच्छ रहे हैं!”

“बहुत डर गयी थी क्या?”,उन्होने उसका माथा चूम लिया.

“हां.देखिए अभी तक दिल कैसे ज़ोर से धड़क रहा है.”,उसने उनका हाथ अपने पेट से उठा अपने क्लीवेज पे रख दिया.

“अभी शांत कर देते है इसे.”,उन्होने उसके कान मे अपनी जीभ फिराते हुए उस हाथ से उसके क्लीवेज को दबाना शुरू कर दिया & दूसरे हाथ को नीचे से उसकी वेस्ट मे घुसा उसके पेट को सहलाने लगे.

“उम्म्म.....कहा रहे 4 दिन?”,उसने दोनो हाथ पीछे ले जाके उनके गले मे डाल दिए.

“बस कुच्छ ज़्यादा काम आ गया था.”,वो अब उसकी गर्देन चूम रहे थे.

“मेरा तो बुरा हाल हो गया आपके बिना,आपको मेरी ज़रा भी याद नही आई?”,रीमा आँखे बंद कर अपनी गंद पीछे ले जा उनके पॅंट मे क़ैद लंड पे रगड़ने लगी.

“मत पुछो.मैने कैसे ये 4 दिन गुज़ारे हैं!”,उन्होने वेस्ट की स्ट्रॅप्स को 1-1 करके नीचे कर दिया,रीमा ने नहाने के बाद ब्रा नही पहनी थी & उसकी छातिया स्ट्रॅप्स उसकी बाँहो से सरकते ही दोनो छलक के विरेन्द्र जी के हाथो के नीचे आ गयी.थोड़ी देर तक वैसे ही वो उसकी गर्देन चूमते हुए उसकी चूचियो को अपने हाथो से दबाते,मसल्ते रहे.फिर रीमा ने मस्त हो चेहरा घुमा उन्हे चूमना शुरू कर दिया तो उन्होने उसकी वेस्ट को पूरा उसकी कमर तक नीचे कर दिया.अब वो कभी उसकी चूचिया मसल्ते तो कभी उसके नर्म गोल पेट को सहलाते हुए उसकी नाभि पे लगे नेवेल रिंग को छेड़ते.

रीमा मस्ती मे अपनी गंद उनके लंड पे रगडे ही जा रही थी.विरेन्द्र जी ने हाथ नीचे ला उसके शॉर्ट्स के बटन को खोला & उसे नीचे सरका दिया.फिर अपनी 1 टांग उठा घुटनो से उपर फाँसी शॉर्ट्स को पूरा नीचे कर उसके जिस्म से अलग कर दिया.उन्होने उसकी वेस्ट को भी कमर से नीचे सरकया तो वो उसकी टाँगो के गिर्द घेरा बनके ज़मीन पे गिर गयी.

रीमा ने पॅंटी भी नही पहनी थी & अब वो पूरी नगी थी.विरेन्द्र जी अब उसके पीछे से उसे थाम 1 हाथ से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहे थे & दूसरे से उसकी चूचिया मसल रहे थे.रीमा ने हाथ पीछे ले जा पॅंट की ज़िप खोली तो वो उसका इशारा समझ गये.वो उस से अलग हुए & आनन-फानन अपने कपड़े उतार फिर से उसे पीछे से दबोच लिया.रीमा ने हाथ पीछे ले जाके लंड को पकड़ लिया & हिलाने लगी.विरेन्द्र जी उसके गुलाबी होठ चूमते हुए फिर से उसकी चूत को रगड़ने लगे.रीमा 4 दीनो से अपने ससुर का इंतेज़ार कर रही थी & विरेन्द्र जी की उंगली की रगड़ाहट वो अपने दाने पे ज़्यादा देर तक बर्दाश्त नही कर पाई & झाड़ गयी.

झाड़ कर उसने पास पड़े डाइनिंग टेबल को थाम लिया & अपनी साँसे संभालने लगी.झुकी हुई रीमा की कमर थाम विरेन्द्र जी ने पीछे से उसकी चूत पे लंड को रख 1 धक्का दिया.चूत पूरी तरह से गीली थी & लंड 1 ही झटके मे पूरा का पूरा अंदर चला गया.वो वैसे ही उसकी कमर थाम धक्के लगाने लगे.
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Mastram Kahani खिलोना - by sexstories - 11-12-2018, 12:34 PM
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