RE: Mastram Kahani खिलोना
खिलोना पार्ट--17
"ये तो शुरुआत थी,छैल मे उन 4 दीनो मे हम तीनो ने जिस्मो का ये मदहोश खेल जम के खेला.उन 4 दीनो मे पता नही कितनी बार मैने कजरी की चूत को अपने पानी से भरा.सुमित्रा भी यही चाहती थी की मैं कजरी के अंदर ज़्यादा से ज़्यादा झाड़ू.उसने मुझे उसकी चूत मे बस 2 ही बार झड़ने दिया.",रीमा झाड़ के वीरेंद्र जी के सीने पे गिर अपनी साँसे संभाल रही थी & वो उसके बालो & पीठ को सहला रहे थे.
"सुमित्रा अपने मक़सद मे कामयाब हो गयी,छैल से आते ही हमे पता चल की कजरी प्रेग्नेंट हो गयी है.हमने सारे परिवार वालो को ये बात दिया की सुमित्रा प्रेग्नेंट है.उसके बाद 9 महीने तक हमने कजरी को दुनिया की नज़रो से च्छुपाए रखा.साथ ही ये ख़याल रखा कि सुमित्रा भी किसी जान-पहचान वाले की नज़र मे ना आए.",विरेन्द्र जी ने करवट लेटे हुए,बिना चूत से लंड निकाले,अपनी बहू को लिटा दिया & उसके उपर आ गये.
"..9 महीने बाद कजरी की कोख से शेखर का जन्म हुआ.उसके बाद 3-4 महीने तक वो हमारे साथ रही & उसके बाद सुमित्रा & उसकी मा के बीच हुए सौदे के मुताबिक वो पैसे ले के ये वादा करके चली गयी कि अब कभी भी हमसे ना मिलेगी या ये राज़ खोलेगी.",विरेन्द्र जी रीमा की दोनो छातियो को हाथो मे भर दबा रहे थे &.
"फिर रवि किसका बेटा है?",रीमा ने अपने ससुर के मुँह को अपनी छाती पे दबा दिया.
"उपरवाले के भी अजीब लीला है!अगले साल सुमित्रा भी प्रेग्नेंट हुई & रवि को जनम दिया.",उसके कड़े निपल्स को चूसने के बीच उन्होने कहा.
"..पर कजरी ने अपना वादा नही निभाया.उसे कोई बीमारी हो गयी थी & वो बस कुछ ही दीनो की मेहमान थी.उस वक़्त शेखर कॉलेज मे गया ही था.कजरी ने किसी तरह हमारा पता लगा लिया & हमे 1 खत लिखा.इत्तेफ़ाक़ देखो उन दीनो हम सब किसी शादी मे पंचमहल से बाहर गये थे & केवल शेखर ही घर पे था.खत उसके हाथ लग गया & उसे ये राज़ पता चल गया.",विरेन्द्र जी अब उसकी चूचियो से खेलने के साथ हल्के-2 धक्के भी लगा रहे थे.
"..बस उसी दिन से वो हमसे नाराज़ हो गया कि हमने उस से ये बात क्यू च्छुपाई.समझ मे नही आता कि जिस मा-बाप ने उसे इतना प्यार दिया,उसमे & रवि मे कभी कैसा भी फ़र्क़ नही किया वो हमारे साथ ऐसा बर्ताव क्यू करने लगा..उसी के चलते आज सुमित्रा का ये हाल है.",रीमा उनके बालो को सहला रही थी,अब वो फिर से मस्ती मे आने लगी थी & उसकी कमर खुद बा खुद हिलने लगी थी.
"..तो ये है वो राज़..लेकिन फिर भी रीमा मुझे नही लगता कि शेखर का रवि & शंतु की मौत से कुच्छ लेना-देना है.पर फिर उसने तुमसे शंतु के बारे मे झूठ क्यू बोला?तुम बेफ़िक्र रहो,जो भी हो अब तो मैं इस मामले की तह तक पहुँच के ही रहूँगा.",लेकिन इस वक़्त विरेन्द्र जी के लिए अपनी बहू की चूत की तह तक पहुँचना ज़्याद ज़रूरी था.उन्होने उसके चेहरे को हाथो मे भर उसके रसीले होठ चूमते हुए उसकी चूत की गहराइयों मे अपने लंड को पेलना शुरू कर दिया.
-------------------------------------------------------------------------------
सवेरे रीमा की नींद खुली तो उसने देखा कि विरेन्द्र जी उसकी बाई छाती को दबाते हुए दाई को मुँह मे भर चूस रहे हैं,उसने अपनी उंगलिया उनके बालो मे फँसा दी.विरेन्द्र जी ने देखा कि वो जाग गयी है तो उसके सीने से सर उठा उपर आ अपने होठ उसके होंठो पे रख दिए पर उन्हे उसके जवाब मे वो गर्मी महसूस नही हुई,"क्या हुआ रीमा?कोई परेशानी है क्या?"
"देखिए,मा जी हॉस्पिटल मे हैं & यहा कोई भी ये नही जानता की मैं आपकी बहू हू.सब समझते हैं कि मैं 1 नर्स हू जो मा जी की देखभाल के लिए यहा आई थी.तो ऐसे मे मेरा यहा रहना अब ठीक नही होगा.कही लोग आप पे उंगलिया ना उठाएँ?",रीमा ने नज़रे नीची कर ली.
"बात तो तुम ठीक कह रही हो.तुम्हे यहा नही रहना चाहिए.",विरेन्द्र जी उसके दोनो निपल्स को अपनी उंगलियो के बीच मसल रहे थे.रीमा ने हैरानी & दुख से उनकी तरफ देखा.
"..मगर उस वजह से नही जो तुम्हारे दिल मे है.देखो,मुझे यकीन नही है कि शेखर ने कोई जुर्म किया है मगर फिर भी मैं कोई रिस्क नही लेना चाहता.",वो अब उसके पेट को सहला रहे थे,"..मान लो वो दोषी है तो वो तुम्हे कोई नुकसान पहुचाने की कोशिश ज़रूर करेगा क्यूकी तुमने शंतु के बारे मे पुचछा था & उसे डर होगा कि कही तुम उसपे शक़ ना करो.और तुमपे आँच आए,ये मुझे बर्दाश्त नही होगा,इसीलिए मैं तुम्हे यहा से किसी महफूज़ जगह पे ले जाऊँगा.",उनका हाथ उसकी चूत पे आ गया था & थोड़ी देर उसे सहलाने के बाद उसकी 2 उंगलिया अंदर घुस उसके दाने को मसल्ने लगी.
"उउम्म्म्मम....!..मगर ऐसी महफूज़ जगह है कहा & हम वह जाएँगे कब?.....ऊओफफफफ्फ़..!",उनकी उंगलियो की शरारत & उनकी आँखो से झलकती उसके लिए फ़िक्र से खुश हो वो कमर हिलाति हुई मुस्कुराइ.
"हाई 1 जगह & हम वाहा आज ही जाएँगे..",वो उसकी जंघे फैला उनके बीच मे आ गये & उसके उपर चढ़ अपना लंड उसकी गीली चूत मे पूरा घुसा दिया.."..मगर इसके बाद.",विरेन्द्र जी 1 बार फिर अपनी खूबसूरत बहू की चुदाइ मे जुट गये.
|