RE: Mastram Kahani खिलोना
रीमा ने मुस्कुराते हुए लंड को थाम अपनी चूत मे ले लिया.2 धक्को मे लंड जड़ तक उसकी चूत मे धंसा था,"अब आगे बताइए." "उन दोनो का ये गरम खेल देख कब मेरा हाथ लंड पे पहुँच गया & मैं उसे हिलाने लगा मुझे पता ही ना चला.सुमित्रा ने मुझे ऐसा करते देखा तो कजरी के बदन से अलग हो गयी,-'शर्म आनी चाहिए तुझे कजरी!तेरे होते तेरे साहब को हाथ से काम लेना पड़ रहा है.' -'पर दीदी,मुझे डर लगता है.ये इतना बड़ा है मेरी ज़रा सी चूत मे कैसे जाएगा.' -'मेरी मे कैसे जाता है?',उसने उसकी गांद पे 1 थप्पड़ जड़ दिया,-'चल,पहले इस से दोस्ती कर फिर देख ये कैसे तेरी प्यासी चूत को अपने पानी से शांत करता है.चल उठ.' सुमित्रा ने उसे उठा कर मेरे लंड को थमा दिया.ये पहली बार था जब उसके अलावा किसी और औरत ने मेरा लंड थामा था.कजरी के छ्होटे से हाथ मे लंड कुच्छ और बड़ा लग रहा था,-'देखती ही रहेगी,हिला ना.',कजरी ने पहले धीरे-2 फिर तेज़ी से मेरे लंड को हिलाना शुरू किया.थोड़ी देर बाद सुमित्रा ने उसका हाथ हटाया,-'चल अब मुँह मे ले.'कजरी ने ऐसे देखा जैसे मना कर रही हो,-'अरे गीला नही करेगी तो अंदर कैसे जाएगा.चल चूस.' कजरी ने होठ कस दिए मेरे लंड पे तो मैने आँखे बंद कर ली और हवा मे उड़ने लगा.",रीमा भी हवा मे उड़ रही थी,1 बार फिर अपने घुटनो पे बैठ वो अपने ससुर के लंड पे कूदने लगी थी. "कजरी नौसीखिया थी पर उसके दिल मे चुदने का & मुझे खुश करने का जज़्बा था & इसी कारण मुझे उसके ज़ुबान की हरकते बहुत मज़ेदार लग रही थी.सुमित्रा उसकी पीठ सहलाते मुझे देख रही थी,वो समझ गयी कि मैं झड़ने वाला हू,-'चल अब उठ & लेट जा.अब चुदने का वक़्त आ गया है..रुक ज़रा तेरी चूत को भी गीला कर दू..',& वो उसकी चूत पेझूक कोई 2-3 मिनिट तक उसे चाटती रही.कजरी अब जोश मे पागल हो चुकी थी. -'ऑफ ओह!लंड तो फिर सुख गया.',अपन1 ज़ुबान से उसने उसे गीला किया,-'चलो विरेन्द्र अब तो चोदो इस मासूम कली को.',उसने मेरा लंड पकड़ कर खींच कर मुझे कजरी की टाँगो के बीच आने पे मजबूर कर दिया.सुमित्रा ने मुझे चूमा,-'चलो अब धीरे-2 घुसाओ.बहुत दीनो से नही चूदी है,ज़रा आराम से करना.तू घबरा मत कजरी मैं हू ना!ज़्यादा तकलीफ़ नही होगी.' उसने मेरा लंड पकड़ उसकी चूत पे रखा तो मैने 1 धक्के मे ही पूरा सूपड़ा अंदर पेल दिया. -'आईीययईए..!'मैने 1-2 धक्के & दिए & आधा लंड अंदर घुसा दिया.सुमित्रा ने बाहर बचे लंड को पकड़ मुझे अब चोदने को कहा,अब मैं आधे लंड से कजरी को चोदने लगा.थोड़ी देर मे उसे मज़ा आने लगा तो सुमित्रा ने अपना हाथ खींच लिया.उसकी चूत कुच्छ ज़्यादा ही कसी हुई थी & मैं अपना पूरा लंड अंदर घुसाने को बेताब था.मैने 1 ही झटके उसकी चूत मे लंड धंसा दिया & उसकी चीखो से बेपरवाह उसे चोदने लगा.सुमित्रा उसपे झुक उसे चूमते हुए उसकी चूचिया सहलाते हुए उसे संभालने लगी. थोड़ी देर मे कजरी की चूत को मेरे लंड की आदत पड़ गयी & वो भी कमर हिला कर मेरा साथ देने लगी.-'देखो तो कैसे कमर उच्छल कर मज़ा ले रही है.अब मैं घुटनो पे बैठा उसकी टांगे पकड़ उसे चोद रहा था & सुमित्रा अपने घुटनो पे मेरी तरफ चेहरा कर उसके मुँह के उपर बैठ गयी,-'चल अब ज़रा मेरी चूत को भी कुच्छ आराम दे.',कजरी उसकी चूत चाटने लगी तो मैने हाथ बढ़ा कर अपनी बीवी की चूचिया थाम ली & उन्हे मसल्ने लगा,-'आह...विरेन्द्र...ऐसे ही करो...हा..आनन्न..'.अब मुझसे बर्दाश्त नही हो रहा था,मैने अपनी धक्को की रफ़्तार तेज़ कर दी & सुमित्रा की चूचिया मसल्ते हुए उसे खींच कर चूमने लगा नीचे कजरी सुमित्रा की जंघे पकड़ उसकी चूत पे अपनी जीभ फिरा रही थी.हम तीनो अपनी-2 मंज़िल की ओर पहुँच रहे थे कि कजरी की चूत ने मेरे लंड को कस लिया & उसका बदन जैसे ऐंठ गया,वो झाड़ गयी थी & उसके झड़ते ही मैने भी सुमित्रा की चूचिया मसल्ते हुए & उसे चूमते हुए अपना पानी कजरी की चूत मे छ्चोड़ा & साथ ही सुमित्रा की चूत ने भी कजरी की जीभ से परेशान हो पानी छ्चोड़ा 7 वो आगे गिरती हुई मुझे चूमते हुई मुझसे लिपट गयी." ठीक उसी वक़्त अपने ससुर की बातो & लंड से मदहोश हो रीमा 1 बार फिर झाड़ गयी.
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