RE: Mastram Kahani खिलोना
बड़ी मस्त चूचिया थी मीना कि!रीमा भी मन ही मन उनक तारीफ किए बिना नही रह सकी,वो उसके जितनी बड़ी नही थी पर इतनी छ्होटी भी नही थी,चूचियो के सिरे पे 2 भूरे रंग के कड़े निपल्स चमक रहे थे.वो लड़का मीना को चूमते हुए उसके उभारो को अपने हाथो मे भर दबा रहा था. मीना ने अपने हाथ उसकी पीठ से हटा दिए & उन्हे अपने जिस्मो के बीच ला लड़के के पेट पे ले गयी.रीमा समझ गयी की अब वो उसकी पॅंट खोलेगी & ऐसा ही हुआ.पॅंट लड़के के टख़नो के गिर्द पड़ी थी.मीना किस तोड़ डेस्क से उतरी & ज़मीन पे अपने घुटनो पे बैठ उसके लंड को थाम लिया.दोनो ऐसे खड़े थे कि रीमा उन्हे साइड से देख रही थी.लड़के का लंड 6 इंच का तो होगा ही..उसने अंदाज़ा लगा..पर कितना मोटा था!उफ़फ्फ़!..और उसके आस-पास 1 भी बॉल नही था,रीमा ने बिना झांट का लंड पहली बार देखा था. अब तो रीमा की चूत भी गीली होने लगी थी.रीमा ने अपनी जीन्स के बटन को ढीला किया & अपना हाथ अंदर अपनी पॅंटी मे घुसा अपनी चूत को समझाने की कोशिश करने लगी.मीना तो लंड पे किसी भूखे की तरह टूट पड़ी थी.पहले उसने लंड के आस-पास की चिकनी जगह को चूमा & फिर उसके लुन्द को मुँह मे भर अपनी जीभ उस पे चलाने लगी.वो लड़का उसके सर को था,उसका नाम लेते हुए आहें भरने लगा. मीना काफ़ी देर तक उसके लंड & आंडो को चूमती,चुस्ती & चाटती रही.रीमा ने अपनी चूत मे उंगली करते हुए लड़के के चेहरे को देखा,साफ ज़ाहिर था कि लड़का अब झाड़ जाएगा.उसने 1 झटके मे मीना को पकड़ कर उठाया & फिर से डेस्क पे बैठा दिया.1 पल को दोनो बस 1 दूसरे की आँखो मे झाँकते रहे,फिर लड़के ने उसकी स्कर्ट को कमर तक उठाया & खींच कर उसकी पॅंटी निकाल दी.रीमा ने देखा कि मीना की चूत भी उसकी तरह गुलाबी & बिना बालो के थी.लड़के ने 2 उंगलिया उसमे डाल के थोड़ी देर रगडी तो मीना आहें भरने लगी,चूत पूरी तरह से गीली थी.लड़के ने उंगलिया बाहर निकाली & मीना को देखते हुए मुस्कुरा के चाट ली.रीमा भी मुस्कुराइ & उसे अपनी ओर खींचा. लड़के उसकी टाँगो के बीच आया & उसकी जाँघो को उठा के अपनी बाहों मे फँसा लिया. "आऐईयईए....!",मीना चीखी क्यूकी लड़के ने 1 ही झटके मे उसकी चूत मे अपना पूरा लंड घुसा दिया था.दोनो 1 बार फिर 1 दूसरे से लिपट गये & चूमते हुए 1 दूसरे को चुदाई करने लगे.लड़का पूरा लंड बाहर निकलता & फिर पूरा का पूरा मीना की नाज़ुक चूत मे पेल देता.मीना तो बस उस से चिपकी उसे चूमती हुई धक्को का मज़ा ले रही थी. थोड़ी देर बाद लड़के ने रफ़्तार बढ़ा दी & मीना भी अपनी कमर कुच्छ ज़्यादा ही हिलाने लगी,रीमा समझ गयी कि अब दोनो झड़ने वाले हैं तो उसने अभी अपनी उंगली की रफ़्तार तेज़ कर दी.दोनो चिपते हुए थे & लड़का पागलो की तरह धक्के मार रहा था कि तभी मीना का बदन जैसे ऐंठने लगा.उसने लड़के होंठ छ्चोड़ दिए & उसकी गर्दन मे मुँह च्छूपा सुबकने लगी,लड़का भी अचानक जैसे झटके खाने लगा & उसका नाम लेता हुए उसकी चूत मे झड़ने लगा.ठीक उसी वक़्त रीमा की उंगकी ने भी 1 आख़िरी बार उसके दाने को रगड़ & वो भी उन दोनो के साथ झाड़ गयी. रीमा ने अपनी जीन्स के बटन को वापस बंद किया & उस वक़्त उसके दिमाग़ मे बस 1 ही बात घूम रही थी कि अगर भगवान भी कहे कि मीना लेज़्बीयन है तो विश्वास नही करेगी.अभी जिस ग्रंजोशी & शिद्दत से उसने उसे उस लड़के के लंड के साथ खेलते & उस से चुद्ते देखा था-वो किसी ऐसी लड़की के बस की बात नही थी जो लड़को का नापसंद करती हो.उसने दोनो को संभालने का कुच्छ वक़्त दिया फिर स्टोर रूम से निकल वापस ऑफीस के मैं दरवाज़े पे आ गयी & वाहा नॉक कर थोडा ज़ोर से बोली,"कोई है?" थोड़ी देर बाद हॉल का दरवाज़ा खुला & वो लड़का बाहर निकला,"यस?" "हाई!मेरा नाम रीमा है & मैं मीना जी से मिलने आई हू." तभी हॉल के दरवाज़े से निकल उस लड़के के पीछे से मीना आ गयी. "हाई..तुम रीमा हो..रवि की-.." "हां,मैं वही हू." वो आगे आई & रीमा के दोनो हाथ पकड़ लिए,"आइ'एम सॉरी अबौट रवि...तुम यहा कैसे आ गयी...आओ बैठो ना?",हाथ पकड़ उसे 1 वर्कस्टेशन की कुर्सी खींच कर उसे बिठाया,जिसपे अभी तक पॅकिंग्स हीट लगी थी. "ओह्ह,मैने तुम दोनो का इंट्रोडक्षन नही कराया..ये करण सूरी हैं मेरे बिज़्नेस पार्ट्नर & ये रीमा है..रवि की वाइफ..",उसने रीमा की ओर देखा,"करण मेरे बारे मे सब जानता है,रीमा." "आप दोनो बाते कीजिए,मैं ज़रा कुच्छ काम देख कर आता हू.और हां अभी नीचे से कॉफी भी भिजवा रहा हू",कारण वहा से निकल गया.
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