RE: Mastram Kahani खिलोना
"मीना मेडम तो बाहर गयी हैं.",क्लाइव रोड की 55 नंबर. की कोठी के बाहर खड़े गार्ड ने उस से कहा तो रीमा परेशान सी हो गयी. "वैसे आपको उनसे क्या काम था मेडम?" "मैं उसकी सहेली हू.कई सालो से मिली नही थी,आज मौका लगा था तो सोचा था कि मिल लू." "आप 1 मिनिट रुकिये मैं बड़ी मेडम,उनकी मा से पुचहता हू.",वो इनेटरकों पे नंबर मिलाने लगा. "मा जी आपको अंदर बुला रही हैं.जाइए मिल लीजिए." रीमा ने टॅक्सी वाले को रुकने को कह गेट के अंदर कदमा रखा तो दंग रह गयी-बंग्लॉ सच मे किसी महल की तरह आलीशान था.गेट से 1 नौकर उसे अंदर ले जा रहा था.रीमा को ये डर भी था की गणेश उसे यहा ना देख ले,वो अपना काम कर यहा से तुरंत निकल जाना चाहती थी. "आओ बेटी,यहा बैठो.",ड्रॉयिंग हॉल के सोफे पे बैठी उस भले चेहरे वाली बहुत मोटी औरत ने अपने बगल के सोफे की ओर इशारा किया,"माफ़ करना मैने तुम्हे पहचाना नही.वैसे भी इस लड़की की इतनी सहेलिया हैं,मैं बूढ़ी कहा तक सबको याद रखू!" "नमस्ते आंटी,मेरा नाम रीमा है.बहुत दीनो बाद यहा आई हू.मीना बाहर गयी है क्या?" "हां,बेटा देखो ना आज घर मे किटी पार्टी है,इतने सारे काम पड़े हैं & ये लड़की ऑफीस देखने चली गयी है." "अंकल के ऑफीस?" "अरे नही.काश ऐसा होता तो तुम्हारे अंकल तो खुशी से पागल हो जाते.इस लड़की को इंटीरियर डेकरेटर बनने का भूत सवार हुआ है तो सूरी साहब के लड़के के साथ उसका बिज़्नेस शुरू कर रही है." "ये तो बहुत अच्छी खबर आपने सुनाई आंटी.तो कहा खोल रही है ऑफीस?",ये बतुनी औरत तो खुद ही रीमा का काम आसान कर रही थी. "वो अंगद टॉवेर है ना,वो हमारी ही बिल्डिंग है,उसके 4थ फ्लोर पे थोड़ी जगह खाली थी,वही तुम्हारे अंकल ने उसे दे दी है.वही गयी है,अभी ऑफीस मे काम चल रहा है ना,अगले हफ्ते ही इनएग्रेशन है." "तो मैं वही जाके उस से मिल लेती हू,आंटी?,रीमा खड़ी हो गयी. "अरे नही बेटा,तुम बैठो ना.मीना भी थोड़ी देर मे आ जाएगी फिर हमारी पार्टी के बाद जाना." "थॅंक्स,आंटी पर बहुत देर हो जाएगी...और ऑफीस जाऊंगी तो मीना भी चौंक उठेगी.अच्छा आंटी,नमस्ते." ------------------------------------------------------------------------------- थोड़ी देर बाद रीमा की टॅक्सी अंगद टॉवेर की पार्किंग मे खड़ी थी & वो लिफ्ट की ओर जा रही थी.वो तो अच्छा हुआ की आज वीरेंद्र जी लंच करने घर नही आ रहे थे & उसके पास पूरा वक़्त था.घर से निकलते वक़्त शेखर की कार पे नज़र पड़ी तो 1 ख़याल आया की उसे ही लेकर निकले पर फिर लगा की टॅक्सी ही बेहतर होगी.रीमा ने बॅंगलुर मे ही ड्राइविंग सीखी थी,रवि ने कहा था कि कुच्छ ही दीनो बाद वो कार खरीदेगा तो उसे भी वो चलाना आना चाहिए. तभी लिफ्ट का दरवाज़ा खुला तो वो ख़यालो से बाहर आई.चौथा माला खाली पड़ा हुआ था,कुच्छ दुकानो के शटर गिरे हुए थे बस लिफ्ट के बाई ओर 1 ऑफीस खुला था.उसने दोनो तरफ झाँका तो पाया की उसके दाएँ हाथ की तरफ गलियारे के अंत मे रोशनी जल रही है.वो उधर जाने लगी. यही था मीना का ऑफीस पर यहा तो कोई नही था.वो अंदर गयी तो देखा की ऑफीस तो लगभग तय्यार था बस सफाई का काम बाकी था.1 बड़े से हॉल मे कुच्छ वर्कस्टॅशन्स बने थे & दाई तरफ 2 कॅबिन्स थे,उसने दोनो को देखा तो पाया कि दोनो बंद थे.तभी उसके कानो मे किसी के हँसने की आवाज़ आई.आवाज़ ऑफीस के दूसरे कोने से आई थी,वो उस दिशा मे चली गयी. ऑफीस की बाई दीवार की पूरी लंबाई मे 1 हॉल बना था,उस हॉल मे घुसने का दरवाज़ा ऑफीस के मेन दरवाज़े के बाई ओर थोड़ी दूरी पे था.रीमा उसपे खटखटाने ही जा रही थी कि तभी अंदर से हँसने की आवाज़ आई पर ये पहले वाली आवाज़ से अलग थी,वो समझ गयी कि अंदर 2 लोग हैं-1 मर्द & 1 औरत-उनकी आवाज़ो से उसे ये अनदज़ा हो गया था की अंदर दोनो वही खेल खेल रहे हैं जिसकी वो खुद बहुत बड़ी दीवानी थी. कही मीना तो अंदर किसी के साथ नही है?रीमा ने सोचा की क्यू ना छुप के दोनो को देखा जाए,मगर कैसे?दरवाज़ा तो बंद था.उसने देखा की हॉल की बाहरी दीवार के दूसरी छ्होर पे भी 1 दरवाज़ा है.उस तक जा उसे खोला तो वो खुल गया.रीमा अंदर दाखिल हुई तो देखा कि वो कोई स्टोर रूम है पर उसमे 1 दरवाज़ा और है जिसमे आइ लेवेल पे 4इन्चX4इंच का छेद कटा है,शायद उसमे शीशा लगाना बाकी था. रीमा ने दबे पाँव जाकर उस छेद से झाँका.अंदर 1 डेस्क पे 1 खूबसूरत लड़की बैठी थी,उसने 1 टॉप पहन रखा था & 1 शायद घुटनो तक की स्कर्ट.स्कर्ट की लंबाई उसे इसलिए नही पता चल पाई क्यूकी उस लड़की की जाँघो के बीच 1 लंबा चौड़ा जवान मर्द उस से इस कदर चिपका खड़ा था कि स्कर्ट लड़की की कमर तक आ गयी थी & बस दोनो के जिस्मो के बीच फँस के रह गयी थी. दोनो 1 दूसरे को बाहों मे भरे बड़ी गर्मजोशी से 1 दूसरे को चूम रहे थे.रीमा ने गौर से देखा तो पाया कि वो लड़की और कोई नही मीना थी.मीना बहुत गरम हो चुकी थी,उसने उस लड़के की शर्ट को पॅंट से निकाला & हाथ अंदर घुसा उसकी पीठ सहलाने लगी.अपनी टाँगो को उसके गिर्द लपेट जैसे वो उस से ऐसे लिपटी थी जैसे की अलग होने से उसकी जान चली जाएगी. उस लड़के ने चूमते हुए उसका टॉप उठा दिया & उसकी ब्रा मे क़ैद चूचिया मसल्ने लगा,फिर उसके ब्रा के कप्स उपर कर उनको आज़ाद कर दिया.
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