RE: Mastram Kahani खिलोना
मन ही मन रीमा उसकी इन झूठी बातो पे हँसी पर उपर से परेशान सी सूरत बना कर बोली,"आप मर्द है,आपकी बात और है,पर मैं तो 1 औरत हू.कही किसी को पता चल गया तो.."
"किसी को कुच्छ पता तब चलेगा जब हम चलने देंगे ना."1 बार फिर उसने उसे अपनी बाँहो मे भरा तो रीमा ने उसे रोकने की कोई कोशिश नही की.धीरे-2 वेर्मा ने उसे अपने आगोश मे ले लिया.उसका चेहरा उठा उसने उसके होंठ चूमने की कोशिश की तो रीमा छितकने लगी.वेर्मा ने उसे फिर थाम लिया.कोई दसेक मिनिट की मान-मनुहार के बाद रीमा ने उसे अपने होटो का रस पीने दिया.
इसके बाद तो वेर्मा उतावला हो उठा.जैसे ही उसने उसके सीने पे हाथ रखा रीमा ने उसे परे धकेल दिया,"आप को बस अपनी पड़ी है.मैं समझ गयी आप मुझ से अपना मतलब निकालेंगे पर मेरा काम नही करेंगे."
"ओफ्फो,रीमा!कैसी बातें कर रही हो!आओ,अभी निकालता हू तुम्हारे पति के फोन के रेकॉर्ड्स.",उसका हाथ थाम वो अपने डेस्क के पीछे अपनी चेर पे बैठ गया & कंप्यूटर ऑन कर काम करने लगा.
"अब मैं बैठा हू & तुम खड़ी,ये अच्छा नही लगता!चलो यहा बैठ जाओ.",उसने अपना हाथ था उसे अपनी गोद मे बिठा लिया.रीमा ने उसकी ये हरकत तो नही भाँपी थी पर बैठते वक़्त जानकार उसने अपनी भारी गंद से उसके लंड को बहुत ज़ोर से दबा दिया.
"आहह!",वेर्मा कराहा.
"क्या हुआ?उठ जाऊं?",रीमा के चेहरे पे बस मासूमियत थी.
"नही,नही!बैठी रहो."
रीमा अपनी गंद से हौले-2 उसके लंड को मसल्ने लगी.वेर्मा तो आसमान मे उड़ रहा था पर बड़ी मुश्किल से मॉनिटर पे नज़र रख पा रहा था.रवि के मोबाइल नंबर. की डीटेल्स खोजने मे वो जानबूझ कर ज़्यादा देर लगा रहा था.रीमा ये जानती थी कि वो ज़्यादा से ज़्यादा देर तक उसे अपने लंड पे बिठाए रखेगा,सो उसने भी अपनी गंद का पूरा भर उसके लंड पे रख बहुत धीरे-2 उसकी गोद मे आगे-पीछे होना शुरू कर दिया.
"ये लो..ये हैं सारी डीटेल्स.2 महीने से नंबर. आक्टिव नही है & उसके पहले की सारी डीटेल्स ये रही.",रीमा मॉनिटर देखने के बहाने थोडा आगे को झुकी & उसके लंड को अपनी गंद तले बेदर्दी से मसल दिया.
वेर्मा का हाल बुरा था.उसका लंड बर्दाश्त नही कर पा रहा था,"ये डीटेल्स मैं लिख लू?",रीमा ऐसे दिखा रही थी जैसे उसे कुच्छ पता ही नही की नीचे क्या हो रहा है.
"अरे नही.अभी प्रिंट आउट्स निकाल देता हू.",वेर्मा ने कमॅंड दी तो रीमा घूम कर उस का चेहरा पकड़ कर उसके गाल को चूम लिया & ऐसा करते हुए उसने उसके लंड को और ज़ोर से दबाया,"थॅंक यू सो मच!"
वेर्मा के बदन ने अचानक झटका खाया,रीमा समझ गयी कि वो पॅंट मे ही झाड़ गया है.रीमा ने बड़ी मुश्किल से अपनी हँसी पे काबू रखा,"क्या हुआ?आपकी तबीयत तो ठीक है?"
"हा-हाँ..मैं बस अभी आया..",वेर्मा उसे गोद से उतार बाथरूम को भागा.रीमा ने हंसते हुए प्रिनटाउट्स उठाए & रूम से निकल गयी.बाथरूम से बाहर आनेपर वेर्मा खाली कॅबिन देख कर बस मन मसोस कर रह गया.वासना के नशे मे उसने रीमा का नंबर.लिया था ना पता...वैसे भी उसे बड़ी शर्म आ रही थी अपने उपर-उस लड़की ने उसे हाथ भी नही लगाया था & वो झाड़ गया..क्या सोचती होगी वो उसके बारे मे की बस यही था उसका अपने मर्दानगी पे काबू!
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