RE: Mastram Kahani खिलोना
सास के माथे पे हाथ फेरते वो सोचने लगी,..कैसा अजीब रिश्ता था दोनो का!वो उनकी बहू भी थी & सौतेन भी.रात को जब वो अपने ससुर का पूरा साथ देते हुए उनसे चुद्ति थी तो क्या उन्हे सच मे कुच्छ नही पता चलता था?उनका दिमाग़ क्या इतना बेकार हो चुका है कि बगल के पलंग पे अपने पति & बहू की शोर भरी रंगरेलियाँ भी उन्हे समझ नही आती थी?
उसने नज़रे नीची कर उन्हे देखा-सुमित्रा जी सो चुकी थी.रीमा ने गहरी साँस ले उनके सर से हाथ हटाया & अपने दिमाग़ से ये सारे सवाल निकाले & उठ खड़ी हुई.
-------------------------------------------------------------------------------
पहले रीमा रवि के मोबाइल सर्विस के कस्टमर केर सेंटर पे गयी तो उन्होने बताया की पिच्छले 2 महीने से बिल नही जमा किए होने & कस्टमर यानी रवि से कोई कॉंटॅक्ट नही होने के कारण ये नंबर डिसकंटिन्यू कर दिया गया था & अगर उसे ये नंबर फिर से शुरू करवाना था तो उसे कंपनी के ऑफीस मे जाके बात करनी पड़ेगी.
रीमा ने घड़ी देखी अभी बस 11 ही बजे थे & ऑफीस भी पास मे ही था,उसने वाहा जाने का फ़ैसला किया.कोई आधे घंटे बाद वो ऑफीस मे खड़ी थी,"..मेडम,मेरी बात समझने की कोशिश कीजिए.1 तो ये नंबर. बॅंगलुर का है उपर से किसी भी अप्लिकेशन के लिए नंबर यूज़र के सिगनेचर्स चाहिए.बिना उसके मैं क्या कर सकता हू?"
"देखिए मेरे पति विदेश गये हैं.हम बॅंगलुर से यहा शिफ्ट हुए तो आपाधापी मे बिल नही पे किया.पर वो नंबर. हम रखना चाहते हैं.प्लीज़ कोई तो रास्ता होगा?",रीमा ने झूठ बोल कर मिन्नत की.
"क्या हुआ,विशाल?",सुनते ही दोनो ने घूम कर देखा.सामने 32-33 साल का 1 स्मार्ट सा इंसान खड़ा था.
"सर,इनका ये नंबर. है..",& उस लड़के ने रीमा की प्राब्लम उसे बताई पर उस इंसान का ध्यान प्राब्लम मे कम रीमा मे ज़्यादा था.उसकी नज़रे उसके पूरे जिस्म का मुआयना कर रही थी.रीमा के बदन मे झुरजुरी सी हुई साथ ही दिल मे ये ख़याल भी आया कि अपने बदन के इस्तेमाल से इस आदमी से काम निकाला जा सकता है.
"एक्सक्यूस मी.क्या सच मे यहा से आपलोग कुच्छ नही कर सकते?",उसने दोनो बात करते मर्दो को जानबूझ के टोका.
"आइ'एम अरुण वेर्मा,मॅनेजर,कस्टमर ग्रीवेन्सस.",उसने अपना हाथ रीमा की तरफ बढ़ाया.
"रीमा साक्शेणा",उसने भी मुस्कुराते हुए उसका हाथ थामा.वेर्मा ने उसके कोमल हाथ को आम हॅंडशेक से कुच्छ ज़्यादा देर तक पकड़े रखा.
"आइए रीमा जी.देखते हैं क्या कर सकते हैं.",वो उसके पीछे-2 चलने लगी.बिल्डिंग के 4थ फ्लोर पे लिफ्ट से बाहर आ दोनो 1 गलियारे के आख़िर के कमरे मे दाखिल हो गये.कमरा बड़ा था,अंदर दाखिल होते ही रीमा को सामने डेस्क & उसके दोनो तरफ चेर्स लगी दिखी.बाई ओर निगाह डाली तो वाहा 1 सोफा & 1 टेबल लगे थे & दाई ओर कोने मे 1 और दरवाज़ा था जोकि शायद अटॅच्ड बाथरूम था.
"बैठिए & ये बताएँ की गरम लेंगी या ठंडा",वेर्मा ने सोफे की तरफ इशारा किया.
"वैसे तो मुझे गरम चीज़े पसंद है पर फिलहाल 1 ग्लास ठंडे पानी से काम चला लूँगी.",रीमा मुस्कुराइ.वो इस आदमी से बिना अपना काम करवाए यहा से जाने वाली नही थी & उसने जानबूझ कर ये दोहरे मतलब वाली बात कही थी.
जवाब मे वेर्मा मुस्कुराया & पास रखे कूलर से पानी निकाल उसकी ओर ग्लास बढ़ाया.ग्लास थामते वक़्त रीमा ने जानबूझ कर उसकी उंगलियो से अपनी उंगलिया च्छुआ दी.वेर्मा उसकी बगल मे बैठ गया,"अब कहिए."
रीमा ने उसे वही झूठी कहानी सुनाई,"देखिए,रीमा जी .._"
"प्लीज़ कॉल मी रीमा."
"ओके.रीमा",वेर्मा थोड़ा उसके और करीब खिसक आया,"आप तो जानती ही हैं कि हम ऐसे आपका ये काम नही कर सकते.आप बिल पे करने को तैय्यार हैं पर नंबर.बंद हो चुका है,दुबारा तो बिना आपके पति के साइन & डॉक्युमेंट्स के नही शुरू करवा सकते ना."
"पर कोई तो रास्ता होगा ना?",रीमा ने मिन्नत करते हुए उसके हाथ को थाम लिया,"ओह..आइ'एम सॉरी.",शरमाने का नाटक कर हाथ फ़ौरन छ्चोड़ भी दिया.
"इट'स ओके.",वेर्मा की दाई जाँघ रीमा की बाई से आ सटी थी.
"पर रीमा तुम्हे वही नंबर. क्यू चाहिए?मैं यही से बॅंगलुर का दूसरा नंबर.दिलवा देता हू."
जवाब मे रीमा सर झुकाए अपने हॅंडबॅग के स्ट्रॅप से खेलने लगी.
"देखो बतओगि नही तो मुश्किल आसान कैसे होगी?",उसका हाथ उसकी कलाई पे आ गया.
रीमा ने परेशान चेहरा बना कर उसकी ओर देखा जैसे कुच्छ कहना चाहती हो & कह ना पा रही हो.बेचैनी का नाटक कर उसने कलाई पे रखे वेर्मा के हाथ को पकड़ लिया,"मैं कैसे बताऊं आपको?"
"रिलॅक्स!टेक युवर टाइम.",वेर्मा ने उसके हाथ को मज़बूती से थाम लिया & दूसरे से उसके कंधे को सहलाने लगा.
|