RE: Mastram Kahani खिलोना
"क्या किया आज दिन भर?",वो उसके कंधे को सहला रहे थे.
"कुच्छ खास नही.बस रवि की चीज़े ठीक कर रही थी.",उसने उनके निपल को अपने दाँत & जीभ के बीच दबा हल्के से काटा.
"ओह्ह."
"1 बात पूच्छून?",उसने उनके सीने से सर उठा कर उनकी तरफ देखा.
"पूच्छो.",उन्होने उसके मासूम चेहरे को प्यार से सहलाया.
"आपने रवि के बॅंक मॅनेजर को इतनी आसानी से 4 लाख रुपये क्यू दे दिए?"
विरेन्द्र जी ने उसे पीठ के बल लिटा दिया & उसके उपर झुक उसकी आँखो मे झाँकने लगे,"मुझे पता है तुम्हे अजीब लगा होगा.",उन्होने उसकी छातियो को मसल्ते हुए उसकी गर्दन पे चूम लिया.
"उम्म्म...",रीमा को ये बहुत अच्छा लगा.
"याद है मॅनेजर ने सारे पेपर्स दिखाए थे?वो बिल्कुल सही थे.रवि ने धोखाधड़ी की थी.",वो अपनी 1टांग उसकी जाँघो के बीच फँसाए उसकी चूचिया दबा रहे थे,"..मैं 1 सरकारी मुलाज़िम हू रीमा.अब अगर मैं इस बात पे ज़ोर देता कि पोलीस एंक्वाइरी हो तो बिना मतलब का बखेड़ा खड़ा होता & मेरी नौकरी पे भी कोई असर पड़ सकता था."
दोनो फिरसे सुरूर मे आने लगे थे.विरेन्द्र जी उठ कर घुटनो पे बैठ गये & उसकी चूत मे उंगली करने लगे.रीमा ने भी हाथ बढ़ा कर उनके लंड को थाम लिया & उसे हिला-2 कर फिरसे खड़ा करने लगी.
"और फिर यहा है ही कौन मेरे भार को बाँटने वाला.मैं कौन-2 से काम देखु?तुम्ही बताओ.रीमा उठ बैठी &अपने ससुर के होंठ चूमने लगी,दोनो के हाथ अभी भी 1 दूसरे की गोद मे घुसे 1 दूसरे के कोमल अंगो को छेड़ रहे थे.
"पता है तुम्हे यकीन नही होता होगा,पर रवि ने गबन किया था,ये सच है.",उन्होने किस तोड़ उसके गाल सहलाए,"..हा,उसने ऐसा क्यू किया ये मेरी समझ मे भी नही आता."
"आपको नही लगता हमे इसका पता लगाना चाहिए?"
"रीमा,उसकी मौत 1 हादसा थी लेकिन अगर तुम्हारे मन मे कोई स्शुभा है तो उसे दूर करने हमे बॅंगलुर जाना पड़ेगा & तुम्ही बताओ यहा से मैं कैसे जाऊं?",उन्होने उसके होंठ चूम लिए,"..और तुम्हे मैं अकेले जाने नही दूँगा.पर फ़िक्र मत करो अगर तुम्हारे मन मे कोई सवाल है तो उसका जवाब ढूँदने का कोई ना कोई रास्ता निकाल ही लूँगा."
"अरे मैं तो भूलही गया था.",उन्होने उसकी चूत से हाथ खींच & बिस्तर से उतार पास रखी स्टडी टेबल के पीछे गये & कुर्सी खींच बैठ गये,दराज़ खोली & उसमे से कुच्छ काग़ज़ात निकले.चूत से हाथ हटते ही रीमा बेचैन हो उठी थी & जैसे ही उसके ससुर ने उसे अपने पास आने का इशारा किया वो बिस्तर से कूद कर उनके पास आ गयी.
विरेन्द्र जी का लंड पूरा तना हुआ था उन्होने रीमा की गंद अपने तरफ कर उसके मुँह कोस्टुडे टेबल के सामने कर खड़ा कर दिया.अब रीमा की टाँगे उनकी टांगो के दोनो तरफ थी.फिर उसकी कमर पकड़ वो उसे नीचे बिठाने लगे.
"ऊऊओववववव......!"विरेन्द्र जी उसकी चूत को अपने लंड पे बिठा रहे थे.रीमा आँखे बंद किए अपनी चूत मे उनके लंड को भरता महसूस कर रही थी.थोड़ी ही देर मे वो उनकी गोद मे मेज़ की ओर मुँह कर बैठी थी & उनका लंड उसकी चूत मे पूरा घुसा हुआ था.
"ये कुच्छ पेपर्स हैं,रवि के नाम कुच्छ प्रॉपर्टी थी जोअब तुम्हारी हो जाएगी.इन्पे दस्तख़त कर दो..",उन्होने उसके हाथ मे कलाम थमाई.रीमा का ध्यान तो बस अपनी चूत मे घुसे लंड & उस से मिलने वाले मज़ेपे था.उसने तो हौले-2 कमर हिलाकर उनकेलुँद को चोदना भी शुरू कर दिया था.उसने कलम थम ली.
"..हा यहा पे..& यहा पे..",उन्होने दिखाया & रीमा ने किसी तरह दस्तख़त कर दिए.विरेन्द्र जी ने काग़ज़ात उठा कर वापस दराज़ मे रख दिए तो रीमा मेज़ पकड़ तेज़ी से कमर हिलाते हुए उन्हे चोदने लगी &विरेन्द्र जी आगे कोझुक उसकी संगमरमर जैसी गोरी पीठ चूमने लगे.
सवेरे रीमा की नींद देर से खुली.रात जेठ & ससुर,दोनो से ही 2-2 बार चुदने के बाद वो थक के चूर अपने कमरे मे आकर सो गयी थी.गणेश की मदद से दोनो मर्दो को नाश्ता करा,दफ़्तर भेज वो अपने कमरे मे आ गयी & बाहर जाने के लिए तैय्यर होने लगी.
रात चुदाई के वक़्त हुई दोनो मर्दो से बातें उसके ज़हन मे घूम रही थी.शेखर कहता था कि मीना लेज़्बीयन थी तो दोनो आपसी रज़ामंदी से अलग हो गये,वही वीरेन्द्रा जी कहते थे कि शेखर ने मीना से पैसे माँगे थे.कोई भी बाप अपनी औलाद पे ऐसा इल्ज़ाम क्यू लगाएगा,चाहे वो औलाद कितनी भी नालयक क्यू ना हो.फिर शेखर का कहना था कि रवि के गबन के पीछे की बात विरेन्द्र जी को पता होगी पर विरेन्द्र जी ने जो कारण उसे बताया वो भी वाजिब था.और तो और उन्होने उसे भरोसा भी दिलाया था कि वो उसके सवालो का जवाब ढूँडने मे उसकी मदद ज़रूर करेंगे.
रीमा ने गहरे भूरे रंग की पॅंट पहनी थी & क्रीम कलर की धारियो वाली फॉर्मल शर्ट.उसके बदन के सभी कटाव & गोलाइयाँ इस लिबास मे पूरे उभर रहे थे.रीमा भी जानती थी की उसकी भारी गंद पॅंट मे और भी मस्त लग रही होगी & जब वो चलेगी तो आज सड़क चलते उसकी मटकती गंद कुच्छ ज़्यादा ही घुरि जाएगी.
तैय्यर होने के बाद अपनी सास के कमरे मे आ उसने देखा की वो आँखे खोले दरवाज़े की तरफ ही उसे देख रही थी.रीमा ने उन्हे नाश्ता & दवाई सब दे दिया था.उनके पास बैठ वो प्यार से उनके सर को सहलने लगी.वो चाहती थी कि वो सो जाएँ तो वो घर से बाहर निकले.
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