RE: Mastram Kahani खिलोना
उसकी जीभ उसकी नाभि मे गयी तो रीमा उठ कर उसे अलग करने लगी तो उसने उसे फिर से लिटा दिया.उठा-पटक मे उसकी स्कर्ट घुटनो तक आ गयी थी.शेखर ने 1 झटके मे उसे & उपर कर दिया & झुक कर उसकी भारी जाँघो को चूमने चाटने लगा.रीमा के हाथ उसके बालो मे उलझे उसे अलग करने की कोशिश कर रहे थे.शेखर जाँघो को चूमता उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा तो रीमा की आह निकल गयी & अंजाने मे ही उसके बालो मे फँसे हाथो ने शेखर के सर को खींचने के बजाय उसे और उसकी जाँघो पे दबा दिया.
शेखर समझ गया कि रीमा भी अब अपने जिस्म की गर्मी की गुलाम बन गयी है.उसने जम कर उसकी जाँघो को चूमा & चूसा & ऐसा करते हुए उसके स्कर्ट को निकाल फेंका.उसने अपनी पॅंट उतार दी & अब वो केवल अंडरवेर मे था.उसने कमरे का दरवाज़ा बंद किया & पलंग पे बैठ रीमा को अपनी गोद मे लिटा लिया.रीमा की उठी हुई शर्ट उसके गोरे पेट को नुमाया कर रही थी & नीचे बस आसमैनी रंग की पॅंटी मे उसकी गोरी टाँगे शेखर पे कहर ढा रही र्ही.
शेखर का 1 हाथ उसके सर के नीचे था & दूसरा जाँघो के बीच मे सहला रहा था.उसने रीमा का सर उठाया शर्म से लाल हो रहे रीमा के चेहरे पे किससे की झड़ी लगा दी.
"नही...नही...",रीमा के होंठ अभी भी यही कह रहे थे पर उसकी आवाज़ मे विरोध से ज़्यादा 1 गरम हो चुकी लड़की की मस्ती थी.शेखर ने पॅंटी के नीचे से हाथ घुसा उसकी गंद की 1 फाँक को अपने हाथ मे भर लिया & दबाते हुए उसके होटो को चूमने लगा.जब उसकी जीभ रीमा की जीभ से टकराई तो रीमा फिर से छॅट्पाटा उठी.ज़माने बाद उसके जिस्म मे फिर से वोही हरारत पैदा हो रही थी.
शेखर का हाथ उसकी गर्दन को घेरते हुए उसकी 1 चूची पा आकर उसे दबाने लगा था.वो उसकी जीभ से खेलते उसे चूमता हुआ उसकी गंद अभी भी दबा रहा था.इस तिहरे हमले ने काई दीनो की प्यासी रीमा को झाड़वा दिया.उसके जिस्म मे वोही जाना पहचाना मज़े का सैलाब बाँध तोड़ता आया तो वो सिसक कर शेखर की गोद से छितक कर उतर गयी & 1 तकिये मे मुँह च्छूपा सिसकने लगी.
शेखर पीछे से उस से आ लगा & उसके बालो को चूमते हुआ अपने हाथ उसकी शर्ट मे घुसाने लगा.शर्ट मे हाथ घुसा उसने थोड़ी देर तक उसकी छातिया दबाई & फिर हाथ को शर्ट के गले मे से निकाल कर उसके चेहरे को अपनी ओर घुमाया & प्यार से उसके खूबसूरत चेहरे को चूमने लगा.रीमा पड़ी हुई उसे उसके दिल की करने दे रही थी.
उसने रीमा को सीधा किया & उसकी शर्ट निकाल दी.सामने रीमा का खुला आसमानी रंग का मॅचिंग ब्रा उसकी तेज़ सांसो से उपर-नीचे होती छातियो पे पड़ा हुआ था.शेखर ने हौले से उसे उसकी बाहो से निकाला & पहली बार उसकी हल्के गुलाबी निपल्स से सजी बड़ी-2 कसी चूचियो का दीदार किया.
"वाउ!रीमा,तुम तो हुस्न की देवी हो.",वो झुक कर अपने छ्होटे भाई की विधवा की चूचिया चूसने लगा.उसे लगा कि वो जन्नत की सैर कर रहा है.इस से बड़ी & उतनी ही कसी छातिया उसने पहले कभी नही देखी थी.उसने जी भर के उन गोलो को दबाया,सहलाया,चूसा & चूमा.उसकी हर्कतो से रीमा 1 बार फिर गरम हो गयी & अपने जेठ के बालो मे मस्ती मे उंगलिया फिराने लगी.
शेखर अब रुक नही सकता था,उसे तो अब बस इस खूबसूरत हसीना की जम कर चुदाई करनी थी.वो उसकी चूचिया छ्चोड़ खड़ा हुआ & पहले रीमा की पॅंटी & फिर अपना अंडरवेर निकाल दिया.रीमा तो शर्म से बहाल हो गयी.रवि के अलावा आज वो पहली बार किसी मर्द के सामने नंगी हुई थी & उसे नंगा देख रही थी & वो मर्द और कोई नही उसका जेठ था.ये तो उसने सपने मे भी नही सोचा था कि वो 1 दिन अपने जेठ से चुदेगि.
शेखर ने थोड़ी देर तक अपनी बहू के नंगे हुस्न को आँखो से पिया.उसी वक़्त रीमा ने भी अधखुली आँखो से अपने जेठ के लंड को देखा.उसे हैरत हुई कि वो बिल्कुल उसके पति के लंड जितना ही लंबा & मोटा था.यहा तक की उसका रंग भी वैसा ही था.
शेखर ने उसकी जंघे फैलाई & उसके उपर लेट गया & उसके होठ चूमने लगा,उसका 1 हाथ नीचे गया & लंड पकड़ कर रीमा की चूत मे घुसा दिया.
"आ..आहह..!",रीमा हल्के से करही.कितने दीनो बाद आज फिर उसकी चूत ने लंड चखा था.कुच्छ तो उसकी बनावट ही ऐसी थी & कुच्छ इतने दीनो तक ना चुदने के कारण शायद रीमा की चूत थोड़ा और कस गयी थी.शेखर ने सपने मे भी नही सोचा था की रीमा इतनी कसी होगी,उसके लंड को ये एहसास हुआ तो उसकी भी आह निकल गयी.
अगले 2-3 धक्को मे उसने अपन पूरा लंड जड़ तक रीमा की चूत मे उतार दिया & ज़ोरदार धक्को के साथ उसकी चुदाई करने लगा.वो तो जोश मे पागल ही हो गया,कभी वो उसके गुलाबी होंठ चूमता तो कभी चूचिया.उसके हाथ कभी रीमा के चेहरे को सहलाते तो कभी उसकी चूचिया दबाते हुए उसके निपल्स को छेड़ते.
थोड़ी देर मे रीमे की चूत भी पानी छ्चोड़ने लगी & वो भी नीचे से कमर हिला-2 कर अपने जेठ के धक्को का जवाब देने लगी.उसने अपने जेठ के जिस्म को अपने बाहों मे भर लिया & आहें भारती हुई अपनी टांगे हवा मे उठा दी.शेखर समझ गया कि वो भी अब झड़ने वाली है.
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