RE: Mastram Kahani खिलोना
उस दिन उसने गौर किया कि उसके ससुर जब भी मौका मिलता उसकी नज़र बचा के उसके बदन को नज़र भर देख रहे हैं.उसे शर्म भी आई पर दिल के किसी कोने मे अच्छा भी लगा-आख़िर इस दुनिया की ऐसी कौन सी लड़की है जो अपने हुस्न की तारीफ,खामोश तारीफ ही सही,नही पसंद करती.
रात के खाने के बाद काम ख़त्म कर वो छत पे टहलने चली गयी,अक्सर वो ऐसा करती थी.इस वक़्त चलने वाली ठंडी हवा उसे बहुत अच्छी लगती थी.पर उस दिन छत पे वो अकेली नही थी.वाहा शेखर भी खड़ा सिगरेट पी रहा था.
"सॉरी,मुझे पता नही था कि आप भी यहा हैं."
"कोई बात नही,रीमा.मैं तो बस इसके लिए आया था.",उसने सिगरेट फेंक अपने जूते से टोट को मसल दिया.
थोड़ी देर की खामोशी के बाद शेखर बोला,"रीमा...मैं पिता जी के रवैयययए के लिए तुमसे माफी माँगता हू."
"जी,कैसा रवैयय्या?"
"वही जो वो तुम्हे बहू नही केवल नर्स मानते हैं."
"ओह..वो.",रीमा तो अपने ससुर की माफी के बाद ये बात तो भूल ही गयी थी.
"आप माफी माँग के मुझे शर्मिंदा ना करे,भाय्या.वैसे सब कुच्छ ठीक ही चल रहा है."
"फिर भी.पिता जी ये ठीक नही कर रहे हैं."
"छ्चोड़िए ना.आप मीना भाभी को क्यू नही लाए?इसी बहाने उनसे भी मिल लेती.रवि उनकी बहुत तारीफ करता था."
"तुम्हे नही पता."
"क्या?"
"मीना & मेरा तलाक़ हो चुका है?"
"क्या?ई..आइ'एम सॉरी."
"प्लीज़ डॉन'ट बी.आइ'एम नोट."
रीमा के लिए 1 चौंकाने वाली खबर थी.वो अपने ख़यालो मे डूबी थी कि उसने देखा कि उसका पल्लू उसकी चूचियो के बीच आ गया है & उसकी दाई चुचि की ब्लाउस मे कसी गोलाई & थोडा सा क्लीवेज सॉफ दिख रहा है & उसके जेठ की नज़रे इस नज़ारे का पूरा लुत्फ़ उठा रही हैं.
"अच्छा,मैं चलती हू.नींद आ रही है,गुड नाइट,भैया!"
"गुड नाइट रीमा."
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रात को रीमा कपड़े बदलते वक़्त अपने ससुर & जेठ की निगाहो की गुस्ताख़ी याद कर रही थी.उसकी चूत मे फिर से वही पुरानी हलचल होने लगी.उसने अपने कपड़े उतार दिए & नंगी बिस्तर पे लेट गयी.उसके ससुर ने तो उसकी ब्लाउस मे बंद छातियो की पूरी गोलाई देखी थी & उसका पेट भी...हाई राम!उन्होने इसे भी देख लिया.उसने अपनी नेवेल रिंग से खेलते हुए सोचा तो उसे शर्म भी आई & हँसी भी & हाथ अपनेआप सरक के चूत पे चला गया.
वो पलंग पे पेट के बल लेट अपनी छातिया बिस्तर पे रगड़ती हुई अपने चूत के दाने को रगड़ने लगी & तभी जैसे उसके दिमाग़ मे रोशनी सी कोंधी.अपने सवालो का सही जवाब पाने का तरीका उसे मिल गया था-उसका बदन.
मर्द की सबसे बड़ी कमज़ोरी है औरत का जिस्म & अपने इसी जिस्म का इस्तेमाल वो अपने ससुर & जेठ से अपने मन की उलझानो को दूर करने के लिए करेगी.वो सोचेंगे कि वो उनका खिलोना है पर हक़ीक़त मे वो उनके साथ खेलेगी & रवि की मौत & उसके पैसे गबन करने का राज़ जानेगी.
"ऊओह.....आआ...हह.....!",अरसे बाद उसे फिर से अपने औरत होने का एहसास हुआ था.आह भरती हुई वो झाड़ गयी पर इस बार रवि नही,पता नही क्यू & कैसे,पानी छ्चोड़ते वक़्त उसके ज़हन मे यही ख़याल आया कि उसके साथ-2 उसके ससुर उसकी चूत मे झाड़ रहे हैं.
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