RE: Kamukta Kahani कलियुग की सीता—एक छिनार
अगले दिन मेरी मम्मी मंदिर गयी थी मैने उसे कॉल किया और बोला आजा फिर वो मेरे घर आया हम बैठ कर बाते करने लगे. उसने मुझसे कहा बबलू क्या तुम चाहते हो कि आज से वो लड़के तुम्हे नही चिडाए मैने कहा हां क्या ये हो सकता है उसने कहा हां हो सकता है पर तू मेरी कुछ बाते मान ले मैने कहा हां बोलिए मैं आपकी हर बात मानूँगा उसने कहा विकी तू मुझे दिखा ना तेरी मम्मी कैसी पैंटी पहेन्ति थी मैने कहा ठीक है और मैं गया और मम्मी जितनी पैंटी ब्रा पहेन्ति थी ले आया…ज़हीर ख़ान ने कहा,पता है तुझे मैं इस पैंटी का क्या करूँगा,इसको मैं उन सारे लड़को मे बाँट दूँगा जो तेरी मम्मी के बारे मे तुझे चिड़ाते है.उन्हे सिर्फ़ इस बात का मलाल है कि तेरी मम्मी सिर्फ़ मेरे अब्बू से क्यों चुदती है,कुछ दिन तो कम से कम वो पैंटी ब्रा मे मूठ मारेंगे और उनकी भडास निकल जाएगी,फिर तुझे नही चिढ़ाएँगे..मुझे ज़हीर का आइडिया जॅंच गया…..लेकिन इसका मैं क्या करता जो फिर तीसरे दिन हो गया.उस दिन मैं नीचे कुछ समान खरीद रहा था कि कुछ दूसरे लड़को ने मुझ पे फबती कसी , यार हम ,मे क्या कमी थी जो तेरी मम्मी बशीर ख़ान का बिस्तर गरम करने लगी उन्होने कहा चल तू एक काम कर अपनी मम्मी से कह जैसे उसका बिस्तर गरम करती है हमारा भी कर दे और बोलना पैसे भी देंगे हम. मुझे बहुत गुस्सा आया
इतना कह कर बबलू रोने लगा और कहा अब तुम ही बताओ सीता दीदी,ऐसे हालात मे पापा सुसाइड नही करते तो और क्या करते???पापा के साथ भी तो यही होता होगा..मुझे बशीर ख़ान पर बहुत गुस्सा आ रहा था,ये सारा कुछ बशीर ख़ान के कारण ही तो हो रहा था…पता नही बशीर ख़ान ने मम्मी मे क्या देखा था जो आज मोहल्ले की रंडी बन गयी है…हमारे मोहल्ले की मस्ज़िद का मामूली सा मोलवी ही तो है जो मम्मी उसकी रखैल बन गयी हैं जबकि मेरे मम्मी पापा दोनो डॉक्टर थे……मैने दिमाग़ को झटका दिया,टाइम देखा तो रात के 9 बज चुके थे,मैं भाई के साथ खाना खाने आ गयी
खाना खा के हम सो गये…रात मे मुझे पेशाब लगी तो मैं बाथरूम गयी,अचानक मुझे मम्मी के रूम से उनके खिलखिलाने की आवाज़ सुनाई दी…मैं दौड़ के वहाँ गयी और की होल आँख सटा दी..जो कुछ मैने देखा,उसके बाद मेरा दिमाग़ ही घूम गया.मैने देखा कि मम्मी ने एक लाल रंग की सलवार सूट पहन रखी है,सलवार सूट बहुत ही टाइट थी और मम्मी और बशीर ख़ान सोफे पर बैठ कर बाते कर रहे थे .बशीर ख़ान का हाथ मेरी मम्मी की जाँघो पर था और सहला रहा था उसने मेरी मम्मी के गोरे गोरे गालो पे पप्पी लेते हुए कहा सावित्री डार्लिंग, सच मे तुम बहुत मदमस्त माल हो जब भी तुम्हे देखता हू मन करता है पटक के चोद डालु. मम्मी शरमा के लाल लाल हो रही थी और अपने बालो को बार बार ठीक कर रही थी…फिर मम्मी ने बालो का मोड़ कर जुड़ा बना लिया. इस वक़्त मम्मी इतनी सेक्सी लग रही थी किसी भी मर्द का ईमान डोल जाए.होंठो पे डीप रेड लिपस्टिक,नाक मे नथ्नि ,कान मे बड़े बड़े झुमके..और माथे पर बिंदिया.अचानक मम्मी ने कहा मुझे सूसू आई है,चलो ना.बशीर ख़ान ने मम्मी के गालो पर एक ज़ोर की चुम्मि ली और बोला ठीक है,चलो…
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