RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
राज- मम्मी तुम फिकर मत करो तुम नही जानती मैं अपनी इस गुड़िया रानी को कितना प्यार करता हू और मैने मम्मी
के सामने ही संगीता के गालो को खूब कस कस कर चूम लिया,
संगीता को अपनी मोटी गंद मे शायद मेरे लंड का एहसास हो चुका था और उसके चेहरे का रंग उड़ गया था वह अपनी
गंद को इधर उधर रखने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने उसे अपनी बाँहो मे कस कर जाकड़ रखा था
तभी मम्मी किचन मे जाकर हम लोगो के लिए चाइ ले आई और फिर संगीता मेरी गोद से उतर कर मेरे पास बैठ
गई, संगीता का चेहरा जब मैने देखा तो एक दम लाल था और वह बार बार कभी मुझे और कभी मेरे लूँगी मे
खड़े लंड को देखने की कोशिश कर रही थी,
सामने मम्मी बैठ कर मुझसे बाते करने लगी और मैं बीच
बीच मे संगीता के मोटे मोटे दूध देख कर अपने होंठो पर गीली जीभ फेरने लगा था,
रति -बेटे इस सनडे कही घूमने चला जाय बहुत समय से कही दर्शन करने नही गये,
राज- मम्मी कहाँ जाने का मूड है आपका
रति- बेटे चल इस बार शिर्डी के दर्शन करके आते है,
राज- मम्मी फिर तो हमे शनिवार को रात को निकलना होगा सनडे दिन भर घूमेगे और सनडे रात तक घर आ
जाएगे,
रति- ठीक है जैसा तुम्हे जमे, बस तू एक दिन पहले बोल देना ताकि मैं तैयारी कर लू,
मम्मी के जाने के बाद संगीता भी उठ कर मम्मी के पीछे जाने लगी तो मैने उसका हाथ पकड़ कर उसे खींच
कर अपनी गोद मे बैठा लिया और उसके गालो को चूमते हुए,
राज- मेरी प्यारी बहना मुझे बहुत याद करती है क्या
संगीता- आह भैया छ्चोड़ो ना, आप कितना ज़ोर से मुझे दबा लेते हो,
राज- मेरी गुड़िया रानी तू है ही इतनी सुंदर कि मैं जब भी तुझे देखता हू दिल करता है तेरे सारे बदन को चूम लू,
संगीता- हटिए भैया मुझे जाने दीजिए
राज- संगीता अच्छा मेरी बात तो सुन और फिर मैने संगीता को धीरे धीरे सहलाते हुए कहा
राज- संगीता तूने कभी गन्ने चूसे है
संगीता- मेरी ओर देख कर नही भैया
राज- तेरा मन कभी गन्ना चूसने का करता है
तभी उधर से मम्मी आ जाती है और
रति- बेटे राज मुझे गन्ने बहुत पसंद है मैने सच बेटा कई सालो से कोई गन्ना नही चूसा है
मम्मी की बात सुन कर मैने मन मे सोचा, मेरी रानी मैं जानता हू तुझे खूब मोटा गन्ना चाहिए तू फिकर मत
कर मैं तेरी मस्तानी चूत मे ऐसा मस्त गन्ना डालूँगा कि तू जिंदगी भर मेरे गन्ने की दीवानी रहेगी,
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