RE: vasna kahani बेनाम सी जिंदगी
मैने हार मानते हुए पायल को वॉलेट मे से पैसे निकाल कर दे दिए और पार्किंग मे चला गया. बाइक पार्क की,हेल्मेट साइड मे लॉक किया और मैं पार्किंग मे की सीढ़िया चढ़ते हुए बॉक्सॉफिस की ओर चल पड़ा. बड़ी भीड़ थी आज. सब कपल ही दिख रहे थे मोस्ट्ली. कॉलेज के बच्चे ज़्यादा तर. सनडे के दिन तो जैसे सारी दुनिया ही मूवी देखने निकलती हो! मैं टिकेट काउंटर के पास आ गया और पायल को ढूँढने लगा. लंबी लाइन थी, तो मैं लाइन के एंड तक गया मगर पायल कही दिखी ही नही. मैने 2 बार पूरी लाइन छान मारी, मगर उसका कोई आता पता नही था. फाइनली मैने सोचा कि उसे कॉल करता हूँ कि आख़िर हैं कहाँ वो? उतने मे ही मुझे पायल सामने से आती दिखाई दी और मैने पहली बार उसको अच्छी तरह से देखा. और वाकई मे, देखता ही रह गया. उसके गोरे गोरे जिस्म पे पिंक कलर का सूट बोहोत ही जच रहा था. मैने इतने लंबे वक़्त मे कभी पायल के जिस्म को नोटीस नही किया था की किस कातिलाना तरीके से उसकी कमर एक बड़ा ही मादक मोड़ लेती हैं जब वो चलती हैं तब. आज तक मैने उसको सिर्फ़ स्वीट शर्ट मे ही देखा था. इतने मोटे कपड़े मे उसके जिस्म का अंदाज़ा कोई भी नही लगा सकता था. हमेशा एक सिंपल सी पोनी टेल बांड कर आने वाली पायल की ज़ूलफ़े आज हवा मे ऐसे लहरा रही थी जैसे किसी सागर मे उठने वाली लहरे हो. काले घने और लंबे बाल थे उसके. उसका कुर्ता डिज़ाइनर था. थोड़ा सा लो कट. मगर अगर वो लो कट ना भी होता तो कोई अँधा भी पायल के सीने के उभार को नज़र-अंदाज़ ना कर पाता. उसके गोरी स्किन, उस पिंक कुर्ते को इस कदर चिपक गयी थी कि जैसे कोई अंतर ही ना हो. हर एक कदम के साथ पायल के बोहोत ही मादक बूब्स उपर-नीचे हो रहे थे. मुझमे एक अजीब सी तड़प महसूस कर रहा था मैं कि उन्न उभारो के बीचे अपना चेहरा दबा दूं और उनकी खुश्बू और मुलायम एहसास मे खो जाउ.
पायल: ये ले टिकेट्स!
उसने एक बड़ी ही मनमोहक स्माइल के साथ कहा.
मे: बट मैने पूरी लाइन छान मारी. तू कही नही दिखी. ब्लॅक मे लेकर आई हैं क्या?
मैने उसे छेड़ते हुए कहा.
पायल: शूट अप! ब्लॅक मे नही. मैने पहले ही घर पे टिकेट्स ऑनलाइन निकाल ली थी तो कियोस्क मशीन पे प्रिंट्स लेने गयी थी
मे: वाह! ऑनलाइन? क्या बात हैं पायल मेडम.
उसने बड़े ही प्यारे अंदाज़ मे अपना चेहरा उपर करते हुए मुझे एक स्माइल दी और कहा;
पायल: चले अब?? लेट हो जाएगे वरना
मे: हाँ हाँ! चलो. बस ज़रा वॉश रूम होकर आउ. हेल्मेट मे बालो की वाट लग गयी.
पायल: ओफफफूह! क्या नाटक हैं तेरे? अच्छे ही तो हैं बाल.
मे: अर्रे मेरे लिए नही., अब कोई देखेगा कि इतनी सुंदर और हॉट लड़की के साथ कोई मुझ जैसा पागल चल रहा हैं तो कैसा लगेगा?
पायल की आखो मे और उसके चेहरे पर शर्माहट सॉफ नज़र आ रही थी.
पायल: मस्का मार रहा हैं!!?
मे: क्या ज़माना आ गया. कोई सच कहे तो लोगो को मस्का मारना लगता हैं. कलयुग हैं भाई!
पायल: बाते बनाना तो कोई तुझसे सीखे सम्राट. ठीक हैं चल जल्दी. मैं भी वॉशरूम हो आती हूँ
और हम दोनो वॉशरूम की ओर निकल पड़े. मैं आस पास का नज़ारा देखते हुए पीछे चल रहा था और पायल मल्टिपलेक्स के स्टोर्स मे से नज़रें घुमाते हुए मेरे आगे आगे चल रही थी. तभी मेरी नज़र पायल की बेहद ही मुलायम, टाइट और देखते ही पता चल जाए ऐसी मांसल गान्ड पर पड़ी और मानो वही अटक गयी. उसने वाइट कलर का सलवार पहनी थी जो कि उसकी मादक टाँगो से सटा के चिपका हुआ था. उस सलवार मे से भी पायल की टाँगो का शेप ईज़िली पता किया जा सकता था जो की बड़ा ही आकर्षक था. जैसे जैसे पायल अपने कदम आगे आगे बढ़ा रही थी वैसे वैसे उसकी गान्ड एक मधुर लय मे नाच रही हो जैसे ऐसे उपर नीचे हो रही थी. बिल्कुल बब्ब्ली गान्ड थी उसकी जो मैने आज तक उसकी थिक जीन्स मे कभी नोटीस नही थी. मैने पायल के जिस्म को पीछे से निहार रहा था. उसके कमर तक लटकते काले बाल, और जहाँ वो ख़त्म होते थे वहाँ से उसकी कातिलाना कमर का जानलेवा मोड़ शुरू होता था जो सीधा जाके उसकी पूरी तरह से भारी गान्ड से जाके मिलता था. मेरी नज़रें उसकी गान्ड से ज़रा नीचे हुई और एहसास हुआ मुझे कि कितनी गोल और मादक थिंग्स हैं पायल के. मैं ज़रा और पायल के पास आ गया और उसके ठीक पीछे चलने लगा और उसकी गान्ड के उभार को छूने के लिए जैसा मेरा हाथ तड़प रहा था. इतने मे वॉशरूम भी आ गया. पायल ने मेरी ओर देखते हुए कहा;
पायल: जल्दी आ!!
मैने कुछ जैसे सुना ही नही, बॅस 'हां' मे मुन्डी हिला दी और वॉशरूम मे चला गया. यरिनल के सामने जाके खड़ा हो गया और अपनी ज़िप खोली. और तब मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मेरा लंड पत्थर जैसा सख़्त हो गया था. अब यहाँ मैं जीन्स तो निकल सकता नही था. बड़ी मुश्किल से मैने अपनी कमर को ज़रा सा पीछे लिया, अपना हाथ ज़िप के अंदर डाला और पत्थर जैसा लंड बाहर निकालने की कोशिश करने लगा. 1-2 बार ट्राइ किया मगर कही ना कही जीन्स से टकरा ही रहा था. मेरी हालत खराब हो रही थी. मैने सोचा की आखे बंद करके कुछ और सोचता हूँ शायद काम बन जाए. मैने अपनी आखे बंद की और;
"भैन्चोद!!!"
मेरी मूह से ज़ोर से निकल गया और आस पास वाले मुझे घूर्ने लगे. मैने शरम से नीचे देखा. जो ही मैने आखे बंद की फिर से मेरे आखो के सामने पायल की रसीली गान्ड आ गयी और हालत और बत्तर हो गयी. अब मुझे गुस्सा आने लगा था. फ्रस्ट्रेशन मे मैं अपना लंड पकड़ा और ज़ोर से जीन्स मे से बाहर खीचा और इस दौरान वो हो गया जिसका मुझे अंदाज़ा भी नही था. लंड खड़ा होने की वजह से खीचते टाइम मुड़ा नही और ज़िप से घिसता हुआ बाहर निकला.. मैने बड़ी मुश्किल से मेरे मूह से निकलती हुई चीख को दबाया. शुक्र हैं कि मेरा लंड कटा हुआ नही और आगे की स्किन थी,मगर फिर भी जीन्स की मेटल की ज़िप ने एक जख्म दे ही दिया मेरे लंड को. खून तो नही निकला मगर घाव ज़रूर हो गया था. ये बड़ी मुसीबत थी अब क्योकि मैं घर भी नही जा सकता था पायल को छोड़ कर. किसी तरह मैने मुतना ख़त्म किया और इस बार जीन्स का बटन खोल कर बड़े ही प्यार से लंड को अंदर डाला. अब मैं बड़ी तक़लीफ़ मे था. आपमे से किसी का लंड कटा हो इस तरह तो आप समझ सकते हैं मैं किस तक़लीफ़ की बात कर रहा हूँ तो. वॉशबेसिन के पास जाकर मैने हाथ वॉश किया और टाय्लेट से बाहर निकला. सामने ही पायल खड़ी थी;
पायल: सो गया था क्या? कब से वेट कर रही हू.
मेरे दिल मे आया की तेरी गान्ड की वजह से मेरे लंड की हालत खराब हो गयी. मगर मैने चुप रहने मे ही भलाई समझी और कुछ ना कहते हुए आगे बढ़ गया. हमारा शो स्क्रीन 2 पर था और ऑलरेडी हम 3 मिनट लेट हो गये थे.
मे: सीट नंबर क्या हैं पायल?
पायल: उम्म्म्म....पी14,पी15
मे: ये तो 3र्ड लास्ट रो की कॉर्नोर सीट्स हैं.
पायल: अब जो अवेलबल थी वो ही मैने बुक की. कॉर्नोर हो या सेंटर, हमे क्या?
मे: हाँ वो तो हैं.
जल्दी से हम जाके हमारी सीट्स पे बैठ गये..
क्रेडिट्स ऑलरेडी स्टार्ट हो चुके थे जब हम सेट्ल हो गये. एक दम कॉर्नोर की सीट्स थी और दोस्तो आप लोग तो जानते ही हैं कि कॉर्नोर सीट्स वैसे भी बदनाम होती हैं, स्पेशली जब 1 जवान कपल दिख जाए तो. और अब इसे संजोग ही कहा जा सकता हैं कि उस दिन,उस शो मे हमारी रो और आगे वाली रो मे ढेर सारे जवान कपल्स बैठे थे. मूवी स्टार्ट हो गयी. मैं अस्यूम करता हूँ कि आप लोगो ने मूवी तो देखी ही होगी. बड़ी अच्छी मूवी हैं. एक्सलेंट आक्टिंग! सीट्स भी काफ़ी कंफर्टबल थी. आइ लव दट अबाउट फेम! कंफर्टबल सीट्स, बढ़िया साउंड सिस्टम और सेंट्रल एसी भी..
हँसते खेलते हम मूवी देखने लगे. पायल मूवी देखने मे पूरी तरह से बिजी थी. मैं भी सीधा आगे की तरफ मूवी ही देख रहा था कि तभी मेरी नज़र एक ख़ास नज़ारे पर पड़ी. हमारी आयेज की रो मे, लेफ्ट साइड की सीट पर 1 कपल बैठे थे. हमारी ही एज के लग रहे थे. शायद 1-2 साल बड़े हो. शकल तो मैं ठीक से नही देख पा रहा था मगर जो मैं देखना चाहता था वो मुझे बड़ी अच्छे से दिख रहा था. लड़की ने एक टीशर्ट पहना था ब्लॅक कलर का. कुछ डिज़ाइन भी था उसपे और उसने कमर से नीचे का हिस्सा धक रखा था, वो लड़किया जो स्कार्फ पहनती हैं ना हमेशा, उससे! शायद एसी मे उसे ठंड लग रही हो इसलिए ढका होगा.लाइट कलर का स्कार्फ था उसका. मेरी नज़र उन दोनो पर नही जाती, मैं तो बॅस अपनी नज़रें घुमा रहा था आस पास मूवी देखते हुए. आदत हैं मेरी वो! मेरी नज़र उन दोनो पर अटक इसलिए गयी कि जैसे ही मैने एक नज़र घमाई मुझे कुछ अजीब लगा उन्हे देख कर. अब अगर आप मूवी देखते हो तो आपकी नज़र स्क्रीन पर होनी चाहिए ना कि उपर की सीलिंग पर. उस लड़की की गर्दन उपर की ओर मूडी थी और धीमे धीमे हिल रही थी. ध्यान से देखने पर समझ आता था कि लड़की की गर्दन हिल रही हैं,वारना ना तुझसे आए किसी को. और दूसरी अजीब बात ये लगी मुझे कि उसका स्कार्फ हिल रहा था. जैसे उसके नीचे कुछ हो. एक उभार दिख रहा था मुझे उस स्कार्फ मे. ऐसा उभार जो नॉर्मली हमारा लंड खड़ा हो जाने पर दिखाई पड़ता हैं पॅंट मे से. एक सेकेंड के लिए थी मुझे लगा कि बंदी को कही लंड तो नही, आस इन शीमेल!! तो मैं ज़रा और गौर से उन्हे देखने लगा. एक नज़र मैने पायल की ओर भी डाली. वो मूवी देख रही थी बड़े ध्यान से.
मेरी नज़रें दोबारा उस कपल पे जड़ गयी. इस बार स्कार्फ मे हलचल कुछ ज़्यादा ही बढ़ गयी थी. मुझे बड़ा अजीब लग रहा था कि आख़िर माजरा क्या हैं भाई?! मैं अपनी सीट पर थोड़ा सा और पीछे सरक कर बैठ गया ताकि मैं ठीक से देख सकूँ. मेरी हलचल से पायल की नज़र मुझपे पड़ी. उसने उसके आइ-ब्राउस उपर चढ़ाते हुए मुझे सवालिया नज़रों से देखा और मैने एक स्माइल देते हुए उसे थंब्स अप दिखा दिया.. मानो कंफर्टबल होके मैं मूवी देखना चाहता हूँ. कुछ देर मे फिर से पायल मूवी मे खो गयी और मेरी आखे ऑटोमॅटिकली उधर मूड गयी. अब मुझे ठीक से दिख रहा था. लड़की ने ब्लॅक टॉप पहने होने की वजह से ज़रा दिक्कत हो रही थी, मगर ज़रा गौर से देखा मैने और;
'ओहूओ!!!'
मैं अपने आप से ही कह गया. अब माजरा समझ आया. शायद मुझे समझ आता भी नही, मगर मैने इस बात पर गौर किया की उस लड़की की कमर इतनी तो मोटी नही जितना वाइड वो स्कार्फ फैला था. और तभी मुझे एहसास हुआ की उसके बाय्फ्रेंड का हाथ स्कार्फ के नीचे था. अब ये तो कहने की ज़रूरत ही नही हैं कि वो उसका हाथ स्कार्फ के नीचे डाल के क्या कर रहा होगा? और वो लड़की स्क्रीन पर देखना छोड़ कर उपर क्यू देख रही थी. एक बड़ी ही स्टेडी स्पीड से लड़के का हाथ हिल रहा था. मैं बड़े इंटेरेस्ट से देख रहा था और तब मुझे एहसास हुआ कि,'ओफफ्फ़..शिट'! मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा हो रहा था. पहले तो मुझे कोई प्राब्लम नही थी लंड खड़ा होने से मगर जब मेरी जीन्स की ज़िप मेरे लंड को छूने लगी तब मुझे दर्द होने लगा, जो कि एक बोहोत बड़ी मुसीबत थी.
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